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श्रद्धा के सूप लिए छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

छठ व्रतियों ने हाथों में सूप लेकर सूर्य की परिक्रमा की. इसके बाद हजारों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. वहीं छठ व्रतियों के साथ मिलकर पारिवारिक सदस्यों ने भगवान भास्कर को दूध अर्पित किया.

छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य,
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Published : Nov 2, 2019, 7:32 PM IST

पूर्णिया: जिले के सभी छठ घाटों पर छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया. इस दौरान सभी 36 छठ घाटों पर आस्था का अदभुत नजारा दिखा. सभी छठव्रतियों ने हाथों में फलों से भरा सूप लेकर जल में उतरकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.

chhath  in purnea
घाटों पर दिखा आस्था का जनसैलाब

छठ की मची चारों ओर धूम
जिले में अर्घ्य देने से पहले दोपहर में ही लोग छठ व्रतियों के साथ माथे पर टोकरी लादे छठ घाटों तक पहुंच गए. इसके बाद सभी छठ व्रतियों ने पानी में उतरना शुरू कर दिया. इस दौरान सभी गलियों और सड़कों को साफ-सुथरा कर दिया गया. मुहल्ले से लेकर छठ घाटों तक पहुंचने वाली सभी सड़कें रंगीले झालरों से दमकते नजर आए. जगह-जगह लगे साउंड बॉक्स पर कहीं शारदा सिन्हा तो कहीं अनुराधा पॉडवाल के लोक गीत से शहर गुजयमान दिखा. छठ व्रतियों ने हाथों में सुप लेकर सूर्य की परिक्रमा की. इसके बाद हजारों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. वहीं छठ व्रतियों के साथ मिलकर पारिवारिक सदस्यों ने भगवान भास्कर को दूध अर्पण किया.

छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

'पौराणिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व का है छठ पर्व'
पंचमुखी मंदिर के पंडित प्रमोद कुमार झा ने बताया कि छठ पर्व पवित्रता, सात्विकता और लोकआस्था का पर्व है. उन्होंने कहा कि सूर्य की उपासना को विज्ञान भी फलदायक बताती है. लिहाजा छठ महापर्व का आस्था के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्व है. वहीं छठ घाट आए श्रद्धालु विमल राय ने बताया छठ की छाप देश-दुनिया पर पड़ी है. अब कई लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं.

पूर्णिया: जिले के सभी छठ घाटों पर छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया. इस दौरान सभी 36 छठ घाटों पर आस्था का अदभुत नजारा दिखा. सभी छठव्रतियों ने हाथों में फलों से भरा सूप लेकर जल में उतरकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.

chhath  in purnea
घाटों पर दिखा आस्था का जनसैलाब

छठ की मची चारों ओर धूम
जिले में अर्घ्य देने से पहले दोपहर में ही लोग छठ व्रतियों के साथ माथे पर टोकरी लादे छठ घाटों तक पहुंच गए. इसके बाद सभी छठ व्रतियों ने पानी में उतरना शुरू कर दिया. इस दौरान सभी गलियों और सड़कों को साफ-सुथरा कर दिया गया. मुहल्ले से लेकर छठ घाटों तक पहुंचने वाली सभी सड़कें रंगीले झालरों से दमकते नजर आए. जगह-जगह लगे साउंड बॉक्स पर कहीं शारदा सिन्हा तो कहीं अनुराधा पॉडवाल के लोक गीत से शहर गुजयमान दिखा. छठ व्रतियों ने हाथों में सुप लेकर सूर्य की परिक्रमा की. इसके बाद हजारों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. वहीं छठ व्रतियों के साथ मिलकर पारिवारिक सदस्यों ने भगवान भास्कर को दूध अर्पण किया.

छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

'पौराणिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व का है छठ पर्व'
पंचमुखी मंदिर के पंडित प्रमोद कुमार झा ने बताया कि छठ पर्व पवित्रता, सात्विकता और लोकआस्था का पर्व है. उन्होंने कहा कि सूर्य की उपासना को विज्ञान भी फलदायक बताती है. लिहाजा छठ महापर्व का आस्था के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्व है. वहीं छठ घाट आए श्रद्धालु विमल राय ने बताया छठ की छाप देश-दुनिया पर पड़ी है. अब कई लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं.

Intro:जिले के सभी छठ घाटों पर छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया। इस दौरान जिले के सभी छठ घाटों पर आस्था का अदभुत नजारा दिखा। हाथों में फलों से भरी सुप लिए छठव्रतियों ने जल में उतरकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
एक अनुमान के मुताबिक ज।इस बाबत जिले के सभी 36 छठ घाटों पर छठव्रती और उनके साथ आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।


Body:वहीं इससे पहले दोपहर से ही लोगों का छठ व्रतियों के साथ माथे पर दौरे लेकर छठ घाटों तक पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया । हाथों में फलों से भरी सुप लिए छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना करती नजर आई।

इस दौरान जिले के सभी गली-सड़क साफ-सुथरे नजर आए। मुहल्ले से लेकर छठ घाटों तक पहुंचने वाली सभी सड़कें रंगीले झालरों से दमकते नजर आए। जगह-जगह लगे साउंड बॉक्स पर कहीं शारदा सिन्हा तो कहीं अनुराधा पॉडवाल के लोक गीत से शहर गुजयमान दिखा।

वहीं इस क्रम में ईटीवी भारत की टीम पंचमुखी मंदिर स्थित जिले के प्रमुख पक्की तालाब छठ घाट पहुंची। जहां हजारों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया। हाथों में सुप लिए छठ व्रतियों ने सूर्य की परिक्रमा की । वहीं छठ व्रतियों के साथ मिलकर पारिवारिक सदस्यों ने भगवान भास्कर को दूध अर्पण किया।

इस बाबत पंचमुखी मंदिर के पंडित प्रमोद कुमार झा ने बताया कि छठ पर्व पवित्रता, सात्विकता और लोकआस्था का पर्व है।
सूर्य की उपासना को विज्ञान भी फलदायक बताती है। लिहाजा छठ महापर्व का आस्था के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्व है। वहीं छठ घाट आए श्रद्धालु विमल राय ने बताया छठ की छाप देश-दुनिया पर पड़ी है। हर्षोल्लास से मनाया जाने वाले इस महापर्व को लेकर जिले के लोगों में खासा उत्साह है।


Conclusion:
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