गोपालगंज: सत्तर घाट पुल का अप्रोच पथ ध्वस्त होने के बाद प्रदेश की सियासत उफान पर है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा पुल का जायजा लेने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार को जमकर खड़ी-खोटी सुनाई. उन्होंने राज्य सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की.
'जांच के बाद दोषी पर हो सख्त कार्रवाई'
पुल का जायजा लाने के बाद पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस पथ के निर्माण में काफी बड़ा घोटाला हुआ है. निर्माण में भी अनियमितता बरती गई है. उन्होंने पथ निर्माण मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इतने बड़े मामले को नीतीश सरकार के मंत्री हल्के में ले रहे हैं, वे इसे महज एक प्राकृतिक आपदा बता रहे हैं. जबकि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई है.
उन्होंने बताया कि एप्रोच पथ के साइड में बाढ़ और पानी की संभावना को नजरअंदाज किया गया. बालू के बजाए बोल्डर रखा जाना चाहिए था. सिर्फ मिट्टी से कटाव को रोकना संभव नहीं है. इस घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और केवल अधिकारी पर ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री पर भी केस दर्ज कर होनी चाहिए.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि बीते बुधवार को गंडक नदी की तेज धारा में फैजुल्लाहपुर के पास बने पुल एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया था. इस वजह से सारण-चंपारण का आवागमन बाधित हो गया है. इस पुल के ध्वस्त होने के बाद विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर हैं. हालांकि, सत्ता पक्ष भी विपक्ष के हर सवाल का बखूबी से जवाब दे रही है.