पूर्णिया: लॉकडाउन में फंसे बिहारी मजदूरों को वापस होना शुरू हो चुका है. लेकिन राज्य के अंदर फंसे मजदूरों को वापस उनके गृह जिले भेजने को लेकर कोई कवायद अब तक शुरू नहीं हुई है. कोई रास्ता नहीं निकलता देख पूर्णियां का एक मजदूर भागलपुर से अपने 3 बच्चे 8 महीने की गर्भवती पत्नी को लेकर पैदल की पूर्णिया के लिए निकल पड़ा.
'मजदूरी करने के लिए आया था भागलपुर'
इसको लेकर मजदूर रहमान ने बताया कि मजदूरी करने के लिए भागलपुर आया अपने बीबी-बच्चों के साथ भागलपुर आया था. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया. काम बंद होने के कारण मजदूरी मिलनी बंद हो गया. जिस वजह से भोजन पर भी ग्रहण लग गया. इस वजह से जर्जर साईकल पर तीन मासूम बच्चे, गर्भवती पत्नी और अपने दो छोटे भाई-बहन के साथ पैदल वापस पूर्णिया जा रहा हूं.
बिहार में बढ़ रहा कोरोना का प्रभाव
कोरोना के वजह से मानवीय क्रियाकलाप पूरी तरह से ठप है. बंदी का सबसे ज्यादा असर गरीब दिहाड़ी मजदूरों पर हो रहा है. काम बंद होने के कारण मजदूर देश के अन्य प्रदेशों समेत पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहे हैं. कोरोना के कारण लॉकडाउन को लगातार बढ़ाया जा रहा है.
बिहार में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बुधवार को पटना में दो सहित पांच जिलों में 6 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज की पहचान की गई. जिसके बाद कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 542 हो गई है. राज्य में अब तक 27,738 से ज्यादा नमूनों की जांच हो चुकी है. कुल स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 188 है. जबकि पूरे राज्य में संक्रमण के कारण 4 की मौत हो चुकी है.