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कोरोना काल में जच्चा-बच्चा की कवच बनी सरकार, महिलाएं बोलीं- 'थैंक्यू नीतीश कुमार'

जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर गर्भवती ग्रामीण महिलाएं कहती हैं कि कोरोना की दस्तक के साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की चिंता बढ़ गई थी. हालांकि इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग प्रसव के नजदीकी माह को देखते हुए लगातार संपर्क कर रहे हैं. चिकित्सकों के साथ आशा और एएनएम की टीम भी वीकली जांच करने आती है.

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Published : May 31, 2020, 11:19 AM IST

पूर्णियाः कोरोना संक्रमण ने जीवन के हर एक पहलू पर अपना गहरा असर डाला है. वहीं, स्वास्थ्य सेवाएं भी इससे अछूती नहीं रही हैं. हालांकि ससमय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का फैसला जच्चा और बच्चा के लिए कवच बनकर उभरा है. गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए किए गए सरकार के प्रयास और स्वास्थ्य महकमे की मेहनत ने आखिरकार रंग लाई है. इस कोरोना के संकटकाल में सरकार के अनूठे प्रयास की गर्भवती महिलाएं सराहना करते नहीं थक रहीं.

सरकार दे रही जच्चा और बच्चा की सुरक्षा
ईटीवी भारत से बातचीत में सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जच्चा और बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहें, इस दिशा में ऐस्टीमेटेड डिलीवरी डेट के एक सप्ताह के पहले से ही रोजाना सभी गर्भवती महिलाओं का इनपुट कलेक्ट किया जाता है. इसके तहत गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल और घर वापस पहुंचाने के लिए 102 एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है. इसके साथ ही 24×7 में गर्भवती महिलाओं को तात्कालिक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

सरकार का है साथ तो फिक्र की छोड़ो बात
वहीं, जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर गर्भवती ग्रामीण महिलाएं कहती हैं कि कोरोना की दस्तक के साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की चिंता बढ़ गई थी. हालांकि इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग प्रसव के नजदीकी माह को देखते हुए लगातार संपर्क कर रहे हैं. चिकित्सकों के साथ आशा और एएनएम की टीम स्वास्थ्य भी वीकली जांच करने आती हैं. वहीं, गर्भवती माताओं को दूसरे तिमाही से 180 आयरन की गोली, 360 कैल्शियम की गोली और कृमि से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की गोली दी जा रही हैं. इसके साथ ही अस्पताल लाने व घर पहुंचाने के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है.

जच्चा और बच्चा की कवच बनी सरकार
सरकार की इस पहल की सराहना करते हुे गर्भवती महिलाएं कहती हैं कि स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर सर्वे पर पंहुचकर बच्चों के बेहतर पोषण के साथ ही कोरोना से जच्चा और बच्चा की सुरक्षा के उपाय सुझा रहे हैं. वहीं, ससमय फोन से कई समस्याओं के सुझाव दिए जाते हैं. गरीब परिवार की गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क मास्क, ग्लब्स-सैनेटाइजर और साबुन दिए जा रहे हैं. वहीं, सरकार के इस कदम से उन्हें बेहद सहारा मिला है. सरकार के इस कदम की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.

पूर्णियाः कोरोना संक्रमण ने जीवन के हर एक पहलू पर अपना गहरा असर डाला है. वहीं, स्वास्थ्य सेवाएं भी इससे अछूती नहीं रही हैं. हालांकि ससमय मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का फैसला जच्चा और बच्चा के लिए कवच बनकर उभरा है. गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए किए गए सरकार के प्रयास और स्वास्थ्य महकमे की मेहनत ने आखिरकार रंग लाई है. इस कोरोना के संकटकाल में सरकार के अनूठे प्रयास की गर्भवती महिलाएं सराहना करते नहीं थक रहीं.

सरकार दे रही जच्चा और बच्चा की सुरक्षा
ईटीवी भारत से बातचीत में सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जच्चा और बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहें, इस दिशा में ऐस्टीमेटेड डिलीवरी डेट के एक सप्ताह के पहले से ही रोजाना सभी गर्भवती महिलाओं का इनपुट कलेक्ट किया जाता है. इसके तहत गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल और घर वापस पहुंचाने के लिए 102 एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है. इसके साथ ही 24×7 में गर्भवती महिलाओं को तात्कालिक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

सरकार का है साथ तो फिक्र की छोड़ो बात
वहीं, जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर गर्भवती ग्रामीण महिलाएं कहती हैं कि कोरोना की दस्तक के साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की चिंता बढ़ गई थी. हालांकि इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग प्रसव के नजदीकी माह को देखते हुए लगातार संपर्क कर रहे हैं. चिकित्सकों के साथ आशा और एएनएम की टीम स्वास्थ्य भी वीकली जांच करने आती हैं. वहीं, गर्भवती माताओं को दूसरे तिमाही से 180 आयरन की गोली, 360 कैल्शियम की गोली और कृमि से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की गोली दी जा रही हैं. इसके साथ ही अस्पताल लाने व घर पहुंचाने के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है.

जच्चा और बच्चा की कवच बनी सरकार
सरकार की इस पहल की सराहना करते हुे गर्भवती महिलाएं कहती हैं कि स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर सर्वे पर पंहुचकर बच्चों के बेहतर पोषण के साथ ही कोरोना से जच्चा और बच्चा की सुरक्षा के उपाय सुझा रहे हैं. वहीं, ससमय फोन से कई समस्याओं के सुझाव दिए जाते हैं. गरीब परिवार की गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क मास्क, ग्लब्स-सैनेटाइजर और साबुन दिए जा रहे हैं. वहीं, सरकार के इस कदम से उन्हें बेहद सहारा मिला है. सरकार के इस कदम की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.

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