पटना: राजधानी के पटना में गणेश चतुर्थी के अवसर पर महावीर मन्दिर में गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की गई. मंगलवार को गणेश चतुर्थी के दिन सुबह महावीर मन्दिर के दक्षिणी भाग में स्थित गणपति की प्रतिमा की पूरे विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया. इसके बाद महावीर मन्दिर में गणेश पूजन के बाद आरती की गई. अंत में वहां उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. भक्त भी गणेश पूजन में शामिल होकर गणेश जी की जयकारा लगाकर शीश नवाया. इस दौरान महावीर मंदिर का प्रांगण जयकारों से गुजता रहा.
पटना महावीर मंदिर में भगवान गणेश की पूजा: महावीर मन्दिर के पुरोहित पंडित गजानन जोशी की देखरेख में गणेश पूजन हुआ.जजमान की भूमिका में महावीर मन्दिर के पुरोहित माधव उपाध्याय मौजूद रहे. पंडित गजानन जोशी ने बताया कि गणेश जी के अवतरण माता पार्वती की मेल से माना गया है. भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश भगवान का अवतरण हुआ था. कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से ही होती है. पिता देवों के देव भगवान शंकर और माता पार्वती से प्रथम पूज्य का आशीर्वाद इन्हें प्राप्त है.
गजानन के वंदन से दूर होती है परेशानी: उन्होंने बताया कि माता-पिता के प्रति समर्पण भाव, अनुशासन, बुद्धिमत्ता, एकाग्रता जैसे गुणों वाले गणपति की पूजा किसी भी शुभ और रचनात्मक कार्य में आनेवाली बाधाओं को समाप्त कराती है. किसी भी मनुष्य में गणेश जी के इन गुणों का कुछ अंश भी आ जाए तो वह व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुँच सकता है. उन्होंने कहा कि गणेश जी को एकदन्त, भालचंद्र, लंबोदर, गजानन, सुमुख आदि नामों से भी इनकी वंदना की जाती है.
"कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से ही होती है. पिता देवों के देव भगवान शंकर और माता पार्वती से प्रथम पूज्य का आशीर्वाद इन्हें प्राप्त है. संसार की परिक्रमा के लिए कहे जाने पर माता-पिता की परिक्रमा कर उसे संसार की परिक्रमा के जैसा है." -गजानन जोशी, पंडित