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बिहार में 2022 का वो खौफनाक मंजर, जिसे याद कर आज भी सहम उठते हैं लोग

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Published : Dec 24, 2022, 6:39 AM IST

इससे पहले कि हम सभी साल 2023 का स्वागत करें आइये जान लेते हैं कि साल 2022 हमें कौन कौन से बड़े जख्म दे गया है. वो कौन सी बड़ी घटनाएं थीं जिसने प्रदेश के साथ ही पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. (year ender 2022) (Begusarai Firing Case)

year ender 2022
year ender 2022

पटना: साल 2022 का आखिरी महीना दिसंबर चल रहा है. अब नए साल के आने में बहुत कम वक्त बचा है. साल 2023 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. नए साल की खुशियां मनाने से पहले बीतने वाले साल के कुछ जख्म हम आपको दिखाने जा रहे हैं जो हर बिहारवासी के दिलों में इस तरह से घर कर चुकी है कि कोई चाहकर भी इन वारदातों को भूला नहीं सकता है. (big crime in bihar 2022) (kidnapped gold businessman murdered in aarah)

पढ़ें- उपलब्धियों से भरा रहा साल 2022, बिहार विधानसभा ने तोड़ा 100 वर्षों का रिकॉर्ड

13 सितंबर 2022- बेगूसराय गोली कांड की वारदात: साल 2022 में बिहार की कुछ आपराधिक वारदातें काफी सुर्खियों में रही हैं. कोरोना महामारी के 2 सालों के बाद एक ओर जहां आम इंसान वापस अपनी दिनचर्या में लौटे रहा था तो वहीं दूसरी ओर बिहार में आपराधिक वारदातों में काफी वृद्धि हुई. 13 सितंबर 2022 की यह घटना बिहार के इतिहास के कालों पन्नों में लिखा जाएगा. दरअसल 13 सितंबर को शाम 4 बजे बेगूसराय के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे 28 स्थित गोधना क्षेत्र में फायरिंग की वारदात सामने आई थी.

अपराधियों ने की अंधाधुंध फायरिंग: 40 मिनट तक चली इस फायरिंग में हाईवे के 25 किलोमीटर के बीच 5 जगहों पर बाइक सवारों ने गोलियां बरसाईं थीं. फायरिंग में 11 लोगों को गोली लगी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. फायरिंग वाली पांच में से चार जगहों पर मौजूद लोगों ने बताया कि एक बदमाश बाइक चला रहा था. वहीं पीछे बैठा दूसरा शख्स जिसे मन कर रहा था उसे गोली मारता रहा.

बेगूसराय में गोलीकांड की पूरी कहानी: इस पूरी घटना को लेकर बिहार सिहर उठा था. सबसे पहले दो बाइक पर सवार होकर 4 साइको किलरों ने बेगूसराय शहर में प्रवेश किया. इनकी मंशा दहशत फैलाने के इरादे से फायरिंग करने की थी. शहर से ये चारों आगे बढ़ते गए जबकि जगह-जगह पुलिस तैनात रहती है और कई जगह चेक पोस्ट भी होते हैं. 30 किलोमीटर के सफर में चार थाना पड़ा लेकिन किसी को कुछ भनक नहीं हुई. चारों को ना तो किसी ने रोका ना ही तलाशी ही ली गई. हालांकि आए दिन वाहन चेकिंग अभियान चलाने के दावे भी पुलिस करती है. चारों किलर ने एनएच 28 से एनएच 31 के बीच दहशत फैलाना शुरू कर दिया. इन लोगों ने शहर में फायरिंग नहीं की बल्कि बछवाड़ा का रास्ता चुना. वहीं एक रास्ता एनएच 80 का लखीसराय को जाता है. अगर कहीं पर भी पुलिस ने इन लोगों को रोका होता या गाड़ी की जांच की जाती तो घटना को पहले ही रोका जा सकता था. मामले में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया था.

YEAR ENDER BIHAR CRIME 2022
बेगूसराय गोलीकांड केस

बछवाड़ा के गोधना में पहली फायरिंग : 13 सितंबर को बेगूसराय शहर से निकलकर एनएच 28 का रास्ता इन लोगों ने लिया. सबसे पहले चारों साइको किलर बछवाड़ा थाना क्षेत्र के गोधना पहुंचे. शाम के साढ़े पांच बजे थे. साइको किलर ने गोधना में दो लोगों को गोली मार दी. किलर ने विशाल कुमार उम्र 26 साल को गोली मारी.

तेघड़ा के पिढ़ौली में दूसरी घटना: फिर साइको किलर 10 मिनट तक बाइक चलाते हुए तेघड़ा थाना क्षेत्र के पिढ़ौली पहुंचे. गोधना से पिढ़ौली की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. यहां भी चलती बाइक से दो लोगों को निशाना बनाया गया और गोली मारकर घायल कर दिया गया था.

फुलवरिया के मोती चौक पर तीसरी घटना: तीसरी घटना को फुलवरिया थाना क्षेत्र के मोती चौक पर अंजाम दिया गया. यहां पर दो लोगों पर फायरिंग की गई, जिसमें एक शख्स चंदन कुमार उम्र 31 साल की मौत हो गई. चंदन कुमार हाजीपुर पिपरा देवस निवासी थे. इस घटना ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया था.

चकिया में चौथी घटना: आखिरी और चौथी घटना को 14 किलोमीटर दूर चकिया थाना क्षेत्र में अंजाम दिया गया. यहां कुल 4 लोगों को गोली मारी गई. इस तरह अलग-अलग कुल चार थाना क्षेत्रों में घटना को अंजाम दिया गया जिससे लगभग 25 से 30 किलोमीटर तक का इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा था.

अब तक 4 गिरफ्तार.. साइको किलर या अपराधी? : हालांकि 3 महीने बीत जाने के बावजूद भी अब तक इस पूरे मामले का खुलासा बेगूसराय पुलिस नहीं कर पाई है. पूरे मामले को लेकर बेगूसराय पुलिस की खूब फजीहत भी हो रही थी. इसी बीच पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 सितंबर को चारों साइको किलर (Psycho Killer In Begusarai) को धर दबोचा था. हालांकि अब भी पुलिस दो आरोपियों को अरेस्ट नहीं कर सकी है. अभी तक इस मामले का पुलिस पूरे तौर पर खुलासा नहीं कर सकी है और ना ही अब तक अपराधियों के मकसद का खुलासा हो पाया है. ये साइको किलर थे या किसी सोची समझी योजना को अंजाम देने सड़क पर उतरे अपराधी थे? ये तमाम सवाल आज भी अनसुलझी पहेली है.

YEAR ENDER BIHAR CRIME 2022
दहल गया था बिहार

2 नवंबर 2022- आरा अपहरण और हत्याकांड: 2 नवम्बर 2022 को आरा के स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड के बाद एक बार फिर से बिहार में 90 के दशक की याद आने लगी थी. दअरसल स्वर्ण व्यवसायी की बीते 2 नवंबर को अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी थी. भोजपुर जिले के आरा के स्वर्ण व्यवसायी हरि गुप्ता की बदमाशों ने बीते दो नंवबर को अपहरण के बाद हत्या कर दी थी. इस मामले में भी 1 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस को पूर्ण रूप से कामयाबी नहीं मिल पाई है और ना ही उनकी हत्या के पीछे की साजिश का पता लग पाया है.

मुख्य आरोपी के सरेंडर करने का बाद मिली थी लाश: हत्या का मुख्य आरोपी अमर कुमार पुलिस के गिरफ्त से फरार था. विगत कुछ दिन पहले उसने आरा सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इसके तीन दिन बाद व्यवसायी का शव घर से 60 किलोमीटर दूर शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर कनैला फोरलेन डायवर्सन के पास मिला. दरअसल यह घटना तब घटित हुई थी जब फिर से बिहार में एक बार राजद और जदयू की सरकार बनी थी. उसके बाद अपहरण करने के बाद अपराधियों ने हत्या के घटना को अंजाम दिया था.

डिप्टी सीएम तेजस्वी पर जमकर हुए हमले: इस घटना के बाद विपक्षी जहां राज्य सरकार पर हमलावर थे तो वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं. उन पर भी कई तरह के सवाल उठने लगे थे. इस घटना के 10 दिनों के अंदर 10 हत्या की घटनाओं को अंजाम अपराधियों द्वारा दिया गया.

घटना के पीछे का कारण: अमर कुमार से व्यवसायी का विवाद हुआ था. स्वर्ण व्यवसायी नगर थाना क्षेत्र के महाजन टोली के रहने वाले थे. डॉ हरि पेशे से अधिवक्ता भी थे. पिछले 2 नवंबर की देर शाम स्वर्ण व्यवसायी हरि जी गुप्ता अपने धरहरा स्थित बलुआही मार्केट पर किराया का तगादा करने के लिए गए हुए थे. उसी दरम्यान उनके मार्केट में किराए पर रह रहे दुकानदार अमर कुमार से स्वर्ण व्यवसायी हरि जी गुप्ता का विवाद हुआ था. जहां दोनों लोगों के बीच मारपीट भी हुई थी और उसी दिन से स्वर्ण व्यवसायी गायब थे.


पटना: साल 2022 का आखिरी महीना दिसंबर चल रहा है. अब नए साल के आने में बहुत कम वक्त बचा है. साल 2023 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. नए साल की खुशियां मनाने से पहले बीतने वाले साल के कुछ जख्म हम आपको दिखाने जा रहे हैं जो हर बिहारवासी के दिलों में इस तरह से घर कर चुकी है कि कोई चाहकर भी इन वारदातों को भूला नहीं सकता है. (big crime in bihar 2022) (kidnapped gold businessman murdered in aarah)

पढ़ें- उपलब्धियों से भरा रहा साल 2022, बिहार विधानसभा ने तोड़ा 100 वर्षों का रिकॉर्ड

13 सितंबर 2022- बेगूसराय गोली कांड की वारदात: साल 2022 में बिहार की कुछ आपराधिक वारदातें काफी सुर्खियों में रही हैं. कोरोना महामारी के 2 सालों के बाद एक ओर जहां आम इंसान वापस अपनी दिनचर्या में लौटे रहा था तो वहीं दूसरी ओर बिहार में आपराधिक वारदातों में काफी वृद्धि हुई. 13 सितंबर 2022 की यह घटना बिहार के इतिहास के कालों पन्नों में लिखा जाएगा. दरअसल 13 सितंबर को शाम 4 बजे बेगूसराय के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे 28 स्थित गोधना क्षेत्र में फायरिंग की वारदात सामने आई थी.

अपराधियों ने की अंधाधुंध फायरिंग: 40 मिनट तक चली इस फायरिंग में हाईवे के 25 किलोमीटर के बीच 5 जगहों पर बाइक सवारों ने गोलियां बरसाईं थीं. फायरिंग में 11 लोगों को गोली लगी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. फायरिंग वाली पांच में से चार जगहों पर मौजूद लोगों ने बताया कि एक बदमाश बाइक चला रहा था. वहीं पीछे बैठा दूसरा शख्स जिसे मन कर रहा था उसे गोली मारता रहा.

बेगूसराय में गोलीकांड की पूरी कहानी: इस पूरी घटना को लेकर बिहार सिहर उठा था. सबसे पहले दो बाइक पर सवार होकर 4 साइको किलरों ने बेगूसराय शहर में प्रवेश किया. इनकी मंशा दहशत फैलाने के इरादे से फायरिंग करने की थी. शहर से ये चारों आगे बढ़ते गए जबकि जगह-जगह पुलिस तैनात रहती है और कई जगह चेक पोस्ट भी होते हैं. 30 किलोमीटर के सफर में चार थाना पड़ा लेकिन किसी को कुछ भनक नहीं हुई. चारों को ना तो किसी ने रोका ना ही तलाशी ही ली गई. हालांकि आए दिन वाहन चेकिंग अभियान चलाने के दावे भी पुलिस करती है. चारों किलर ने एनएच 28 से एनएच 31 के बीच दहशत फैलाना शुरू कर दिया. इन लोगों ने शहर में फायरिंग नहीं की बल्कि बछवाड़ा का रास्ता चुना. वहीं एक रास्ता एनएच 80 का लखीसराय को जाता है. अगर कहीं पर भी पुलिस ने इन लोगों को रोका होता या गाड़ी की जांच की जाती तो घटना को पहले ही रोका जा सकता था. मामले में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया था.

YEAR ENDER BIHAR CRIME 2022
बेगूसराय गोलीकांड केस

बछवाड़ा के गोधना में पहली फायरिंग : 13 सितंबर को बेगूसराय शहर से निकलकर एनएच 28 का रास्ता इन लोगों ने लिया. सबसे पहले चारों साइको किलर बछवाड़ा थाना क्षेत्र के गोधना पहुंचे. शाम के साढ़े पांच बजे थे. साइको किलर ने गोधना में दो लोगों को गोली मार दी. किलर ने विशाल कुमार उम्र 26 साल को गोली मारी.

तेघड़ा के पिढ़ौली में दूसरी घटना: फिर साइको किलर 10 मिनट तक बाइक चलाते हुए तेघड़ा थाना क्षेत्र के पिढ़ौली पहुंचे. गोधना से पिढ़ौली की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. यहां भी चलती बाइक से दो लोगों को निशाना बनाया गया और गोली मारकर घायल कर दिया गया था.

फुलवरिया के मोती चौक पर तीसरी घटना: तीसरी घटना को फुलवरिया थाना क्षेत्र के मोती चौक पर अंजाम दिया गया. यहां पर दो लोगों पर फायरिंग की गई, जिसमें एक शख्स चंदन कुमार उम्र 31 साल की मौत हो गई. चंदन कुमार हाजीपुर पिपरा देवस निवासी थे. इस घटना ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया था.

चकिया में चौथी घटना: आखिरी और चौथी घटना को 14 किलोमीटर दूर चकिया थाना क्षेत्र में अंजाम दिया गया. यहां कुल 4 लोगों को गोली मारी गई. इस तरह अलग-अलग कुल चार थाना क्षेत्रों में घटना को अंजाम दिया गया जिससे लगभग 25 से 30 किलोमीटर तक का इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा था.

अब तक 4 गिरफ्तार.. साइको किलर या अपराधी? : हालांकि 3 महीने बीत जाने के बावजूद भी अब तक इस पूरे मामले का खुलासा बेगूसराय पुलिस नहीं कर पाई है. पूरे मामले को लेकर बेगूसराय पुलिस की खूब फजीहत भी हो रही थी. इसी बीच पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 सितंबर को चारों साइको किलर (Psycho Killer In Begusarai) को धर दबोचा था. हालांकि अब भी पुलिस दो आरोपियों को अरेस्ट नहीं कर सकी है. अभी तक इस मामले का पुलिस पूरे तौर पर खुलासा नहीं कर सकी है और ना ही अब तक अपराधियों के मकसद का खुलासा हो पाया है. ये साइको किलर थे या किसी सोची समझी योजना को अंजाम देने सड़क पर उतरे अपराधी थे? ये तमाम सवाल आज भी अनसुलझी पहेली है.

YEAR ENDER BIHAR CRIME 2022
दहल गया था बिहार

2 नवंबर 2022- आरा अपहरण और हत्याकांड: 2 नवम्बर 2022 को आरा के स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड के बाद एक बार फिर से बिहार में 90 के दशक की याद आने लगी थी. दअरसल स्वर्ण व्यवसायी की बीते 2 नवंबर को अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी थी. भोजपुर जिले के आरा के स्वर्ण व्यवसायी हरि गुप्ता की बदमाशों ने बीते दो नंवबर को अपहरण के बाद हत्या कर दी थी. इस मामले में भी 1 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस को पूर्ण रूप से कामयाबी नहीं मिल पाई है और ना ही उनकी हत्या के पीछे की साजिश का पता लग पाया है.

मुख्य आरोपी के सरेंडर करने का बाद मिली थी लाश: हत्या का मुख्य आरोपी अमर कुमार पुलिस के गिरफ्त से फरार था. विगत कुछ दिन पहले उसने आरा सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इसके तीन दिन बाद व्यवसायी का शव घर से 60 किलोमीटर दूर शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर कनैला फोरलेन डायवर्सन के पास मिला. दरअसल यह घटना तब घटित हुई थी जब फिर से बिहार में एक बार राजद और जदयू की सरकार बनी थी. उसके बाद अपहरण करने के बाद अपराधियों ने हत्या के घटना को अंजाम दिया था.

डिप्टी सीएम तेजस्वी पर जमकर हुए हमले: इस घटना के बाद विपक्षी जहां राज्य सरकार पर हमलावर थे तो वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं. उन पर भी कई तरह के सवाल उठने लगे थे. इस घटना के 10 दिनों के अंदर 10 हत्या की घटनाओं को अंजाम अपराधियों द्वारा दिया गया.

घटना के पीछे का कारण: अमर कुमार से व्यवसायी का विवाद हुआ था. स्वर्ण व्यवसायी नगर थाना क्षेत्र के महाजन टोली के रहने वाले थे. डॉ हरि पेशे से अधिवक्ता भी थे. पिछले 2 नवंबर की देर शाम स्वर्ण व्यवसायी हरि जी गुप्ता अपने धरहरा स्थित बलुआही मार्केट पर किराया का तगादा करने के लिए गए हुए थे. उसी दरम्यान उनके मार्केट में किराए पर रह रहे दुकानदार अमर कुमार से स्वर्ण व्यवसायी हरि जी गुप्ता का विवाद हुआ था. जहां दोनों लोगों के बीच मारपीट भी हुई थी और उसी दिन से स्वर्ण व्यवसायी गायब थे.


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