पूर्णियाः खरीफ फसलों के पैदावार और उत्पादन लागत से जुड़ी समस्याओं के निदान को लेकर कला भवन में प्रमंडल स्तर की खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका मुख्य उद्देश्य खरीफ फसल से जुड़ी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाना था. कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि पूर्णिया प्रमंडल के संयुक्त निर्देशक मृत्युंजय कुमार और प्रमंडलीय नोडल पदाधिकारी संजय नारायण सिंह मौजूद थे.
खरीफ फसलों में गिरावट
खरीफ फसलों से जुड़े कार्यशाला के आयोजन का मेन मकसद मक्का के अलावा खरीफ फसलों में आ रही लगातार गिरावट को रोकना है. साथ खरीफ फसलों से जुड़ी अन्य समस्याओं से निजात पाना है. लिहाजा इसी को लेकर जिले के कला भवन हॉल में प्रमंडल स्तरीय एक दिवसीय खरीफ फसल कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें प्रमंडल के कृषि वैज्ञानिक, ब्लॉक स्तर कृषि कर्मचारी, कृषि वैज्ञानिक के साथ ही सैकड़ों की संख्या में किसान कार्यशाला में शिरकत करने पहुंचे.
कृषि वैज्ञानिकों ने की गहन चर्चा
संयुक्त निदेशक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य मकसद खरीफ फसलों से जुड़ी किसानों की समस्याओं को दूर करना होगा. इसके साथ ही खरीफ फसलों से जुड़ी सरकार के जरिए चलाई जा रही योजनाओं को हर एक किसानों तक पहुंचाना होगा. इस कार्यशाला के जरिये प्रमंडल भर से जुटे कृषि वैज्ञानिकों ने खरीफ फसलों से जुड़े आधुनिक प्रयोग को पंचायत स्तर तक के किसानों तक पहुंचाए जाने पर चर्चा की. वहीं, खरीफ फसलों से जुड़ी समस्याओं व इनके निदान पर भी गहन चर्चा की गई.
बताई गई आधुनि वैज्ञानिक पद्धति
इस कार्यशाला के जरिये किसानों को खरीफ फसलों के पैदावार में वृद्धि से जुड़ी आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति बताई गई. मक्का में पूर्णिया जिले के अव्वल बनाने के बाद अब खरीफ फसलों मसलन दलहन व तिलहन फसलों के पैदावार में वृद्धि, उत्पादन और अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश की जा रही है.