पूर्णिया: खट्टी-मीठी यादों के साथ विदा लेता साल 2020 कोरोना काल के तौर पर जाना जाएगा. साल के शुरुआत के साथ महामारी के दस्तक के बाद लोगों को स्वास्थ्य के गहरे संकट से जूझना पड़ा. हालांकि संक्रमण के इस दौर में ही पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना की साथर्कता सामने आई.
7 हजार से अधिक लोगों ने गोल्डेन कार्ड का लाभ लिया
आर्थिक दिक्कतों से जूझते जिले भर के कुल 7 हजार से अधिक लोगों ने गोल्डेन कार्ड का उपयोग किया और सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं पाई. स्वास्थ्य विभाग के एक आंकड़े के मुताबिक इनमें करीब 2600 लोग ऐसे रहे जिन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए राजधानी पटना या फिर दूसरे प्रदेशों का रुख किया.
दरअसल, कोविड 19 संक्रमण के बिहार के दूसरे प्रदेशों की तरह ही जिले में जोरदार दस्तक के बाद लोगों को स्वास्थ्य के साथ ही गहरे आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ी. हालांकि महामारी के इस मुश्किल दौर में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत दिए जाने वाले गोल्डन कार्ड की उपयोगिता सामने आई. कोविड 19 संक्रमण समेत दूसरे स्वास्थ्य परेशानियों से जूझते बिहार के करीब ढ़ाई लाख लोगों ने तो वहीं जिले के करीब 7 हजार लोगों ने स्वास्थ्य योजना का लाभ उठाया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक नीलांबर कुमार ने बताया कि कोविड 19 पैंडेमिक में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना संक्रमण काल में अर्थ संकट से जूझते लोगों के लिए वरदान साबित हुआ. इसके तहत लोगों ने बिना किसी खर्च के जिले व राज्य के बाहर जाकर अपना इलाज करवाया.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष 5 लाख तक कैशलेस इलाज करवा सकते हैं. योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की वैधता और परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है. योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
इसके अलावा लोग काफी आसानी से यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं. लिस्ट में नाम जानने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है. गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभुकों को आधार कार्ड, राशन कार्ड या पीएम लेटर से कोई एक दस्तावेज लगाना अनिवार्य है.