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50 हजार की लागत से किया स्टार्टअप, संघर्ष और मेहनत से करोड़पति बने तेजस्वी

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Published : Aug 13, 2019, 11:59 PM IST

एक ओर जहां युवा डिग्रियां पूरी होते ही जॉब पाने की आपाधापी में लग जाते हैं. तो वहीं गिनती भर ही सही मगर ऐसे युवा भी हैं, जो बेहतर सैलरी वाले सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में बतौर एम्प्लॉई बने रहने के बजाए खुद का स्टार्टअप खोल रहे हैं.

a young man become millionaire by startup in purnia

पूर्णिया: 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों' ये लाइनें चरितार्थ कर दी हैं पूर्णियां के रहने वाले तेजस्वी ने. महज 50 हजार रुपये से अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले तेजस्वी आज तकरीबन 35 लाख रुपये सालाना का कारोबार करने वाले राज्य के करोड़पति युवा बन गए हैं. चलिए जानते हैं, कौन हैं ये तेजस्वी और कैसे मेहनत के साथ-साथ ख्वाबों को पूरा करने के लिए इन्होंने दिन रात एक कर ये मुकाम हासिल किया.

एक ओर जहां युवा डिग्रियां पूरी होते ही जॉब पाने की आपाधापी में लग जाते हैं. तो वहीं गिनती भर ही सही मगर ऐसे युवा भी हैं, जो बेहतर सैलरी वाले सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में बतौर एम्प्लॉई बने रहने के बजाए खुद का स्टार्टअप खोल रहे हैं. संघर्ष और संकल्पना को सफलता का मूर्त रूप देने वाले इन्हीं युवाओं में शामिल है बिहार के पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले मैकेनिकल इंजीनियर तेजस्वी कुमार ज्योति. तेजस्वी महज 27 साल के हैं और इन्होंने 2014 में एक छोटे से प्लांट से शुरूआत कर आज 4 प्लांट बना करोड़पति बनने तक का सफर पूरा किया है.

ये है तेजस्वी का प्लांट
ये है तेजस्वी का प्लांट

पर्यावरण प्रेमी तेजस्वी का प्लांट
जिले के माधोपारा इलाके में रहने वाले तेजस्वी कुमार ज्योति के 4 प्लांटों में 15 स्टाफ हैं. बतौर मैकेनिकल इंजिनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर तेजस्वी सबसे पहले भूषण स्टील जैसी नाम कंपनी में मोटी तनख्वाह पर काम करने दिल्ली गए. लेकिन बचपन से कुछ नया करने की चाहत ने उनके कदमों को अपने घर वापसी कर दिया. इसके बाद पर्यावरण प्रेमी तेजस्वी ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कागज के प्लेट (दोना), ग्लास आदि की मशीनें बनाना शुरू किया और खुद प्रोडक्शन करने लगें.

जानकारी देते तेजस्वी

संघर्ष का दौर...
शुरुआती दौर में आने-वाली रुकावटें और दिक्कतों के आगे घुटने टेकने के बजाए तेजस्वी ने अपने इस प्रोडक्शन को आगे बढ़ाने का काम किया. इसके बाद उन्होंने चार और प्लांट लगा दिए. धीरे-धीरे सफलता के पायदान चढ़ते हुए तेजस्वी ने अपनी मार्केट तैयार की. आज वो खुद के स्टार्टअप से करोड़पति बन गए हैं. तेजस्वी कुमार ज्योति बताते हैं कि उनका कारोबार महज जिले और बिहार तक ही सीमित नहीं है. उनके कस्टमर यूपी, कोलकाता, झारखंड और एमपी में भी हैं.

ये है तेजस्वी का प्लांट
अपने प्लांट के साथ तेजस्वी

घर वालों ने किया सपोर्ट
तेजस्वी की मेहनत और लगन को घर वालों ने भी सराहा है. तेजस्वी कहते हैं कि जब उनके मन स्टार्टअप का ख्याल आया, तो उन्होंने ये बात घर वालों के सामने रखी. इसके बाद घर वालों ने हामी भर दी. मां-पिताजी ने सपोर्ट किया. इसके बाद उन्हें सफलता हाथ लगी. भाईयों में सबसे छोटे ही सही मगर अटल विचारों वाले तेजस्वी की ये कहानी ये साबित करती है कि कैसे आप घर पर ही रहकर अपने ख्वाबों को पंख लगा सकते हैं. तेजस्वी की मेहनत और पॉजिटिविटी ने आज उन्हें करोड़पति बना दिया.

पूर्णिया: 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों' ये लाइनें चरितार्थ कर दी हैं पूर्णियां के रहने वाले तेजस्वी ने. महज 50 हजार रुपये से अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले तेजस्वी आज तकरीबन 35 लाख रुपये सालाना का कारोबार करने वाले राज्य के करोड़पति युवा बन गए हैं. चलिए जानते हैं, कौन हैं ये तेजस्वी और कैसे मेहनत के साथ-साथ ख्वाबों को पूरा करने के लिए इन्होंने दिन रात एक कर ये मुकाम हासिल किया.

एक ओर जहां युवा डिग्रियां पूरी होते ही जॉब पाने की आपाधापी में लग जाते हैं. तो वहीं गिनती भर ही सही मगर ऐसे युवा भी हैं, जो बेहतर सैलरी वाले सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में बतौर एम्प्लॉई बने रहने के बजाए खुद का स्टार्टअप खोल रहे हैं. संघर्ष और संकल्पना को सफलता का मूर्त रूप देने वाले इन्हीं युवाओं में शामिल है बिहार के पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले मैकेनिकल इंजीनियर तेजस्वी कुमार ज्योति. तेजस्वी महज 27 साल के हैं और इन्होंने 2014 में एक छोटे से प्लांट से शुरूआत कर आज 4 प्लांट बना करोड़पति बनने तक का सफर पूरा किया है.

ये है तेजस्वी का प्लांट
ये है तेजस्वी का प्लांट

पर्यावरण प्रेमी तेजस्वी का प्लांट
जिले के माधोपारा इलाके में रहने वाले तेजस्वी कुमार ज्योति के 4 प्लांटों में 15 स्टाफ हैं. बतौर मैकेनिकल इंजिनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर तेजस्वी सबसे पहले भूषण स्टील जैसी नाम कंपनी में मोटी तनख्वाह पर काम करने दिल्ली गए. लेकिन बचपन से कुछ नया करने की चाहत ने उनके कदमों को अपने घर वापसी कर दिया. इसके बाद पर्यावरण प्रेमी तेजस्वी ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कागज के प्लेट (दोना), ग्लास आदि की मशीनें बनाना शुरू किया और खुद प्रोडक्शन करने लगें.

जानकारी देते तेजस्वी

संघर्ष का दौर...
शुरुआती दौर में आने-वाली रुकावटें और दिक्कतों के आगे घुटने टेकने के बजाए तेजस्वी ने अपने इस प्रोडक्शन को आगे बढ़ाने का काम किया. इसके बाद उन्होंने चार और प्लांट लगा दिए. धीरे-धीरे सफलता के पायदान चढ़ते हुए तेजस्वी ने अपनी मार्केट तैयार की. आज वो खुद के स्टार्टअप से करोड़पति बन गए हैं. तेजस्वी कुमार ज्योति बताते हैं कि उनका कारोबार महज जिले और बिहार तक ही सीमित नहीं है. उनके कस्टमर यूपी, कोलकाता, झारखंड और एमपी में भी हैं.

ये है तेजस्वी का प्लांट
अपने प्लांट के साथ तेजस्वी

घर वालों ने किया सपोर्ट
तेजस्वी की मेहनत और लगन को घर वालों ने भी सराहा है. तेजस्वी कहते हैं कि जब उनके मन स्टार्टअप का ख्याल आया, तो उन्होंने ये बात घर वालों के सामने रखी. इसके बाद घर वालों ने हामी भर दी. मां-पिताजी ने सपोर्ट किया. इसके बाद उन्हें सफलता हाथ लगी. भाईयों में सबसे छोटे ही सही मगर अटल विचारों वाले तेजस्वी की ये कहानी ये साबित करती है कि कैसे आप घर पर ही रहकर अपने ख्वाबों को पंख लगा सकते हैं. तेजस्वी की मेहनत और पॉजिटिविटी ने आज उन्हें करोड़पति बना दिया.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)


एक ओर जहां युवा डिग्रियां पूरी होते ही जॉब पाने की आपाधापी में लग जाते हैं। तो वहीं गिनती भर ही सही मगर ऐसे युवा भी हैं। जो बेहतर सैलरी वाले सरकारी या प्राइवेट संस्थानों में बतौर एम्प्लॉय बने रहने के बजाए खुद का स्टार्टप खोल सामने आ रहे हैं। संघर्ष और संकल्पना को सफलता का मूर्त रूप देने वाले इस कहानी के नायक कोई और नहीं बिहार के पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले मैकेनिकल इंजीनियर तेजस्वी कुमार ज्योति हैं।
महज 50 हजार से अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले 27 वर्षीय तेजस्वी आज 4 प्लांट ,15 स्टाफ और तकरीबन 35 लाख सालाना कारोबार करने वाले एक करोड़पति युवा बन गए हैं।




Body:दरअसल बचपन से कुछ अलग कर गुजरने की चाहत ही थी। जिसने माधोपारा इलाके में रहने वाले तेजस्वी कुमार ज्योति को मोटी तनख्वाह वाली भूषण स्टील जैसी नामी कंपनी की नौकरी
छोड़ अपना स्टार्टअप शुरू किया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रैक्टिकल स्किल का बखूबी इस्तेमाल करते हुए महज 50 हजार के मामूली रकम से कागज से बनी प्लेट ,कटोरे और ग्लास बनाने के साथ ही खुद से बनाए गए ऐसी मशीनों का अपना स्टार्टप शुरू किया।


शुरुआती दौर में आने-वाली रुकावटें और दिक्कतों के आगे घुटने टेकने के बजाए वे इसे इसे आगे बढाने में लगे रहें। और चार और प्लांट लगा दिया। आज तेजस्वी सालाना 35 करोड़ का कारोबार करने वाले एक करोड़पति युवा बन चुके हैं। वह भी महज 27 साल में। वह तेजस्वी जो खुद स्टील कंपनी में कई सीनियर्स के अधीन काम करते थे। आज खुद उनके अंदर 15 स्टाफ हैं। वहीं जिले के अलावा इनके कारोबार का जाल महज सिलीगुड़ी व अरिरिया तक फैला है। इसमें दो पूर्णिया में व एक सिलीगुड़ी और अररिया में है। वहीं अब इनके कस्टमर्स महज जिले और प्रदेश भर में ही नहीं। बल्कि यूपी , कोलकाता ,रांची और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी है।



आज जिले भर के युवाओं के लिए प्रेरणा की कहानी के एक अध्याय बन चुके तेजस्वी कुमार ज्योति वैसे रहे तो भाइयों में सबसे छोटे मगर इनके इटल इरादों और हौसलों ने इन्हें समाज ,परिवार और खुद भाइयों के नजर में बड़ा बना दिया।
में माता-पिता को जब तेजस्वी की जरूरत महसूस होने लगी।
तेजस्वी ने एक झटके में भूषण स्टील जैसी बड़ी कंपनी का जॉब
छोड़ वापस दिल्ली से बिहार लौट आए। यहां आकर औरों से कुछ अलग करने की चाहत को सच कर दिखाने का ठान लिया।



पुणे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले तेजस्वी की मानें तो उनके लिए यह सबकुछ इतना आसान नहीं था। अनूठे ख्याल वाले तेजस्वी की मानें तो वह ऐसा कोई स्टार्टप नहीं चाहते थे जिससे प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान हो। लिहाजा इसके लिए तेजस्वी ने अपनी बात घर व परिवार के बड़ों के पास रखी। हामी मिलते ही तेजस्वी के अंदर का इंजीनियर आकार लेने लगा।
वह साल था 2014 जब इन्होंने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कागज प्लेट ,ग्लास आदि का मशीन बनाना शुरू किया और खुद प्रोडक्शन करने लगें।



वहीं बिजनेस के मुनाफे को देखते हुए लोगों ने हाथोंहाथ तेजस्वी के बने मशीन खरीदे। आज 50 से भी अधिक मशीन बिक चुकी हैं। इसके साथ ही जल्द ही तेजस्वी प्लास्टिक बैन के बाद बेकार से समझे जाने वाले गोबर से थैला बनाने जा रहे हैं। इसके पीछे जहां तेजस्वी का अहम मकसद प्लास्टिक के प्रयोग से बचाकर पर्यावरण को शुद्ध बनाना है। तो वहीं प्लास्टिक बैन के बाद इस बिजनेस के अपार मुनाफे वाली संभावनाएं हैं।


Conclusion:
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