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World Kidney Day 2023: विश्व किडनी दिवस पर जानें कैसे रखें गुर्दे को स्वस्थ

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Published : Mar 9, 2023, 9:56 PM IST

विश्व किडनी दिवस पर इसकी देखभाल (how to keep kidney healthy) और इससे संबंधित बीमारियों को लेकर बात करना जरूरी है. क्योंकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को सेहतंद रखना और अपनी किडनी की देखभाल करना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसें चिकित्सक के नजरिए से समझते हैं कि किडनी संबंधित बीमारियां कितनी खतरनाक हैं और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या उपाय करने चाहिए. पढ़ें पूरी खबर..

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कैसे रखें किडनी को स्वस्थ

पटना: हर साल मार्च महीने की दूसरी गुरुवार को विश्व किडनी दिवस (world kidney day) मनाया जाता है. आज विश्व कितनी दिवस है. इस मौके पर पटना के मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर सूरज गुप्ता बताते हैं कि विश्व किडनी दिवस का आयोजन इस उद्देश्य से किया जाता है कि लोगों में किडनी की बीमारी को लेकर जागरूकता आए. इसके साथ ही किडनी दिवस मनाने का उद्देश्य भी होता है कि हमारी जो पॉलिसी मेकर हैं. वह इन बातों पर भी ध्यान दें कि नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसमें किडनी की बीमारी भी शामिल है.

ये भी पढ़ेंः Patna News:बच्चों में बढ़ रहा मोटापा, बच्चों में किडनी की बीमारी को लेकर जागरुकता का अभाव

किडनी में गड़बड़ी के शुरुआती लक्षण नहीं पता चल पातेः डाॅ सूरज बताते हैं कि एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर सात में एक व्यक्ति कितनी के हल्के से गंभीर लक्षण की बीमारी से संक्रमित है. किडनी की बीमारी की सबसे बड़ी खामी है कि इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चलता और जब तक लक्षण पता चलता है. किडनी काफी अधिक डैमेज हो चुका होता है. कुछ बीमारियां इरिवर्सिबल है और उसमें किडनी की बीमारी भी है. इसका मतलब है कि यदि एक बार किडनी डैमेज हो गया तो दोबारा पुनः पुराने स्टेज में नहीं आ सकता.

50% खराब हो चुके किडनी से भी जी सकते हैं सेहतमंद जिंदगीः डाॅ सूरज ने बताया कि इस को लेकर अधिक चिंता करने की बात नहीं है. क्योंकि किडनी की क्षमता काफी अधिक है. अगर किसी व्यक्ति का 50% किडनी खराब हो चुका है. फिर भी वह एक स्वस्थ जीवन जी सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह एक नियंत्रित दिनचर्या और बेहतर खानपान अपनाए. साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट और यूरीन टेस्ट करा लेनी चाहिए, खासकर 45 प्लस उम्र वाले लोगों के लिए यह जरूरी है.

"एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर सात में एक व्यक्ति कितनी के हल्के से गंभीर लक्षण की बीमारी से संक्रमित है. किडनी की बीमारी की सबसे बड़ी खामी है कि इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चलता और जब तक लक्षण पता चलता है. किडनी काफी अधिक डैमेज हो चुका होता है. किडनी खराब होने की तीन प्रमुख वजह है. पहला मधुमेह, दूसरा ब्लड प्रेशर और तीसरा मोटापा. उन्होंने बताया कि डायबिटीज एक स्लो प्वाइजन है, जो नियंत्रित नहीं रहा तो धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों को डैमेज करना शुरू कर देता है. इसका असर किडनी पर गंभीर रूप से पड़ता है" - डाॅ सूरज गुप्ता, किडनी रोग विशेषज्ञ

किडनी का सबसे बड़ा दुश्मन मोटापा और मधुमेह: डॉक्टर सूरज गुप्ता ने बताया कि किडनी खराब होने की तीन प्रमुख वजह है. पहला मधुमेह, दूसरा ब्लड प्रेशर और तीसरा मोटापा. उन्होंने बताया कि डायबिटीज एक स्लो प्वाइजन है, जो नियंत्रित नहीं रहा तो धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों को डैमेज करना शुरू कर देता है. इसका असर किडनी पर गंभीर रूप से पड़ता है. अक्सर देखने को मिलता है कि जो व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हुआ है वह 10 से 15 साल बाद किडनी की समस्या से जूझने लगता है. ऐसे में मधुमेह के रोगियों को जरूरी हो जाता है कि अपना शुगर लेवल नियंत्रित रखें. मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या एक दूसरे से जुड़ी हुई रहती है और अक्सर देखने को मिलता है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है.

हाई बीपी पर रखें नियंत्रणः जिसका ब्लड प्रेशर हमेशा हाई रहता है. नियंत्रण में नहीं रहता है उस व्यक्ति के किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है. इसके अलावा किडनी की बीमारी के लिए मोटापा भी एक बड़ा कारण है और यंग एज में किडनी की बीमारी के लिए मोटापा प्रमुख वजह है.मोटापा के पीछे का कारण व्यायाम की कमी, जंक फूड और फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन. किडनी को स्वस्थ रखना है तो जरूरी है कि 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करें और उसमें वाकिंग को शामिल करें. सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन ऑकेजनली ही करें. खाने में अत्यधिक नमक और अत्यधिक मीठा भोजन का प्रयोग ना करें. उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाई चल रही है तो बिना चिकित्सक के परामर्श के 1 दिन के लिए भी दवा ना छोड़े.

कैसे रखें किडनी को स्वस्थ

पटना: हर साल मार्च महीने की दूसरी गुरुवार को विश्व किडनी दिवस (world kidney day) मनाया जाता है. आज विश्व कितनी दिवस है. इस मौके पर पटना के मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर सूरज गुप्ता बताते हैं कि विश्व किडनी दिवस का आयोजन इस उद्देश्य से किया जाता है कि लोगों में किडनी की बीमारी को लेकर जागरूकता आए. इसके साथ ही किडनी दिवस मनाने का उद्देश्य भी होता है कि हमारी जो पॉलिसी मेकर हैं. वह इन बातों पर भी ध्यान दें कि नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसमें किडनी की बीमारी भी शामिल है.

ये भी पढ़ेंः Patna News:बच्चों में बढ़ रहा मोटापा, बच्चों में किडनी की बीमारी को लेकर जागरुकता का अभाव

किडनी में गड़बड़ी के शुरुआती लक्षण नहीं पता चल पातेः डाॅ सूरज बताते हैं कि एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर सात में एक व्यक्ति कितनी के हल्के से गंभीर लक्षण की बीमारी से संक्रमित है. किडनी की बीमारी की सबसे बड़ी खामी है कि इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चलता और जब तक लक्षण पता चलता है. किडनी काफी अधिक डैमेज हो चुका होता है. कुछ बीमारियां इरिवर्सिबल है और उसमें किडनी की बीमारी भी है. इसका मतलब है कि यदि एक बार किडनी डैमेज हो गया तो दोबारा पुनः पुराने स्टेज में नहीं आ सकता.

50% खराब हो चुके किडनी से भी जी सकते हैं सेहतमंद जिंदगीः डाॅ सूरज ने बताया कि इस को लेकर अधिक चिंता करने की बात नहीं है. क्योंकि किडनी की क्षमता काफी अधिक है. अगर किसी व्यक्ति का 50% किडनी खराब हो चुका है. फिर भी वह एक स्वस्थ जीवन जी सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह एक नियंत्रित दिनचर्या और बेहतर खानपान अपनाए. साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट और यूरीन टेस्ट करा लेनी चाहिए, खासकर 45 प्लस उम्र वाले लोगों के लिए यह जरूरी है.

"एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर सात में एक व्यक्ति कितनी के हल्के से गंभीर लक्षण की बीमारी से संक्रमित है. किडनी की बीमारी की सबसे बड़ी खामी है कि इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चलता और जब तक लक्षण पता चलता है. किडनी काफी अधिक डैमेज हो चुका होता है. किडनी खराब होने की तीन प्रमुख वजह है. पहला मधुमेह, दूसरा ब्लड प्रेशर और तीसरा मोटापा. उन्होंने बताया कि डायबिटीज एक स्लो प्वाइजन है, जो नियंत्रित नहीं रहा तो धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों को डैमेज करना शुरू कर देता है. इसका असर किडनी पर गंभीर रूप से पड़ता है" - डाॅ सूरज गुप्ता, किडनी रोग विशेषज्ञ

किडनी का सबसे बड़ा दुश्मन मोटापा और मधुमेह: डॉक्टर सूरज गुप्ता ने बताया कि किडनी खराब होने की तीन प्रमुख वजह है. पहला मधुमेह, दूसरा ब्लड प्रेशर और तीसरा मोटापा. उन्होंने बताया कि डायबिटीज एक स्लो प्वाइजन है, जो नियंत्रित नहीं रहा तो धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों को डैमेज करना शुरू कर देता है. इसका असर किडनी पर गंभीर रूप से पड़ता है. अक्सर देखने को मिलता है कि जो व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हुआ है वह 10 से 15 साल बाद किडनी की समस्या से जूझने लगता है. ऐसे में मधुमेह के रोगियों को जरूरी हो जाता है कि अपना शुगर लेवल नियंत्रित रखें. मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या एक दूसरे से जुड़ी हुई रहती है और अक्सर देखने को मिलता है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है.

हाई बीपी पर रखें नियंत्रणः जिसका ब्लड प्रेशर हमेशा हाई रहता है. नियंत्रण में नहीं रहता है उस व्यक्ति के किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है. इसके अलावा किडनी की बीमारी के लिए मोटापा भी एक बड़ा कारण है और यंग एज में किडनी की बीमारी के लिए मोटापा प्रमुख वजह है.मोटापा के पीछे का कारण व्यायाम की कमी, जंक फूड और फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन. किडनी को स्वस्थ रखना है तो जरूरी है कि 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करें और उसमें वाकिंग को शामिल करें. सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन ऑकेजनली ही करें. खाने में अत्यधिक नमक और अत्यधिक मीठा भोजन का प्रयोग ना करें. उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाई चल रही है तो बिना चिकित्सक के परामर्श के 1 दिन के लिए भी दवा ना छोड़े.

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