रोहतास : पूर्व विधायक ललन पासवान ने एक बार फिर से बिहार की सियासत की गर्मी बढ़ा दी है. उन्होंने अपने बयान से बिहार सरकार को जमकर घेरा है. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार में 'चच्चा-बच्चा' की जोड़ी ने 20 लाख गरीब, दलित और पिछड़ों के बच्चों के किस्मत पर कालिक पोत दी है.
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बच्चों के भविष्य की गला घोटने वाली सरकार: उन्होंने सासाराम में मीडिया से बात करने के दौरान कहा कि चच्चा और बच्चा मिलकर झुलुआ खेल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर गरीब के बच्चे दिन-रात अपने मां-बाप के साथ खेत में मजदूरी कर रहे. उन्होंने आरोप लगाया की वैसे बच्चों के भविष्य की गला घोटने वाली सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को अपने भतीजे की चिंता है. लेकिन बिहार के गरीब, नौनिहालों की इन्हें तथा उनके अफसरों को कोई चिंता नहीं हैं.
"दुनिया में दो ही ईमानदार लोग हैं, एक नीतीश कुमार और दूसरा उनके शिक्षा विभाग के अधिकारी केके पाठक. जिस प्रकार नीतीश कुमार अपने भतीजे को बरगला रहे हैं. ठीक उसी प्रकार जैसे बिहार के 20 लाख गरीब बच्चों को. इन गरीब बच्चों के किस्मत की गला घोंटी जा रही है. बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को अपने भतीजे की चिंता है. लेकिन राज्य के गरीब, नौनिहालों की कोई चिंता नहीं है." - ललन पासवान, पूर्व विधायक
'JDU की नाव डूब रही': बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले ही जदयू पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. आरसीपी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा जैसे बड़े नेताओं ने पार्टी को पहले ही अलविदा कह दिया है. वह पहले से ही नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर लगातार हमलावर है. वहीं, अब इस कड़ी में रोहतास के चेनारी से विधायक रहे ललन पासवान भी जुड़ गए है. उन्होंने इसी महीने रविवार (14 अक्टूबर) को एक और बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जदयू की नाव अब लालू जी के तालाब में डूबने वाली है. इसलिए वह छलांग लगाकर अपनी जान बचा लिए हैं.