पूर्णिया: वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए आम जनमानस में शारीरिक तंदुरुस्ती के महत्व को बढ़ावा देने के लिए रविवार को 'फिट इंडिया साइक्लोथॉन कैंपेन' की शुरुआत की गई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर आयोजित कैंपेन की शुरुआत सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर की. इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सिविल सर्जन खुद भी साइकिल अभियान में शामिल हुए और लोगों को फिट रहने का संदेश दिया.
"फिटनेस की डोज-आधा घंटा रोज"
साइकिल अभियान में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ दर्जनों अन्य लोगों को भी रवाना किया गया. जिले के विभिन्न प्रखंडों के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर साइक्लोथाॅन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिलेवासियों को "फिटनेस की डोज-आधा घंटा रोज" स्लोगन के साथ स्वास्थ्यकर्मियों ने साइकिल चला कर लोगों को फिट रहने का संदेश. साथ ही स्वस्थ्य रहने के लिए साइकिल चलाने के प्रति प्रोत्साहित भी किया.
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"शरीर को स्वस्थ रखती है साइकिल"
सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया कि साइकिल चला कर कई रोगों से बचा जा सकता है. यह भी एक तरह का व्यायाम है, जिसे चलाने के लिए पैडल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पिंडली व जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. उन्होंने कहा कि बच्चों को नियमित रूप से साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इससे उनकी हड्डी और मांसपेशियां स्वस्थ रहेंगी.
"तनाव दूर करने में भी मददगार है साइकिल"
सिविल सर्जन ने कहा कि साइकिल चलाने से मनुष्य का ह्रदय स्वस्थ रहता है. वहीं डायबिटीज जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में साइकिलिंग बहुत ज्यादा कारगर साबित होती है. सुबह में प्रतिदिन कम से कम आधा घंटे साइकिलिंग करते हैं, तो शारीरिक बनावट के साथ ही ऊर्जा को भी बढ़ाने में काफी मदद मिलती है. नियमित साइकिलिंग करने से फैटी शरीर भी कम होता है.