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Bihar Education System: किलो के भाव बेच दी गई बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताबें.. दो गिरफ्तार

बिहार सरकार एजुकेशन सिस्टम सुधारने के प्रयास में लगी है. योजनाओं के तहत छात्रों को निशुल्क पुस्तकें वितरित की जाती है ताकि गरीब बच्चे भी पढ़ाई कर अपना भविष्य संवार सकें लेकिन पूर्णिया में सरकार की तमाम कोशिशों पर बट्टा लगाया जा रहा है. जहां बच्चों की कोर्स की किताबों को कबाड़ी की दुकान से बरामद किया गया है.

Purnea News
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Published : May 22, 2023, 1:19 PM IST

Updated : May 22, 2023, 1:48 PM IST

कबाड़ी को बेची गई सरकारी स्कूल की किताबें

पूर्णिया: शिक्षा विभाग के कर्मियों के बीच रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब उन्हें जानकारी मिली कि सरकारी योजना के तहत बच्चों तक पहुंचने वाली किताबों को पुलिस ने कबाड़ी की दुकान पर लगे ट्रैक्टर से बरामद किया गया है. दरअसल केहाट थाना क्षेत्र के डॉनर चौक स्थित एक कबाड़ी की दुकान में पुलिस ने छापा मारा. दुकान से ट्रैक्टर पर रखी सरकारी योजना के तहत बच्चों तक पहुंचने वाली किताबें बरामद की गई है. इस मामले में 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

पढ़ें- Bihar Politics: 'बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़, पढ़ाने के बजाए जनगणना में लगे हैं शिक्षक'- विजय सिन्हा

कबाड़ी को बेची गई सरकारी स्कूल की किताबें: इस बात की जानकारी जैसे ही शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को हुई सभी स्थानीय थाने पहुंचे. बरामद किताब के बंडल पर रोहतास एवं पूर्णिया का नाम अंकित है. बरामद किए गए इन किताबों में पूर्णिया जिले के क्लास 1 के सात बंडल मिले हैं. एक बंडल में 40 पुस्तकें हैं. ये सारी किताबें बोरे में सील पैक्ड थीं. वहीं कक्षा 1 से 5 तक की 425 डायरी के अलावा पुरानी किताबें और निजी स्कूल की किताबें भी मिली हैं. पुलिस एक ट्रैक्टर पाठ्य सामग्री जब्त कर थाने लेकर आई और चपरासी मो शकील और कबाड़ी दुकानदार मो अशफाक आलम को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने दो को पकड़ा: हिरासत में लिया गया शकील के नगर प्रखंड बीआरसी में चपरासी है. वहीं कबाड़ी दुकानदार चिमनी बाजार निवासी है. चपरासी पर पहले से भी भ्रष्टाचार के कई मामलों में संलिप्त होने का आरोप है. बच्चों की दी जानी वाली किताबों को कबाड़ी दुकान में बेचने का ये खेल लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. किताब साल 2023-2024 के हैं और पहली कक्षा के हैं. गिरफ्तार अशफाक ने बताया कि शकील नामक व्यक्ति ने यह किताब उसे बेची है, उसने बताया था कि यह किताब रद्दी हो चुकी है.

"मेरे दुकान में किताब लाया गया था. हमने खरीद लिया. शकील नाम है. शकील बोला कि किताब बेचना है. चार सौ के करीब किताब है. सात हजार रुपए में लिए थे. एक आदमी बेचने आया है."- मो अशफाक आलम, कबाड़ी दुकानदार

मास्टरमाइंड का पता लगाने में जुटी पुलिस: वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संगीता कुमारी ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया है. पुलिस हिरासत में लिए शकील एवं अशफाक से पूछताछ कर रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत उन्हें सुविधा देने की कोशिश कर रही है, मगर सरकारी कर्मी अपनी कमाई को दोगुनी करने पर लगे हुए हैं. वहीं फिलहाल पुलिस गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों से पूछताछ कर मास्टरमाइंड का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

हमें जानकारी मिली कुछ किताब ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया है. किताब स्कूल का है, हम पता लगा रहे हैं. पहली कक्षा की किताबें है जबकि हमारे सदर ब्लॉक में किताबें नहीं आई हैं. अभी के कोर्स की किताबें हैं. थाना आए हैं. कुछ पुरानी किताबें भी हैं. बहुत ही खेद का विषय है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बीआरसी में किताब अभी आई ही नहीं है.- संगीता कुमारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

कबाड़ी को बेची गई सरकारी स्कूल की किताबें

पूर्णिया: शिक्षा विभाग के कर्मियों के बीच रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब उन्हें जानकारी मिली कि सरकारी योजना के तहत बच्चों तक पहुंचने वाली किताबों को पुलिस ने कबाड़ी की दुकान पर लगे ट्रैक्टर से बरामद किया गया है. दरअसल केहाट थाना क्षेत्र के डॉनर चौक स्थित एक कबाड़ी की दुकान में पुलिस ने छापा मारा. दुकान से ट्रैक्टर पर रखी सरकारी योजना के तहत बच्चों तक पहुंचने वाली किताबें बरामद की गई है. इस मामले में 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

पढ़ें- Bihar Politics: 'बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़, पढ़ाने के बजाए जनगणना में लगे हैं शिक्षक'- विजय सिन्हा

कबाड़ी को बेची गई सरकारी स्कूल की किताबें: इस बात की जानकारी जैसे ही शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को हुई सभी स्थानीय थाने पहुंचे. बरामद किताब के बंडल पर रोहतास एवं पूर्णिया का नाम अंकित है. बरामद किए गए इन किताबों में पूर्णिया जिले के क्लास 1 के सात बंडल मिले हैं. एक बंडल में 40 पुस्तकें हैं. ये सारी किताबें बोरे में सील पैक्ड थीं. वहीं कक्षा 1 से 5 तक की 425 डायरी के अलावा पुरानी किताबें और निजी स्कूल की किताबें भी मिली हैं. पुलिस एक ट्रैक्टर पाठ्य सामग्री जब्त कर थाने लेकर आई और चपरासी मो शकील और कबाड़ी दुकानदार मो अशफाक आलम को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने दो को पकड़ा: हिरासत में लिया गया शकील के नगर प्रखंड बीआरसी में चपरासी है. वहीं कबाड़ी दुकानदार चिमनी बाजार निवासी है. चपरासी पर पहले से भी भ्रष्टाचार के कई मामलों में संलिप्त होने का आरोप है. बच्चों की दी जानी वाली किताबों को कबाड़ी दुकान में बेचने का ये खेल लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. किताब साल 2023-2024 के हैं और पहली कक्षा के हैं. गिरफ्तार अशफाक ने बताया कि शकील नामक व्यक्ति ने यह किताब उसे बेची है, उसने बताया था कि यह किताब रद्दी हो चुकी है.

"मेरे दुकान में किताब लाया गया था. हमने खरीद लिया. शकील नाम है. शकील बोला कि किताब बेचना है. चार सौ के करीब किताब है. सात हजार रुपए में लिए थे. एक आदमी बेचने आया है."- मो अशफाक आलम, कबाड़ी दुकानदार

मास्टरमाइंड का पता लगाने में जुटी पुलिस: वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संगीता कुमारी ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया है. पुलिस हिरासत में लिए शकील एवं अशफाक से पूछताछ कर रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत उन्हें सुविधा देने की कोशिश कर रही है, मगर सरकारी कर्मी अपनी कमाई को दोगुनी करने पर लगे हुए हैं. वहीं फिलहाल पुलिस गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों से पूछताछ कर मास्टरमाइंड का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

हमें जानकारी मिली कुछ किताब ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया है. किताब स्कूल का है, हम पता लगा रहे हैं. पहली कक्षा की किताबें है जबकि हमारे सदर ब्लॉक में किताबें नहीं आई हैं. अभी के कोर्स की किताबें हैं. थाना आए हैं. कुछ पुरानी किताबें भी हैं. बहुत ही खेद का विषय है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बीआरसी में किताब अभी आई ही नहीं है.- संगीता कुमारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

Last Updated : May 22, 2023, 1:48 PM IST
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