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विश्व हाइपरटेंशन डे : साइलेंट किलर है हाई ब्लड प्रेशर, हल्के में न लें

विश्व हाइपटेंशन दिवस के मौके पर पीएमसीएच के वरिष्ठ डॉक्टर सुनील अग्रवाल ने कहा कि 25 वर्ष की आयु के बाद लोगों को नियमित अंतराल पर अपना ब्लड प्रेशर जांच कराना चाहिए.

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Published : May 17, 2021, 9:35 PM IST

विश्व हाइपरटेंशन डे
विश्व हाइपरटेंशन डे

पटना: हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है. ये अक्सर एक गतिहीन जीवन शैली, तनाव को नज़रअंदाज़ और ख़राब व अस्वस्थ डाइट का परिणाम होता है. हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में इस मौके पर पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि अगर हम संतुलित आहार ग्रहण करते हैं. स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं तो निश्चित रूप से उच्च रक्तचाप की बीमारी से बच सकते हैं. उन्होंने के कहा कि हाइपर टेंशन की बीमारी साइलेंट किलर है.

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एक तिहाई आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रसित
डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि भारत की एक तिहाई आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रसित है. इनमें से एक तिहाई लोगों को यह नहीं पता कि उन्हें यह बीमारी है भी या नहीं है. ऐसे लोग भी हैं जो नियमित रूप से दवा का सेवन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप की बीमारी शरीर के लिए एक साइलेंट किलर की तरह है. धीरे-धीरे ये शरीर को तकलीफ देना शुरू कर देता है.

उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण
डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण है. जैसे सिर दर्द, चक्कर आना, नींद में कमी जिसे सामान्यतः लोग नजरअंदाज कर देते हैं. अगर समय पर इसका पता ना चला तो धीरे-धीरे यह शरीर के ह्रदय, आंख, किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है. जब इन बीमारियों का इलाज कराने पहुंचते हैं. तब पता चलता है कि यह सब बीमारी उच्च रक्तचाप की वजह से हुई है.

देखें वीडियो

'बढ़ती उम्र में लोगों को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर जांच कराना चाहिए. क्योंकि बढ़ती उम्र भी एक रिस्क फैक्टर मानी जाती है. भारत में काफी तेजी से युवा उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. 20 से 45 के आयु वर्ग के करीब 22% युवा देश में अभी के समय उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हैं.' :- डॉ. सुनील अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, पीएमसीएच

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स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं
उन्होंने कहा कि कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अनुसार 60 वर्ष से नीचे उम्र के लोगों का बीपी 130/80 तक है तो यह सही माना जाता है. जबकि स्टैंडर्ड बीपी किसी भी उम्र के लोगों के लिए 120/80 है. युवाओं में अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत आती है. अगर समय पर ध्यान दिया जाए तो यह बीमारी खत्म भी हो सकती है. जैसे कि दवाओं के सेवन के साथ खूब शारीरिक मेहनत करें, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं और सुपाच्य भोजन ग्रहण करें.

'25 वर्ष की आयु के बाद लोगों को नियमित अंतराल पर अपना ब्लड प्रेशर जांच कराना चाहिए. क्योंकि ये साइलेंट किलर है और समय पर इसका पता नहीं लगाया गया तो शरीर के कई अंगों को यह नुकसान पहुंचा सकता है.' :- डॉ. सुनील अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर पीएमसीएच

पटना: हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है. ये अक्सर एक गतिहीन जीवन शैली, तनाव को नज़रअंदाज़ और ख़राब व अस्वस्थ डाइट का परिणाम होता है. हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में इस मौके पर पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि अगर हम संतुलित आहार ग्रहण करते हैं. स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं तो निश्चित रूप से उच्च रक्तचाप की बीमारी से बच सकते हैं. उन्होंने के कहा कि हाइपर टेंशन की बीमारी साइलेंट किलर है.

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एक तिहाई आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रसित
डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि भारत की एक तिहाई आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रसित है. इनमें से एक तिहाई लोगों को यह नहीं पता कि उन्हें यह बीमारी है भी या नहीं है. ऐसे लोग भी हैं जो नियमित रूप से दवा का सेवन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप की बीमारी शरीर के लिए एक साइलेंट किलर की तरह है. धीरे-धीरे ये शरीर को तकलीफ देना शुरू कर देता है.

उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण
डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण है. जैसे सिर दर्द, चक्कर आना, नींद में कमी जिसे सामान्यतः लोग नजरअंदाज कर देते हैं. अगर समय पर इसका पता ना चला तो धीरे-धीरे यह शरीर के ह्रदय, आंख, किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है. जब इन बीमारियों का इलाज कराने पहुंचते हैं. तब पता चलता है कि यह सब बीमारी उच्च रक्तचाप की वजह से हुई है.

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'बढ़ती उम्र में लोगों को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर जांच कराना चाहिए. क्योंकि बढ़ती उम्र भी एक रिस्क फैक्टर मानी जाती है. भारत में काफी तेजी से युवा उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. 20 से 45 के आयु वर्ग के करीब 22% युवा देश में अभी के समय उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हैं.' :- डॉ. सुनील अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, पीएमसीएच

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स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं
उन्होंने कहा कि कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अनुसार 60 वर्ष से नीचे उम्र के लोगों का बीपी 130/80 तक है तो यह सही माना जाता है. जबकि स्टैंडर्ड बीपी किसी भी उम्र के लोगों के लिए 120/80 है. युवाओं में अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत आती है. अगर समय पर ध्यान दिया जाए तो यह बीमारी खत्म भी हो सकती है. जैसे कि दवाओं के सेवन के साथ खूब शारीरिक मेहनत करें, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं और सुपाच्य भोजन ग्रहण करें.

'25 वर्ष की आयु के बाद लोगों को नियमित अंतराल पर अपना ब्लड प्रेशर जांच कराना चाहिए. क्योंकि ये साइलेंट किलर है और समय पर इसका पता नहीं लगाया गया तो शरीर के कई अंगों को यह नुकसान पहुंचा सकता है.' :- डॉ. सुनील अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर पीएमसीएच

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