पूर्णियाः कहने को तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है. लेकिन प्रदेश में शराबबंदी महज एक दिखावा बनकर रह गई है? जहां आए दिन कहीं ना कहीं से शराब की खाली बोतलें और शराब पीते लोग पकड़े जाते हैं. इस बार कोसी-सीमांचल की शिक्षास्थली कहे जाने वाले पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग परिसर (Empty Liquor bottles Found In Purnea University Campus) में शराब की खाली बोतलें फेंकी मिलीं. परिसर के जिस हिस्से में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी हैं, वहां सीसीटीवी की निगरानी है. फिर भी विभाग को इसकी खबर तक नहीं हुई.
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विभाग से जुड़े लोगों पर उठ रहे सवालः दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ, जब परीक्षा विभाग से जुड़े किसी काम को लेकर छात्र नेता विभाग पहुंचे. इस दौरान उन्होंने परीक्षा विभाग के पिछले हिस्से में शराब की बोतलें पड़ी देखी. इसके बाद परीक्षा विभाग में शराब की बोतल मिलने की खबर विश्वविद्यालय में आग की तरह फैल गई. कॉलेज परिसर से दर्जनों शराब की बोतल निकलने से विभाग इंचार्ज समेत विभाग से जुड़े दूसरे कर्मचारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं? राजद छात्र नेताओं ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद कॉलेज परिसर से अनगिनत शराब की खाली बोतलें मिलना कॉलेज प्रशासन की विफलता को दर्शाता है.
''बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग परिसर में दर्जनों शराब की बोतलें, कंडोम का पैकेट और कई अपत्तिजनक समान फेंका मिला है. आखिर कौन अधिकारी या कर्मचारी है, जो इस तरह का काम कर रहे हैं. जे लोग भी ऐसा कर रहे हैं वो खुले आम नीतीश कुमार की शराबबंदी का मजाक बना रहे हैं. इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए'' - सुमित झा बाबा, छात्र नेता
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छात्र नेताओं में आक्रोशः बताया जाता है कि शराब पीने वाले पकड़े जाने के भय से खाली बोतलों को सुरक्षित स्थानों फेंक देते हैं. लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार कॉलेज परिसर में शराब पीता कौन है? प्रशासन द्वारा नकेल के बाद भी शराब का धंधा फल फूल रहा है. बड़ी तादाद में शराब की खाली बोतल बरामद होने से छात्र नेताओं में खासा आक्रोश है.
'ये पता लगाना भी चुनौतीपूर्ण होगा': पूरे मामले पर अपनी सफाई देते हुए परीक्षा विभाग के एग्जाम कंट्रोलर विनय कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि परिसर में शराब की बोतले कहां से आईं. सीसीटीवी खराब पड़ा है, ऐसे में यह पता लगाना भी चुनौतीपूर्ण होगा. लेकिन विभाग अपने स्तर से जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा.
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