पूर्णिया: पूर्णिया में परमान की उफनती धाराओं ने डगरुआ प्रखंड के आधा दर्जन गावों को पूरी तरह डुबो दिया है. तकरीबन 500 घर प्रभावित बताए जा रहे हैं. सरकार की ओर से किसी तरह की मदद नहीं मिलने पर बाढ़ पीड़ित खतरनाक NH 31 की शरण लेने को मजबूर हैं. जहां एक पल भी बिताना खतरे से खाली नहीं है. लिहाजा किसी भी समय बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी पर NH का ब्रेक लगा सकता है.
सैलाब का पानी पीने को मजबूर बाढ़ पीड़ित
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पानी के इस सैलाब में घर में रखे चूल्हे से लेकर अनाज तक सबकुछ बर्बाद हो गया है. ट्यूबवेल के डूब जाने से लोग शुद्ध पानी तक के लिए तरस रहे हैं. कई दिनों से भूखे बाढ़ पीड़ितों को मजबूरन सैलाब का गंदा पानी पीना पड़ रहा है.
बाढ़ की चपेट में कई प्रखंड
जिला प्रशासन की ओर से बीते दिनों किए गए प्रेस कांफ्रेंस में डगरुआ प्रखंड के दो पंचायतों को बाढ़ प्रभावित बताया गया था. यह यह संख्या अब आधा दर्जन पंचायतों में तब्दील हो चुका है. प्रभावित गांवों में दुबैली, नोनिया टोला, तौली, कोचेली, डुब्बा, गोविंदपुर, मजगामा, बिछदह, कोठी टोला, अछेपुर, गेहुंआ, हरेरामपुर, ठाठोल, मकैली जैसे गांव शामिल हैं.
न कोई नाव है, न कोई राहत शिविर
जिन बच्चों को तैरना नहीं आता है, उन्हें एक-एक कर घरों से निकालकर किसी तरह NH पर लाया गया है. नाव की व्यवस्था नहीं होने की वजह से कई लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. कई जगह बड़े-बड़े गड्डे हैं, जिनमें गिरकर सीधे मौत होने की संभावना है. फसलों के नुकसान के साथ घर में रखा अनाज और पशुओं का चारा तक सैलाब में बह गया. लोगों के अनुसार भूखे बाढ़ पीड़ितों के लिए किसी तरह की राहत शिविर भी नहीं लगाई गई है.
NH 31 पर शरण लेने को मजबूर
आए दिन NH से तेज रफ्तार से चलनेवाले भारी वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें आती रहती है. आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि NH पर शरण लेना लोगों के लिए कितना खतरनाक है. सरकारी मदद नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ित NH पर शरण लेने को मजबूर हैं. खतरनाक NH 31 किसी भी समय बड़े दुर्घटना को अंजाम दे सकता है.
क्या कहते हैं विधायक?
एक ओर बायसी, आमौर ओर बैसा प्रखंडों में पानी तेजी से घट रहा है. दूसरी तरफ डगरुआ में परमान का कहर जारी है. इसको लेकर पूर्णिया विधायक विजय खेमका ने कहा कि डीएम लगातार डगरुआ का मुआयना कर रहे हैं. हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी. इस बाबत डगरुआ पर उनकी भी पैनी नजर है.