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कुछ कबाड़, कुछ जुगाड़ और फिर हो गया 'टेरेस गार्डन' तैयार - drip irrigation system

बिहार में पटना (Patna) के रहने वाले योगेश कुमार ने अपने फ्लैट की बालकनी में छोटा सा गार्डन (Terrace Garden) बना रखा है. उन्होंने तुलसी औषधि प्लांट से लेकर ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) भी लगा रखे हैं. योगेश अपने पौधों को खास तरीके से पानी देते हैं. देखें रिपोर्ट

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Published : Jul 11, 2021, 7:34 PM IST

पटना: राजधानी पटना (Patna) में लोगों के सपने जितने बड़े होते हैं, उससे कम जगह में वह अपनी जिंदगी जीते हैं. पटना के रहने वाले योगेश कुमार (Yogesh Kumar) जिन्हें बचपन से ही पौधे लगाने का शौक था, जिनका सपना था कि उनके घर में गौ-पालन हो और कई सारे पेड़ पौधे भी हो, लेकिन शहर में उनका ये सपना पूरा ना हो सका. बावजूद इसके पेशे से एजी विभाग में कार्यरत और पैशन से गार्डनर (Gardner) योगेश कुमार ने फ्लैट में रहकर भी पूरे घर को क्रिएटिव माइंड से संजो रखा है.

ये भी पढ़ें- नूपुर को छत पर सब्जी-फल उगाने का शौक, बाजार से नहीं खरीदतीं सब्जियां

कोरोना काल (Corona Period) जब पिक पर था, तो योगेश ने उस समय खुद और अपनी बेटी के सहयोग से रोबोट का भी निर्माण किया था, जिसको लेकर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेश में चर्चा हुई थी. योगेश कुमार का यह साफ तौर से कहना है कि अगर आपको हरियाली से प्यार है और आप छोटा सा ही सही लेकिन गार्डन चाहते हैं, तो यह सब मुमकिन हैं. जगह की कमी के बावजूद आप बेहतर टेरेस गार्डन (Terrace Garden) बना सकते हैं.

देखें रिपोर्ट

लोग जिन पुरानी बोतलों को फेंक देते हैं, उन्हें योगेश कुमार बालकनी में नया डिजाइन देकर गार्डन में सजा लेते हैं. गाड़ियों के टायरों को भी पेंट कर उसमें तरह-तरह के पौधे लगाए हुए हैं. बांस के बंबू में भी उन्होंने अच्छे तरीके से फूलों के पौधे लगाए हुए हैं. योगेश अपने फूलों को कुछ खास तरीके से पानी डालते हैं.

उनका कहना है कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनको शौक रहता है कि वह गार्डनिंग करें, लेकिन शहर में लोगों के पास छोटी बालकनी होती है और उसमें अगर कोई गार्डनिंग किए हुए है और अगर किसी काम से वह महीने भर के लिए बाहर चले जाए तो वह पौधा बिना पानी के सूख जाता है. लेकिन, योगेश ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) के माध्यम से गार्डनिंग करते हैं. इसमें फूलों के पौधों की ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती है.

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से पानी भी कम बर्बाद होता है और पौधों की देखभाल भी कम करनी पड़ती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ड्रिप इरिगेशन को सेंसर के थ्रू उन्होंने ऑटोमेटिक कर दिया है, जिससे समय-समय पर पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी मिल जाता है और पौधे हरे भरे रहते हैं.

योगेश को सिर्फ गार्डनिंग का ही शौक नहीं है, बल्कि वह हॉकी के कोच भी रह चुके हैं. इसके साथ ही वह अपने घर में भी तरह-तरह के काम को करके खुद से घर को सजा रखा है. योगेश का कहना है कि जहां चाह है, वहां राह होती है. वो एसी और आरओ के वेस्ट पानी को एक जगह एकत्रित करके ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से पौधों में पानी देते हैं.

ये भी पढ़ें- विदेश की नौकरी छोड़ टेरिस गार्डनिंग में जागी रुचि, देखें वीडियो...

राजधानी पटना में ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से पौधों को पानी देने के लिए योगेश पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और दिमाग से गार्डन को तैयार किया और उसकी देखभाल करते हैं. योगेश ने अपने गार्डन में तुलसी औषधि प्लांट से लेकर ऑक्सीजन प्लांट भी लगा रखे हैं. फल फूल से लेकर गरम मसाला, पान पत्ता, नींबू, अनार, लेमनग्रास, सहित कई तरह के पौधे बालकनी में लगा रखे हैं.

पटना: राजधानी पटना (Patna) में लोगों के सपने जितने बड़े होते हैं, उससे कम जगह में वह अपनी जिंदगी जीते हैं. पटना के रहने वाले योगेश कुमार (Yogesh Kumar) जिन्हें बचपन से ही पौधे लगाने का शौक था, जिनका सपना था कि उनके घर में गौ-पालन हो और कई सारे पेड़ पौधे भी हो, लेकिन शहर में उनका ये सपना पूरा ना हो सका. बावजूद इसके पेशे से एजी विभाग में कार्यरत और पैशन से गार्डनर (Gardner) योगेश कुमार ने फ्लैट में रहकर भी पूरे घर को क्रिएटिव माइंड से संजो रखा है.

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कोरोना काल (Corona Period) जब पिक पर था, तो योगेश ने उस समय खुद और अपनी बेटी के सहयोग से रोबोट का भी निर्माण किया था, जिसको लेकर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेश में चर्चा हुई थी. योगेश कुमार का यह साफ तौर से कहना है कि अगर आपको हरियाली से प्यार है और आप छोटा सा ही सही लेकिन गार्डन चाहते हैं, तो यह सब मुमकिन हैं. जगह की कमी के बावजूद आप बेहतर टेरेस गार्डन (Terrace Garden) बना सकते हैं.

देखें रिपोर्ट

लोग जिन पुरानी बोतलों को फेंक देते हैं, उन्हें योगेश कुमार बालकनी में नया डिजाइन देकर गार्डन में सजा लेते हैं. गाड़ियों के टायरों को भी पेंट कर उसमें तरह-तरह के पौधे लगाए हुए हैं. बांस के बंबू में भी उन्होंने अच्छे तरीके से फूलों के पौधे लगाए हुए हैं. योगेश अपने फूलों को कुछ खास तरीके से पानी डालते हैं.

उनका कहना है कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनको शौक रहता है कि वह गार्डनिंग करें, लेकिन शहर में लोगों के पास छोटी बालकनी होती है और उसमें अगर कोई गार्डनिंग किए हुए है और अगर किसी काम से वह महीने भर के लिए बाहर चले जाए तो वह पौधा बिना पानी के सूख जाता है. लेकिन, योगेश ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) के माध्यम से गार्डनिंग करते हैं. इसमें फूलों के पौधों की ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती है.

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से पानी भी कम बर्बाद होता है और पौधों की देखभाल भी कम करनी पड़ती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ड्रिप इरिगेशन को सेंसर के थ्रू उन्होंने ऑटोमेटिक कर दिया है, जिससे समय-समय पर पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी मिल जाता है और पौधे हरे भरे रहते हैं.

योगेश को सिर्फ गार्डनिंग का ही शौक नहीं है, बल्कि वह हॉकी के कोच भी रह चुके हैं. इसके साथ ही वह अपने घर में भी तरह-तरह के काम को करके खुद से घर को सजा रखा है. योगेश का कहना है कि जहां चाह है, वहां राह होती है. वो एसी और आरओ के वेस्ट पानी को एक जगह एकत्रित करके ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से पौधों में पानी देते हैं.

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राजधानी पटना में ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से पौधों को पानी देने के लिए योगेश पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और दिमाग से गार्डन को तैयार किया और उसकी देखभाल करते हैं. योगेश ने अपने गार्डन में तुलसी औषधि प्लांट से लेकर ऑक्सीजन प्लांट भी लगा रखे हैं. फल फूल से लेकर गरम मसाला, पान पत्ता, नींबू, अनार, लेमनग्रास, सहित कई तरह के पौधे बालकनी में लगा रखे हैं.

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