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पूर्णिया-सनौली मुख्य मार्ग का डायवर्सन टूटा, लाखों लोगों का दूसरे इलाकों से संपर्क भंग - पूर्णिया न्यूज

स्थानीय लोगों ने बताया कि महानंदा के तेज बहाव के चलते सड़क संपर्क टूटने के कारण लाखों लोग का आवागमन ठप हो गया है. स्थानीय प्रशासन को सूचना देने के बाद भी अभी तक किसी प्राकर की राहत और बचाव के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बाढ़ से डूबा गांव
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Published : Jul 16, 2019, 1:44 PM IST

पूर्णिया: राज्य में बाढ़ का तांडव जारी है. जिले के कदवा प्रखंड के शिवगंज में बाढ़ के पानी से पूर्णिया-सनौली मुख्य मार्ग का डायवर्सन टूटा गया है. इससे पूरी तरह से आवागमन बाधित है. इस बाढ़ के कारण लगभग 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसी तरह की मदद नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में गुस्सा है.

गौरतलब है कि 2016-17 में आई भीषण बाढ़ के दौरान यह बांध और सड़क टूट गई थी. 3 साल बीत जाने के बाद भी बांध और सड़क की मरम्मत नहीं की गई. वहीं, 2019 में आई बाढ़ के कारण बनाया गया डायवर्शन भी बह गया है. इससे कदवा, प्राणपुर, बलरामपुर और बारसोई प्रखंड के लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं. लगभग 15-20 लाख की आबादी का पूर्णिया जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है.

बाढ़ से डूबा गांव, ग्रामीण परेशान

राहत और बचाव के लिए कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि महानंदा के तेज बहाव के चलते सड़क संपर्क टूटने के कारण लाखों लोग का आवागमन ठप हो गया है. स्थानीय प्रशासन को सूचना देने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की राहत और बचाव के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लोगों ने अपना दुख बताते हुए कहा कि बाढ़ के कारण लोग डरे हुए हैं. पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है. सरकार की तरफ से नाव की भी व्यवस्था भी नहीं की गई है.

ये जिले भी प्रभावित
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 लाख 66 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों में - शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार शामिल हैं.

पूर्णिया: राज्य में बाढ़ का तांडव जारी है. जिले के कदवा प्रखंड के शिवगंज में बाढ़ के पानी से पूर्णिया-सनौली मुख्य मार्ग का डायवर्सन टूटा गया है. इससे पूरी तरह से आवागमन बाधित है. इस बाढ़ के कारण लगभग 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसी तरह की मदद नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में गुस्सा है.

गौरतलब है कि 2016-17 में आई भीषण बाढ़ के दौरान यह बांध और सड़क टूट गई थी. 3 साल बीत जाने के बाद भी बांध और सड़क की मरम्मत नहीं की गई. वहीं, 2019 में आई बाढ़ के कारण बनाया गया डायवर्शन भी बह गया है. इससे कदवा, प्राणपुर, बलरामपुर और बारसोई प्रखंड के लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं. लगभग 15-20 लाख की आबादी का पूर्णिया जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है.

बाढ़ से डूबा गांव, ग्रामीण परेशान

राहत और बचाव के लिए कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि महानंदा के तेज बहाव के चलते सड़क संपर्क टूटने के कारण लाखों लोग का आवागमन ठप हो गया है. स्थानीय प्रशासन को सूचना देने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की राहत और बचाव के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लोगों ने अपना दुख बताते हुए कहा कि बाढ़ के कारण लोग डरे हुए हैं. पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है. सरकार की तरफ से नाव की भी व्यवस्था भी नहीं की गई है.

ये जिले भी प्रभावित
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 लाख 66 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों में - शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार शामिल हैं.

Intro:कटिहार

बाढ़ के पानी से टूटा डायवर्सन। पूर्णिया सनौली मुख्य मार्ग पूरी तरह बाधित। लगभग 20 लाख की आबादी का परिचालन ठप। 2016-17 में आई प्रलयकारी बाढ़ के दौरान टूट गई थी बांध और सडक। 3 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं बनाई गई सड़क। ग्रामीणों में आक्रोश।


Body:कदवा प्रखंड के शिवगंज में 2016-17 के दौरान आई प्रलयकारी बाढ़ के दौरान महानंदा नदी का बांध टूट जाने से काफी क्षति पहुंची थी। बांध टूटने के साथ-साथ पूर्णिया सनौली मुख्य मार्ग में सड़क भी बाढ़ में बह गई थी जिससे काफी जान माल का नुकसान हुआ था।

बांध और सड़क के टूटे 3 साल हो गए लेकिन अभी तक यहां पर न बांध का मरम्मत किया गया और न ही सड़क बनाए गए। लिहाजा 2019 में आई बाढ़ के चलते बनाया गया डायवर्शन भी बह गया जिससे कदवा, प्राणपुर, बलरामपुर और बारसोई प्रखंड के लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं। लगभग 15-20 लाख की आबादी का पूर्णिया से सीधा संपर्क टूट चुका है। ऐसे में सरकार के द्वारा अभी तक सरकारी नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जिससे इस क्षेत्र के लोग पूर्णिया की ओर जा सके।


Conclusion:बांध और सड़क टूट जाने की वजह से दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसके चलते लोग दहशत में हैं। वहीं महानंदा के तेज बहाव के चलते सड़क संपर्क टूटने के कारण लाखों लोग का आवागमन ठप हो गया है। स्थानीय लोगों की मानें तो प्रशासन को सूचना देने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की राहत व बचाव कार्य के लिए कार्रवाई नहीं की गई है जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

लोगों की मानें तो कटिहार बाढ प्रभावित क्षेत्र है ऐसे में 2016-17 में आई बाढ़ के दौरान टूटी सड़कें और डायवर्शन नहीं बनाया गया यह बिहार सरकार की नाकामी को दिखाती है। पिछले 48 घंटों में महानंदा का पानी इतना बढ़ गया है कि पानी डायवर्सन के रास्ते गांव में प्रवेश कर रही है जिससे लोगों का जीना त्राहिमाम हो गया है। पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है वहीं लोग डरे सहमे ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं।
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