ETV Bharat / state

चैत्र नवरात्र: चौथे दिन मां कूष्मांडा की हुूई पूजा-अर्चना, अपने घर पर ऐसे करें मां अंबे की संध्या पूजा - संध्या पूजा

कोरोना वायरस के दहशत के बीच शनिवार को चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जा रही है. इसको लेकर राजधानी स्थित शितला मंदिर में इस बार भी मां अंबे की आराधना की जा रही है. लेकिन इस बार मंदिर समिति ही पूजा-पाठ कर रही है. मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि मां दुर्गा ने असुरों का संहार और धरती को पापियों से मुक्त करने के लिए मां कूष्मांडा का स्वरूप धारण किया था. उनकी पूजा करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों, दुखों और विपदाओं का नाश होता है.

मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा
author img

By

Published : Mar 28, 2020, 7:48 PM IST

पटना: देशभर में कोरोना ने हाहाकर मचा रखा है. इस वायरस के संक्रमण के असर आम जनजीवन पर ही नहीं बल्कि चैत्र नवरात्र पर देखने को मिल रही है. लॉकडाउन के कारण मां के दर्शनों को लेकर भक्तों की बेचैनी बढ़ गई है. हालांकि, आम लोगों के लिए लगभग सभी मंदिर बंद हैं. मंदिरों में इस बार पूजा तो हो रही है. लेकिन यह पूजा केवल आंतरिक रूप से हो रही है. अमूनन चैत नवरात्र पर मंदिरों में लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती थी. लेकिन इस बार लोग सरकारी आदेशों का पालन कर अपने-अपने घरों में ही मां की पूजा आराधना कर रहे हैं.

शनिवार को मां कूष्मांडा की हुई पूजा
चैत्र नवरात्र के चौथे दिन शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई. राजधानी के अति प्रचीन मंदिर अगमकुंआ में पारंपरिक रिवाज के साथ मां की आराधना की गई. इसको लेकर मंदिर के पुजारी मुन्ना बाबा ने बताया कि जिला हर साल की भांति इस साल भी मां के मंदिर को सजाया गया है. वैदिक मंत्रों के साथ मां की पूजा-आराधना की जा रही है. हालांकि, जिला प्रशासन के आदेशानुसार आमलोगों के लिए मंदिर के द्वार बंद हैं. लेकिन मंदिर में मां की पूजा मंदिर के पुजारी की देखरेख में की जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मां कूष्मांडा हरेगी हर विपदा
अगमकुंआ शितला मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर साल मां के दरबार में भक्तों की लंबी कतार लगी रहती थी. जय माता दी कि गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो जाता था. लेकिन इस साल माहामारी के कारण मंदिर में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि मां की पूजा पूरे भक्तिभाव से की जा रही है. आज शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जा रही है. मां का रूप ममतामयी है. मां जल्द ही हर विपदा को हर लेगी और फिर से समाज में खुशियां गुंज उठेगी.

अपने घर पर करें पूजा-पाठ
गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन यानी आज शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन मां की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, उनकी पूजा करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों, दुखों और विपदाओं का नाश होता है. मां को गुड़हल का फूल काफी प्रिय है. धर्म के जानकार बताते हैं कि मां दुर्गा ने असुरों का संहार और धरती को पापियों से मुक्त करने के लिए मां कूष्मांडा का स्वरूप धारण किया था.

शितला मंदिर अगमकुंआ
शितला मंदिर अगमकुंआ

ऐसे करें मां की संध्या आरती
धर्म के जानकारों का कहना है कि मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं. मां के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख मिट जाते हैं. मां की संध्या आरती के समय उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए. मां कूष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाए. इसके बाद उसको प्रसाद के रूप में सभी लोगों में वितरित कर देने चाहिए. भोग लगाने के बाद मां की आरती कपूर और घी के दीये से करनी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

पटना: देशभर में कोरोना ने हाहाकर मचा रखा है. इस वायरस के संक्रमण के असर आम जनजीवन पर ही नहीं बल्कि चैत्र नवरात्र पर देखने को मिल रही है. लॉकडाउन के कारण मां के दर्शनों को लेकर भक्तों की बेचैनी बढ़ गई है. हालांकि, आम लोगों के लिए लगभग सभी मंदिर बंद हैं. मंदिरों में इस बार पूजा तो हो रही है. लेकिन यह पूजा केवल आंतरिक रूप से हो रही है. अमूनन चैत नवरात्र पर मंदिरों में लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती थी. लेकिन इस बार लोग सरकारी आदेशों का पालन कर अपने-अपने घरों में ही मां की पूजा आराधना कर रहे हैं.

शनिवार को मां कूष्मांडा की हुई पूजा
चैत्र नवरात्र के चौथे दिन शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई. राजधानी के अति प्रचीन मंदिर अगमकुंआ में पारंपरिक रिवाज के साथ मां की आराधना की गई. इसको लेकर मंदिर के पुजारी मुन्ना बाबा ने बताया कि जिला हर साल की भांति इस साल भी मां के मंदिर को सजाया गया है. वैदिक मंत्रों के साथ मां की पूजा-आराधना की जा रही है. हालांकि, जिला प्रशासन के आदेशानुसार आमलोगों के लिए मंदिर के द्वार बंद हैं. लेकिन मंदिर में मां की पूजा मंदिर के पुजारी की देखरेख में की जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मां कूष्मांडा हरेगी हर विपदा
अगमकुंआ शितला मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर साल मां के दरबार में भक्तों की लंबी कतार लगी रहती थी. जय माता दी कि गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो जाता था. लेकिन इस साल माहामारी के कारण मंदिर में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि मां की पूजा पूरे भक्तिभाव से की जा रही है. आज शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जा रही है. मां का रूप ममतामयी है. मां जल्द ही हर विपदा को हर लेगी और फिर से समाज में खुशियां गुंज उठेगी.

अपने घर पर करें पूजा-पाठ
गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन यानी आज शनिवार को मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन मां की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, उनकी पूजा करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों, दुखों और विपदाओं का नाश होता है. मां को गुड़हल का फूल काफी प्रिय है. धर्म के जानकार बताते हैं कि मां दुर्गा ने असुरों का संहार और धरती को पापियों से मुक्त करने के लिए मां कूष्मांडा का स्वरूप धारण किया था.

शितला मंदिर अगमकुंआ
शितला मंदिर अगमकुंआ

ऐसे करें मां की संध्या आरती
धर्म के जानकारों का कहना है कि मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं. मां के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख मिट जाते हैं. मां की संध्या आरती के समय उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए. मां कूष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाए. इसके बाद उसको प्रसाद के रूप में सभी लोगों में वितरित कर देने चाहिए. भोग लगाने के बाद मां की आरती कपूर और घी के दीये से करनी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.