पटना : पटना हाईकोर्ट ने अपने एक निर्णय से मुंगेर फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके अंतर्गत फैमिली कोर्ट ने एक को कानूनी पत्नी घोषित कर दूसरी पत्नी को फर्जी महिला करार दिया था. जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने अंजली देवी की अपील को स्वीकृति देते हुए यह निर्णय सुनाया.
HC ने मुंगेर फैमिली कोर्ट के आदेश को किया रद्द : अपीलकर्ता अंजली देवी (बदला हुआ नाम) ने मुंगेर फैमिली कोर्ट के निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी, जिसके अंतर्गत फैमिली कोर्ट ने मुंगेर निवासी सबिता देवी (बदला हुआ नाम) को उसके पति मुकेश कुमार (बदला हुआ नाम) की कानूनी पत्नी घोषित किया था. सबिता देवी ने मुंगेर फैमिली कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि 1986 को मुकेश कुमार के साथ विवाह हुआ था.
दो बच्चों के भरण-पोषण का दावा किया : बाद में फॅमिली कोर्ट, रोहिणी, दिल्ली ने उसके पति के नाम से नोटिस जारी किया गया था, जिसमें अंजली देवी ने खुद को मुकेश कुमार की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी होने का दावा करते हुए विवाह से पैदा हुए दो बच्चों के लिए भरण-पोषण का भी दावा किया था. इस पर पति मुकेश कुमार एवं सबिता देवी ने फैमिली कोर्ट में अधिनियम की धारा 7 (बी) के तहत याचिका दायर की.
अपीलकर्ता फर्जी महिला करार दी गई : मुंगेर फैमिली कोर्ट ने सबिता को मुकेश की कानूनी पत्नी करार देते हुए अंजली देवी (अपीलकर्ता) को फर्जी महिला घोषित कर दिया. हाई कोर्ट ने पाया कि फैमिली कोर्ट ने अपीलकर्ता को सुने बिना ही एकपक्षीय फैसला पारित कर दिया है. हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के इस मान्यता को भी गलत माना, जिसके अंतर्गत अपीलकर्ता एक फर्जी महिला करार दी गई थी.
नए सिरे से विचार करने का आदेश : हाईकोर्ट ने मुंगेर फैमिली कोर्ट द्वारा पारित निर्णय व डिग्री को रद्द कर दिया, जिसमें सबिता को मुकेश की कानूनी पत्नी घोषित किया गया था. साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले पर नए सिरे से विचार करने के लिए मुंगेर फैमिली कोर्ट के समक्ष वापस भेज दिया.
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