पटना: बिहार में कोरोना महामारी कहर बरपा रहा है और सबसे अधिक संक्रमित युवा वर्ग हो रहे हैं. खासकर 20 साल से लेकर 50 साल तक के युवा कोरोना संक्रमित सबसे ज्यादा हो रहे हैं. विशेषज्ञ भी इसे चिंता का विषय मानते हैं क्योंकि इस उम्र में इम्युनिटी ज्यादा होती है. उसके बावजूद कोरोना वायरस युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है.
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युवा ज्यादा हो रहे शिकार
अप्रैल से लेकर मई तक जितने कोरोना संक्रमित बिहार में पाए गए हैं उसमें सबसे अधिक संख्या युवाओं की है. ऐसे तो इस बार हर उम्र के लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. बच्चे भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हुए हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित युवा वर्ग ही इस बार हो रहा है. खासकर 20 साल से 50 साल के बीच के युवाओं को कोरोना सबसे अधिक परेशान कर रहा है. कोरोना संक्रमित लोगों में 20 से 50 साल तक के आयु वर्ग के 60% लोग हैं.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से 12 मई तक के आंकड़ों के अनुसार दूसरे लहर में कुछ इस प्रकार से विभिन्न आयु वर्ग के लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं.
विशेषज्ञ की राय
बिहार के जाने-माने विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रंजन के अनुसार पहली लहर में अधिक उम्र के लोगों को कोरोना ज्यादा परेशान कर रहा था लेकिन दूसरी लहर में युवा वर्ग को ज्यादा परेशानी हो रही है, मौतें भी ज्यादा हो रही है.
'युवा वर्ग मानते हैं की उनकी इम्युनिटी मजबूत है और इसलिए वे लापरवाह रहते हैं. शादी और अन्य कार्यक्रमों में देर रात तक बिना मास्क लगाए शामिल होने के मामले भी आए थे. और उसके कारण ही कोरोना उन्हें अपनी चपेट में इस बार अधिक ले रहा है. बड़ी संख्या में युवाओं की इस बार कोरोना संक्रमण से मौत भी हुई है, जो एक बड़ी चिंता की बात है. इसलिए जब तक टीकाकरण ना हो जाए तब तक युवाओं को भी कोरोना से सतर्क रहना होगा. जो भी कोरोना गाइडलाइन है उसका सख्ती से पालन करना चाहिए.'- डॉ राजीव रंजन, विशेषज्ञ
युवाओं की मौत का आंकड़ा बढ़ा
राजीव रंजन ने बताया कि इस बार युवा वर्ग में कोरोना संक्रमण के कारण मौत प्रतिशत पिछले लहर की तुलना में 28% से बढ़कर 34% पहुंच गया है तो वहीं अधेड़ उम्र में यह प्रतिशत घटा है.
'पहली लहर की तुलना में आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार 25 से 40 वर्ष के युवा वर्ग में कोरोना संक्रमण एक परसेंट बढ़ा है. पहली लहर में संक्रमण 31% था जो इस दूसरी लहर में बढ़कर 32% से अधिक हो गया है. इसका बड़ा कारण है यूथ को कामकाज के लिए बाहर निकालना पड़ता है. और इनका वैक्सीनेशन भी अभी नहीं हुआ है.'- डॉ सुनील कुमार सिंह, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ
गाइडलाइन का पालन जरूरी
अधिक उम्र वालों को इस बार कम खतरा है. इसके पीछे की वजह मानी जा रही है कि इनका वैक्सीनेशन हो गया है या फिर पहली लहर में कोरोना संक्रमित होने के कारण बड़ी संख्या में नेचुरल एंटी बॉडी भी बन गया है. ऐसे में जरूरी है कि युवा वर्ग कोरोना गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने के साथ और भी जो सुरक्षा के उपाय हैं उसका भी जरूर पालन करे.
तीसरे लहर बच्चों को कर सकता है प्रभावित
दूसरी लहर का प्रकोप झेलने के साथ ही अब तीसरी लहर से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. चिकित्सक दूसरी लहर में युवाओं के संक्रमित अधिक होने के साथ मौत का प्रतिशत बढ़ने से चिंतित तो हैं लेकिन यह भी कह रहे हैं कि तीसरी लहर में कोरोना बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है. और इसके लिए अभी से ही तैयारी करनी होगी. सतर्क रहना होगा नहीं तो हमारी नई पीढ़ी कोरोना से अगर ग्रसित होगी तो उसका असर बहुत ज्यादा होगा.
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