पटनाः सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं. इस क्रम में जनता दरबार में एक फरियादी पहुंचा, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ी अपनी समस्या बताई. फरियादी ने सीएम को बताया कि उसके पिता के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत आवास स्वीकृत था, लेकिन वह दूसरे को दे दिया गया.
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'प्रधानमंत्री आवास योजना में मेरे पिता जी के नाम से आवास स्वीकृत था, लेकिन वे दूसरे को दे दिया गया. इसको लेकर जब हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, तो लोक शिकायत निवारण ने जांच के बाद मेरे पक्ष फैसला दिया. इसके बावजूद अबतक मुझे आवास नहीं दिया गया."- फरियादी
लोक शिकायत निवारण ने फरियादी के पक्ष में फैसला दिया है. इसको लेकर मुख्ममंत्री ने अधिकारी को बुलाकर मामले में पूछताछ की, तो अधिकारी ने बताया कि इनको जो आवास देना था, वह दूसरे को दे दिया गया है. विभाग के द्वारा जांच में सही पाया गया है और प्रधानमंत्री आवास योजना सहायक पर एफआईआर भी दर्ज किया गया है. लाभ पाए व्यक्ती से मामले में वसूली की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारी के जवाब के बाद चीफ सेक्रेट्ररी को बुलाकर मामले से अवगत कराया और कहा कि इसके पक्ष में फैसला हुआ है, इसके बाद भी इसको लाभ नहीं मिला, यह ठीक बात नहीं. इस मामले को देख कर जल्द से जल्द इनको लाभ पहुंचाया जाए. वहीं, शिकायत सूनने के बाद मुख्यमंत्री ने फरियादी को अधिकारियों के पास भेजकर आगे की कार्रवाई करने की बात कही.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इस महीने के तीसरे सोमवार को जनता दरबार में सीएम ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण पीएचईडी, गन्ना विकास, जल संसाधन, भवन निर्माण, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जनसंपर्क, सहकारिता, वन एवं पर्यावरण विभाग से संबंधित शिकायतें सुन रहे हैं.
इन सभी संबंधित विभाग के सभी मंत्री और बिहार सरकार के सभी आलाधिकारी भी इस दौरान जनता दरबार में मौजूद हैं. जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद परिसर में बने हॉल में हो रहा है. जनता दरबार सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. जनता दरबार में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है और अभी सीमित संख्या में ही लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है. जनता दरबार में जिन लोगों को बुलाया जा रहा है, उनका पहले रजिस्ट्रेशन होता है और फिर कोरोना निगेटिव होने पर ही उन्हें शामिल होने की अनुमति दी जाती है. अगर वैक्सीन नहीं लिया है तो वैक्सीन भी दी जाती है.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद एक बार फिर से जनता दरबार शुरू किया है और अब तक तीन सोमवार को कार्यक्रम हो चुका है. यह इस बार का चौथा जनता दरबार का कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.
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