ETV Bharat / state

Purnea News: क्लस्टर सिस्टम प्रवासियों को दे रहा रोजगार, मास्क प्रोडक्शन से 30 लाख की कमाई

लॉकडाउन (Lockdown) के कारण मजदूरों का काम बंद हो गया था. जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही थी. वहीं पूर्णिया में क्लस्टर सिस्टम ने कई प्रवासियों को रोजगार दिया है.

migrant labour in purnea
migrant labour in purnea
author img

By

Published : Jun 14, 2021, 6:11 PM IST

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया (Purnea) जिला प्रशासन की एक छोटी सी पहल जिले के सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों (Migrant labours) और स्थानीय कामगारों की जिंदगियों को रोशनी दे रही है.

वैसे श्रमिक जिनसे लॉकडाउन (Lockdown) ने रोजगार छीन लिया था, डगरुआ प्रखंड के टौली पंचायत में लागू मास्क प्रोडक्शन क्लस्टर सिस्टम (Cluster System) ऐसे सैकड़ों कामगारों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करा रहा है.

ये भी पढ़ें: World Blood Donation Day: क्यों महादान है रक्तदान, किसलिए मनाते हैं वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे? जानें..

लॉकडाउन के कारण काम बंद
कामगार रोजाना हजारों मास्क तैयार कर रहे हैं जिनकी पूर्णिया समेत पूरे बिहार में आपूर्ति हो रही है. कामगार बताते हैं कि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण उनका धंधा बंद हो गया था. लेकिन जिला प्रशासन की पहल पर मास्क निर्माण का काम मिलने के बाद रोजी रोटी की समस्या दूर हो गई है.

स्थानीय स्तर पर दिया रोजगार
इनके द्वारा अब तक 7 लाख से ज्यादा मास्क का निर्माण किया जा चुका है. ये 30 लाख की राशि का काम कर चुके हैं. इनमें कई ऐसे कामगार हैं, जो दूसरे प्रदेशों में टेलरिंग का काम करते थे. इसमें कई ऐसी महिलाएं हैं, जो स्थानीय स्तर पर सिलाई का काम करती थीं.

सीमांचल ट्रेडिंग क्लस्टर के नाम से कार्य किया जा रहा है. कामगारों ने बताया कि सरकार ने हम गरीबों की सुनी और स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर जीने का साधन दे दिया.

migrant labour in purnea
स्थानीय स्तर पर मिला रोजगार

"मास्क का काम समाप्त होते ही जिला प्रशासन द्वारा हॉस्पिटल के लिए बेड सीट, स्कूलों के लिए ड्रेस बनवाया जाएगा. फिलहाल यहां काम कर रहे लोगों के बीच 30 लाख राशि की मजदूरी जल्द ही दी जाएगी."- शमसाद आलम, टौली पंचायत के मुखिया

ये भी पढ़ें: Patna Crime News: अपराधियों ने बालू व्यवसायी को दिनदहाड़े मारी गोली

"पूरे जिले के लिए सीमांचल क्लस्टर ने मास्क बना कर रिकार्ड बनाया है. इनके इसी काम को देखते हुए आगे भी इनसे काम लिया जाएगा"- मंजू कुमारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी

लाखों लोगों की चली गई नौकरी
कोरोना काल (Corona Pandemic) में बड़े स्तर पर अपने ही इलाके में काम मिलना सरकार के रोजगार देने की इच्छा शक्ति को दर्शाता है. साथ ही इन मजदूरों ने भी साबिl कर दिखाया है कि हुनर हो तो बुरे वक्त को भी अवसर में तब्दील किया जा सकता है.

बिहार सहित पूरे देश में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संकट से देशभर में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने वाले लोग अपने घर लौट आए हैं. कुछ लोग परिस्थिति ठीक होने के बाद फिर काम पर लौट भी गए थे. लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने बिहार में रहकर सरकार की मदद से खुद का रोजगार खड़ा कर लिया है.

ये भी पढ़ें: LJP में टूट पर बोली कांग्रेस, JDU ने किया राजनीतिक भ्रष्टाचार

उद्यमी योजना की भी शुरुआत
बता दें कि बिहार में जिला नवप्रवर्तन योजना का लाभ 3463 लोग ले रहे हैं. हर जिले में करीब 5 से 6 क्लस्टर में 5, 10, 15 या 20 लोग मिलकर अलग-अलग व्यापार कर रहे हैं. जिसमें गारमेंट्स, कृषि फूड प्रोसेसिंग, लेदर, लकड़ी, मशरूम, हनी, हर्बल और टेलरिंग जैसे उद्योग की शुरुआत की और ठीक-ठाक मुनाफा भी कमा रहे हैं.

सरकार ने इस योजना के साथ-साथ सीएम उद्यमी योजना की भी शुरुआत की है. जिसका भी लाभ कोरोना के इस दौर में लोग उठा सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत उद्योग लगाने के लिए सरकार 10 लाख की राशि देगी, जिसमें 5 लाख अनुदान दिया जाएगा.

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया (Purnea) जिला प्रशासन की एक छोटी सी पहल जिले के सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों (Migrant labours) और स्थानीय कामगारों की जिंदगियों को रोशनी दे रही है.

वैसे श्रमिक जिनसे लॉकडाउन (Lockdown) ने रोजगार छीन लिया था, डगरुआ प्रखंड के टौली पंचायत में लागू मास्क प्रोडक्शन क्लस्टर सिस्टम (Cluster System) ऐसे सैकड़ों कामगारों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करा रहा है.

ये भी पढ़ें: World Blood Donation Day: क्यों महादान है रक्तदान, किसलिए मनाते हैं वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे? जानें..

लॉकडाउन के कारण काम बंद
कामगार रोजाना हजारों मास्क तैयार कर रहे हैं जिनकी पूर्णिया समेत पूरे बिहार में आपूर्ति हो रही है. कामगार बताते हैं कि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण उनका धंधा बंद हो गया था. लेकिन जिला प्रशासन की पहल पर मास्क निर्माण का काम मिलने के बाद रोजी रोटी की समस्या दूर हो गई है.

स्थानीय स्तर पर दिया रोजगार
इनके द्वारा अब तक 7 लाख से ज्यादा मास्क का निर्माण किया जा चुका है. ये 30 लाख की राशि का काम कर चुके हैं. इनमें कई ऐसे कामगार हैं, जो दूसरे प्रदेशों में टेलरिंग का काम करते थे. इसमें कई ऐसी महिलाएं हैं, जो स्थानीय स्तर पर सिलाई का काम करती थीं.

सीमांचल ट्रेडिंग क्लस्टर के नाम से कार्य किया जा रहा है. कामगारों ने बताया कि सरकार ने हम गरीबों की सुनी और स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर जीने का साधन दे दिया.

migrant labour in purnea
स्थानीय स्तर पर मिला रोजगार

"मास्क का काम समाप्त होते ही जिला प्रशासन द्वारा हॉस्पिटल के लिए बेड सीट, स्कूलों के लिए ड्रेस बनवाया जाएगा. फिलहाल यहां काम कर रहे लोगों के बीच 30 लाख राशि की मजदूरी जल्द ही दी जाएगी."- शमसाद आलम, टौली पंचायत के मुखिया

ये भी पढ़ें: Patna Crime News: अपराधियों ने बालू व्यवसायी को दिनदहाड़े मारी गोली

"पूरे जिले के लिए सीमांचल क्लस्टर ने मास्क बना कर रिकार्ड बनाया है. इनके इसी काम को देखते हुए आगे भी इनसे काम लिया जाएगा"- मंजू कुमारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी

लाखों लोगों की चली गई नौकरी
कोरोना काल (Corona Pandemic) में बड़े स्तर पर अपने ही इलाके में काम मिलना सरकार के रोजगार देने की इच्छा शक्ति को दर्शाता है. साथ ही इन मजदूरों ने भी साबिl कर दिखाया है कि हुनर हो तो बुरे वक्त को भी अवसर में तब्दील किया जा सकता है.

बिहार सहित पूरे देश में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संकट से देशभर में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने वाले लोग अपने घर लौट आए हैं. कुछ लोग परिस्थिति ठीक होने के बाद फिर काम पर लौट भी गए थे. लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने बिहार में रहकर सरकार की मदद से खुद का रोजगार खड़ा कर लिया है.

ये भी पढ़ें: LJP में टूट पर बोली कांग्रेस, JDU ने किया राजनीतिक भ्रष्टाचार

उद्यमी योजना की भी शुरुआत
बता दें कि बिहार में जिला नवप्रवर्तन योजना का लाभ 3463 लोग ले रहे हैं. हर जिले में करीब 5 से 6 क्लस्टर में 5, 10, 15 या 20 लोग मिलकर अलग-अलग व्यापार कर रहे हैं. जिसमें गारमेंट्स, कृषि फूड प्रोसेसिंग, लेदर, लकड़ी, मशरूम, हनी, हर्बल और टेलरिंग जैसे उद्योग की शुरुआत की और ठीक-ठाक मुनाफा भी कमा रहे हैं.

सरकार ने इस योजना के साथ-साथ सीएम उद्यमी योजना की भी शुरुआत की है. जिसका भी लाभ कोरोना के इस दौर में लोग उठा सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत उद्योग लगाने के लिए सरकार 10 लाख की राशि देगी, जिसमें 5 लाख अनुदान दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.