पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया (Purnia) जिले में महानंदा नदी और कनकई के कटाव का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. यहां एक के बाद एक कई मकान नदी में समाते जा रहे हैं. यह भयावह दृश्य देखकर लोग पलायन करने लगे हैं. हालांकि उनके पास कोई ठौर-ठिकाना नहीं है, लेकिन जान बचाने के लिए वहां से जा रहे हैं. कुछ लोग अपने मकान को तोड़कर ईंट-सरिया निकाल रहे हैं, जिसे उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई से बनवाया था. उनका कहना है कि इसे निकाल रहे हैं क्योंकि पानी में बह जाने के बाद हाथ कुछ नहीं लगेगा.
इसे भी पढ़ें: Purnea Flood: कनकई नदी में विलीन हुए सैकड़ों घर, कटाव के डर से कर रहे पलायन
पूर्णिया के बायसी अनुमंडल के बायसी अमौर, बैसा और रोटा इलाके में नदी के जलस्तर बढ़ने से बड़ी तबाही मची हुई है. इन इलाकों से गुजरने वाली कनकई, परमान और महानंदा नदी के जलस्तर बढ़ने से तेजी से कटाव हो रहा है. जिसके कारण सैकड़ों परिवार पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं. मकान नदी में विलीन होता देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Flood in Bihar: CM नीतीश के साथ मंत्री संजय झा हवाई सर्वेक्षण को निकले, हालात देखने के बाद लेंगे निर्णय
इस भयावह स्थिति के बाद भी स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन की ओर से कोई सुध लेने नहीं पहुंचा. बिहार सरकार हवाई सर्वेक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. बायसी अनुमंडल के मरवा गांव में महानंदा नदी के कटाव के कारण 10 से 15 परिवार पलायन कर चुके हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि दिन तो किसी तरह गुजर जाता है लेकिन रात में कटाव के डर से गांव के लोग सोते नहीं हैं.
इन इलाकों में हर साल बाढ़ के कारण भयावह स्थिति हो जाती है. निचले इलाके के लोग बाढ़ के तबाही का शिकार होते हैं. यदि समय पर सरकार और स्थानीय प्रशासन ध्यान दें तो लोगों को बाढ़ के दंश से राहत मिल सकती है. बता दें कि जैसे ही लोग अपने घर को छोड़कर ऊंचे स्थान पर जाते हैं, चोरों का उत्पात शुरू हो जाता है.
'बायसी अनुमंडल के 45 जगहों पर कटाव हो रहा है. जिसे रोकने के लिए काम शुरू कर दिया गया है. 15 जगहों पर कटाव निरोधी कार्य गुरुवार से ही शुरू है. अन्य जगहों पर संवेदक को चिन्हित कर कटाव निरोधी कार्य करने का निर्देश दिया जा चुका है.' -राहुल कुमार, जिलाधिकारी