पटना: साल 2023 बीतने वाला है. बिहार के कई विभूतियों ने शिक्षा, कला और चिकित्सा के क्षेत्र सूबे का मान बढ़ाया. शिक्षा के क्षेत्र में चिकित्सा के क्षेत्र में गायन के क्षेत्र में नाटक के क्षेत्र में पहचान बनाई. बिहार के इन विभूतियों ने राष्ट्रपति और बिहार के राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया.
आनंद कुमार पर बनी है फिल्मः अप्रैल में शिक्षाविद सुपर थर्टी के संस्थापक आनंद कुमार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया. आनंद कुमार, शिक्षा जगत में एक मिसाल के रूप में जाने जाते हैं. इन पर हिंदी फीचर फिल्म 'सुपर 30' बन चुकी है. फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन ने मुख्य भूमिका निभायी थी. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने पर आनंद कुमार ने बिहार का मान सम्मान बढ़ाया.
कपिल देव प्रसाद कपड़ा कला के लिए जाने जाते हैं: बिहार की सुभद्रा देवी को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया. कला के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई. कला के बदौलत देश-विदेश में नाम कमाया. इसी का परिणाम रहा कि उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. नालंदा जिला के कपिल देव प्रसाद को कपड़ा कला के लिए जाना जाता है. कपड़ा क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाकर बिहार का मान सम्मान बढ़ाया. कपिल देव प्रसाद 15 साल की उम्र से बुनकर का काम कर रहे हैं. 52 बूटी साड़ी निर्माण के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
रंजना झा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारः बिहार सहरसा की रहने वाली स्वर कोकिला के रूप में चर्चित गायिका रंजना झा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपनी आवाज की जादू बिहार सहित देश के लोगों को पर भी बिखेर चुकी हैं. इनकी पहचान लोक गायिका के रूप में है. सिवान जिला के रहने वाले ऋषिकेश सुलभ ने रंगकर्मी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. फरवरी में ऋषिकेश को संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया.
मिथिलेश राय को संगीत अकादमी पुरस्कारः पूर्णिया जिला के वरिष्ठ रंगकर्मी मिथिलेश राय को संगीत अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मिथिलेश राय नाट्य निदेशक के रूप में जाने जाते हैं. पिछले कई सालों से बिहार-झारखंड के जिलों में कैदियों की जीवन शैली में सुधार के लिए नुक्कड़ नाटक करते हैं. अभिनेता नीलेश मिश्रा को भी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. ठुमरी गायिका कुमुद झा ने अपनी अलग पहचान बनाई है. संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बासुकीनाथ झा को साहित्य अकादमी अवार्डः साल 2023 के अंतिम समय में समस्तीपुर जिला के रहने वाले बासुकीनाथ झा को साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित करने के लिए निर्णय लिया गया. मैथिली साहित्य में पहली बार बिहार को यह अवार्ड मिला है. बिहार के लिए और मिथिलावासियों के लिए बड़ा ही गर्व का क्षण रहा. बासुकीनाथ झा को मैथिली साहित्य के प्रमुख नाम के रूप में जाना जाता है.
17 विभूतियां को बिहार केसरी: संगीत के शिक्षक पंडित प्रेम कुमार मलिक को संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. वो दरभंगा जिला के रहने वाले हैं. देश-विदेश में गायन का डंका बजा चुके हैं. 22 अक्टूबर बिहार के शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र के लिए बड़ा दिन रहा. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्णा जयंती पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 17 विभूतियां को बिहार केसरी सम्मान से नवाजा.
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