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Purnea News: 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसल उगा रहा ये किसान, एग्रीकल्चर से पढ़ा बेटा करता है इनोवेशन के लिए प्रैक्टिकल - कृषि विज्ञान केंद्र

बिहार के पूर्णिया में किसान आनंद विश्वास (Farmer Anand Vishwas in Purnia) 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसल उगाते हैं. एग्रीकल्चर के फील्ड में उनके बेटे ने पढ़ाई की जो नए इनोवेशन के लिए अक्सर प्रैक्टिकल करता रहता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

पूर्णिया में 36 तरह की फसल
पूर्णिया में 36 तरह की फसल
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Published : Mar 27, 2023, 5:02 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 5:14 PM IST

पूर्णिया में किसान आनंद विश्वास

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के ये किसान 15 साल पहले दूसरे किसानों की तरह पारंपरिक खेती किया करते थे. उनके घर की माली स्थिति बदतर थी. मुनाफे की सोचना तो दूर कई बार आमदनी निकालना भी मुश्किल हो जाता था. यह परिवार आज भी कठिनाई से भरे उन दिनों को नहीं भूल सकता. जब पारंपरिक खेती से हो रहे नुकसान के कारण कर्ज में डूबता जा रहा था. तभी एक रोज कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से उनकी मुलाकात हुई. कृषि वैज्ञानिकों ने पारंपरिक खेती के बजाए परवल टाल विधि से खेती करने का रास्ता सुझाया. 15 साल पूर्व अपनाई गई आधुनिक खेती की यह तरकीब उनके लिए गेम चेंजर साबित हुई. आज वो बिहार के सक्सेसफुल किसानों में से एक हैं. कृषि में इनोवेशन के लिए उन्हें जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई कृषि सम्मानों से समानित किया जा चुका है. प्रेरणा से जुड़ी सफलता की ये कहानी पूर्णिया के किसान आनंद विश्वास की है .

पढ़ें- वैशालीः महनार में शुगर फ्री आलू की खेती, बाजार में 80 रुपये किलो है इसकी कीमत

उगाते हैं 36 तरह की फसल: एक एकड़ खेत में आप कितने तरह की फसल लगा सकते हैं. शायद दो, तीन या फिर पांच लेकिन पूर्णिया के बनैली सिंधिया गांव में रहने वाले किसान आनंद विश्वास 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की खेती कर रहे हैं. वे परवल टाल विधि यह खेती कर रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने 15 साल पहले की थी. इसके तहत वे मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, परवल, रंगीली फूलगोभी, टमाटर, गाजर, बंधागोभी, बैंगन, चुकुंदर, स्ट्राबेरी, मूली, तोरई, हरी मिर्च, हल्दी, मकई, आम, लीची, अंगूर, बैर, अमरूद, सपाटू, रामफल, कश्मीरी बेर, अनार, हरा साग, लाल साग उपजाते हैं. इतना ही नहीं इनके इस काम में इनकी पत्नी मुन्नी देवी भी अपना हाथ बटांती हैं. इनका पूरा परिवार इस आधुनिक खेती पद्धति पर ही आश्रित है.

बच्चे भी खेती में शामिल: बच्चे भी बिहार से बाहर कृषि में ही तकनीकी डिग्री ले रहे हैं. जो छुट्टियों में घर आने पर खेती में इनोवेशन का प्रैक्टिकल करते हैं. यही वजह है दूसरे किसानों से इतर उन्हें खेती में गजब का मुनाफा हो रहा है. इनकी मानें तो खेती कि इस नवीन पद्धति ने जैसे उनकी किस्मत ही बदलकर रख दी है. किसान आनंद के घर के दालान से लेकर कमरे के अंदर लगे बेड के भीतर की जमीन को भी फसल उपजाने के काम में लाते हैं. छत पर इन्होंने ड्रैगन फ्रूट, काश्मीरी मिर्च और सूरजमुखी के पौधे लगा रखे हैं. किसान आनंद के बेटे शत्रुधन कुमार बताते हैं कि पहले वे प्रयोग के तौर पर 12 फसल लगाते थे, तब उन्हें जैसी उम्मीद थी वैसा मुनाफा नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी. 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसले लगाईं. जिससे आज उन्हें खास मुनाफा हो रहा है.

"पहले हम प्रयोग के तौर पर 12 फसल लगाते थे, तब हमें जैसी उम्मीद थी वैसा मुनाफा नहीं हुआ. इसके बाद हमने कुछ अलग करने की ठानी. 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसले लगाईं. जिससे आज हमें खास मुनाफा हो रहा है."- शत्रुधन कुमार, किसान का बेटा

कृषि के फील्ड में बेटें ले रहे डिग्री: बिहार से बाहर कृषि की तकनीकी डिग्री ले रहे अंकित कुमार कहते हैं कि जब भी वे छुट्टियों में घर आते हैं, पापा के साथ प्रैक्टिकल करने खेत पर जाया करते हैं. वो सब्जी का भी पौधा तैयार करते हैं. सब्जी का पौधा पंजाब और हरियाणा तक जाता है. जिन्हे मदद या फिर कोई जानकारी चाहिए, वैसे लोगों को वो खेत पर भी बुलाते हैं. इनका परिवार लगभग 1 एकड़ खेतों में 36 तरह की फसलें लगाता हैं. जिससे वह समय-समय पर अलग तरह की फसलों की कटाई कर उसे बाजारों में आसानी से बेचते हैं और खरीदार खुद उनके पास आकर फसल खरीदकर ले जाते हैं.

पूर्णिया में किसान आनंद विश्वास

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के ये किसान 15 साल पहले दूसरे किसानों की तरह पारंपरिक खेती किया करते थे. उनके घर की माली स्थिति बदतर थी. मुनाफे की सोचना तो दूर कई बार आमदनी निकालना भी मुश्किल हो जाता था. यह परिवार आज भी कठिनाई से भरे उन दिनों को नहीं भूल सकता. जब पारंपरिक खेती से हो रहे नुकसान के कारण कर्ज में डूबता जा रहा था. तभी एक रोज कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से उनकी मुलाकात हुई. कृषि वैज्ञानिकों ने पारंपरिक खेती के बजाए परवल टाल विधि से खेती करने का रास्ता सुझाया. 15 साल पूर्व अपनाई गई आधुनिक खेती की यह तरकीब उनके लिए गेम चेंजर साबित हुई. आज वो बिहार के सक्सेसफुल किसानों में से एक हैं. कृषि में इनोवेशन के लिए उन्हें जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई कृषि सम्मानों से समानित किया जा चुका है. प्रेरणा से जुड़ी सफलता की ये कहानी पूर्णिया के किसान आनंद विश्वास की है .

पढ़ें- वैशालीः महनार में शुगर फ्री आलू की खेती, बाजार में 80 रुपये किलो है इसकी कीमत

उगाते हैं 36 तरह की फसल: एक एकड़ खेत में आप कितने तरह की फसल लगा सकते हैं. शायद दो, तीन या फिर पांच लेकिन पूर्णिया के बनैली सिंधिया गांव में रहने वाले किसान आनंद विश्वास 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की खेती कर रहे हैं. वे परवल टाल विधि यह खेती कर रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने 15 साल पहले की थी. इसके तहत वे मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, परवल, रंगीली फूलगोभी, टमाटर, गाजर, बंधागोभी, बैंगन, चुकुंदर, स्ट्राबेरी, मूली, तोरई, हरी मिर्च, हल्दी, मकई, आम, लीची, अंगूर, बैर, अमरूद, सपाटू, रामफल, कश्मीरी बेर, अनार, हरा साग, लाल साग उपजाते हैं. इतना ही नहीं इनके इस काम में इनकी पत्नी मुन्नी देवी भी अपना हाथ बटांती हैं. इनका पूरा परिवार इस आधुनिक खेती पद्धति पर ही आश्रित है.

बच्चे भी खेती में शामिल: बच्चे भी बिहार से बाहर कृषि में ही तकनीकी डिग्री ले रहे हैं. जो छुट्टियों में घर आने पर खेती में इनोवेशन का प्रैक्टिकल करते हैं. यही वजह है दूसरे किसानों से इतर उन्हें खेती में गजब का मुनाफा हो रहा है. इनकी मानें तो खेती कि इस नवीन पद्धति ने जैसे उनकी किस्मत ही बदलकर रख दी है. किसान आनंद के घर के दालान से लेकर कमरे के अंदर लगे बेड के भीतर की जमीन को भी फसल उपजाने के काम में लाते हैं. छत पर इन्होंने ड्रैगन फ्रूट, काश्मीरी मिर्च और सूरजमुखी के पौधे लगा रखे हैं. किसान आनंद के बेटे शत्रुधन कुमार बताते हैं कि पहले वे प्रयोग के तौर पर 12 फसल लगाते थे, तब उन्हें जैसी उम्मीद थी वैसा मुनाफा नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी. 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसले लगाईं. जिससे आज उन्हें खास मुनाफा हो रहा है.

"पहले हम प्रयोग के तौर पर 12 फसल लगाते थे, तब हमें जैसी उम्मीद थी वैसा मुनाफा नहीं हुआ. इसके बाद हमने कुछ अलग करने की ठानी. 1 एकड़ जमीन में 36 तरह की फसले लगाईं. जिससे आज हमें खास मुनाफा हो रहा है."- शत्रुधन कुमार, किसान का बेटा

कृषि के फील्ड में बेटें ले रहे डिग्री: बिहार से बाहर कृषि की तकनीकी डिग्री ले रहे अंकित कुमार कहते हैं कि जब भी वे छुट्टियों में घर आते हैं, पापा के साथ प्रैक्टिकल करने खेत पर जाया करते हैं. वो सब्जी का भी पौधा तैयार करते हैं. सब्जी का पौधा पंजाब और हरियाणा तक जाता है. जिन्हे मदद या फिर कोई जानकारी चाहिए, वैसे लोगों को वो खेत पर भी बुलाते हैं. इनका परिवार लगभग 1 एकड़ खेतों में 36 तरह की फसलें लगाता हैं. जिससे वह समय-समय पर अलग तरह की फसलों की कटाई कर उसे बाजारों में आसानी से बेचते हैं और खरीदार खुद उनके पास आकर फसल खरीदकर ले जाते हैं.

Last Updated : Mar 27, 2023, 5:14 PM IST
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