पटनाः केंद्र सरकार आज संसद में बजट पेश करेगी. इस बजट से युवाओं को भी काफी उम्मीद बंधी हुई है. इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में जब युवाओं से बजट को लेकर उनकी उम्मीदों (Youth expect more employment from budget ) पर बातचीत की गई तो उन्होंने ज्यादा से ज्यादा जाॅब क्रिएशन की बात कही. युवाओं ने एकमत से कहा कि भारत में रोजगार के अवसर की कमी है. बजट में बड़ी वैकेंसी की घोषणा होनी चाहिए. रेलवे, एयरपोर्ट आदि का निजीकरण न करके यहां ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन की व्यवस्था की जानी चाहिए. इससे युवाओं के भटकने और इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही युवा शक्ति देश के लिए बोझ बनेगी.
ये भी पढ़ेंः Union Budget 2023: नौकरी पेशा वर्ग की मांग- 'टैक्स स्लैब पर ध्यान दे मोदी सरकार'
जाॅब कैलेंडर सुचारू किया जाए: छात्र संगम ने कहा कि मैं कई वर्षों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन चाहे प्रदेश हो या देश बहुत लंबे अंतराल के बाद वैकेंसी आती है. मैं वित्त मंत्री से गुहार लगाऊंगा की जॉब कैलेंडर को सुचारू किया जाए और रेलवे हो या एयरपोर्ट किसी प्राइवेट हाथों में ना दिया जाए और जो भी इन जगहों पर रिक्त पदे हैं, उन पर वैकेंसी निकालकर युवाओं को बहाल किया जाए. बजट में सरकार युवाओं के लिए जॉब क्रिएट करने पर विशेष ध्यान दें ताकि युवा शक्ति बेरोजगार होकर अपना भविष्य ना बर्बाद करें बल्कि रोजगार और सरकारी नौकरी प्राप्त कर भारत के आर्थिक विकास के पथ में योगदान दे सकें.
"मैं कई वर्षों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन चाहे प्रदेश हो या देश बहुत लंबे अंतराल के बाद वैकेंसी आती है. मैं वित्त मंत्री से गुहार लगाऊंगा कि जॉब कैलेंडर को सुचारू किया जाए और रेलवे हो या एयरपोर्ट किसी प्राइवेट हाथों में ना दिया जाए और जो भी इन जगहों पर रिक्त पदे हैं, उन पर वैकेंसी निकालकर युवाओं को बहाल किया जाए. बजट में सरकार युवाओं के लिए जॉब क्रिएट करने पर विशेष ध्यान दें ताकि युवा शक्ति बेरोजगार होकर अपना भविष्य ना बर्बाद करें बल्कि रोजगार और सरकारी नौकरी प्राप्त कर भारत के आर्थिक विकास के पथ में योगदान दे सकें" - संगम, छात्र
सरकार अधिक से अधिक निकाले वैकेंसीः छात्र राहुल बताते हैं कि वह यही चाहते हैं कि सरकार सरकारी नौकरी अधिक निकाले और अविलंब इन पदों को भरने का काम करें. देश में आज युवा बेरोजगार है जो एक बड़ी समस्या है और युवाओं की बेरोजगारी दूर करने की दिशा में बजट में कोई प्रावधान किया जाए. इसके अलावा तकनीक के इस युग में तकनीक के नाम पर मैनपावर की चटनी का काम बंद हो इस दिशा में भी सरकार कोई कानून लाए.
"मैं चाहता हूं कि सरकार सरकारी नौकरी अधिक निकाले और अविलंब इन पदों को भरने का काम करें. देश में आज युवा बेरोजगार है जो एक बड़ी समस्या है और युवाओं की बेरोजगारी दूर करने की दिशा में बजट में कोई प्रावधान किया जाए. इसके अलावा तकनीक के इस युग में तकनीक के नाम पर मैनपावर की चटनी का काम बंद हो इस दिशा में भी सरकार कोई कानून लाए" - राहुल, छात्र
एयरपोर्ट और रेलवे को निजी हाथों में नहीं दिया जाए: सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्र नीरज ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से गुहार लगाते हुए कहा कि उन लोगों की आयु सीमा सरकारी नौकरी की तैयारी करते करते समाप्त हो रही है. लेकिन वैकेंसी कम आने की वजह से नौकरी नहीं मिल रही है. बजट से यही उम्मीद है कि इसमें सुधार किया जाए. जॉब कैलेंडर को सुचारू किया जाए और सरकारी क्षेत्रों में जो वैकेंसी है उसे अविलंब भरा जाए. वहीं छात्र सौरव बताते हैं कि केंद्र सरकार ढेर सारे एयरपोर्ट के विकास की बात कर रही है. ऐसे में वह कहेंगे कि एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों में न दिया जाए. इन जगहों पर जॉब क्रिएट करके अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने का काम करे. आज भारत सबसे युवा देश है, लेकिन युवाओं के पास बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है. आज भी युवाओं की बेरोजगारी समय पर दूर नहीं की गई तो आने वाले समय में भारत पर यह बहुत बड़ा बोझ बन जाएंगे, जो भारत की आर्थिक विकास में बाधक बन जाएगा.
"हमलोगों की सरकारी नौकरी की तैयारी करते करते आयु सीमा समाप्त हो रही है. लेकिन वैकेंसी कम आने की वजह से नौकरी नहीं मिल रही है. बजट से यही उम्मीद है कि इसमें सुधार किया जाए. जॉब कैलेंडर को सुचारू किया जाए और सरकारी क्षेत्रों में जो वैकेंसी है उसे अविलंब भरा जाए" - नीरज, छात्र
"केंद्र सरकार ढेर सारे एयरपोर्ट के विकास की बात कर रही है. ऐसे में मैं यही कहूंगा कि एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों में न दिया जाए. इन जगहों पर जॉब क्रिएट करके अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने का काम करे. आज भारत सबसे युवा देश है, लेकिन युवाओं के पास बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है. आज भी युवाओं की बेरोजगारी समय पर दूर नहीं की गई तो आने वाले समय में भारत पर यह बहुत बड़ा बोझ बन जाएंगे, जो भारत की आर्थिक विकास में बाधक बन जाएगा" - सौरव, छात्र