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पटना: 10 नवंबर से शुरू होगा विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला, पर्यटन विभाग की ओर से तैयारी पूरी

विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 10 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसे लेकर पर्यटन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. यह मेला 11 दिसंबर तक चलेगा.

सोनपुर मेला
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Published : Oct 19, 2019, 10:52 AM IST

पटना: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला इस बार 10 नवंबर से शुरू हो रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. 11 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में इस बार हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाने और श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित करने की भी तैयारी है.

पर्यटन विभाग हर साल सोनपुर मेले में पर्यटकों की घटती संख्या से चिंतित है. लेकिन इस बार उम्मीद है कि मेले में रौनक पहले जैसी होगी. पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश मोहन ने कहा इसमें कई विभाग एक साथ शामिल होते हैं. बारी-बारी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इसमें भारतीय रेल, कला संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से कार्यक्रम आयेजित किया जाता है.

जानकारी देते पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश मोहन

सोनपुर मेले के प्रति लोगों का घट रहा आकर्षण
दरअसल, पहले सोनपुर मेले का मुख्य आकर्षण पशु मेला होता था जिसमें हर तरह के पशु और पक्षियों की खरीद बिक्री होती थी. लेकिन जब से पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगी है उसके बाद सिर्फ इस मेले में बिक्री के लिए घोड़े ही लाए जाते हैं. यहां तक कि हाथियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है जिस कारण मेले के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया है.

इस बार प्रदर्शनी में दिखेंगे हाथी और घोड़े
हालांकि इस बार हाथी पालकों से भी बात हो रही है. कोशिश की जा रही है कि हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस दौरान श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित भी किया जाएगा. इसके अलावा मेले में कई तरह की प्रदर्शनी लगाई जाती है. इस बार प्रमुख रूप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जल जीवन हरियाली पर फोकस रहने की पूरी संभावना है.

पटना: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला इस बार 10 नवंबर से शुरू हो रहा है. पर्यटन विभाग की ओर से इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. 11 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में इस बार हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाने और श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित करने की भी तैयारी है.

पर्यटन विभाग हर साल सोनपुर मेले में पर्यटकों की घटती संख्या से चिंतित है. लेकिन इस बार उम्मीद है कि मेले में रौनक पहले जैसी होगी. पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश मोहन ने कहा इसमें कई विभाग एक साथ शामिल होते हैं. बारी-बारी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इसमें भारतीय रेल, कला संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से कार्यक्रम आयेजित किया जाता है.

जानकारी देते पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश मोहन

सोनपुर मेले के प्रति लोगों का घट रहा आकर्षण
दरअसल, पहले सोनपुर मेले का मुख्य आकर्षण पशु मेला होता था जिसमें हर तरह के पशु और पक्षियों की खरीद बिक्री होती थी. लेकिन जब से पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगी है उसके बाद सिर्फ इस मेले में बिक्री के लिए घोड़े ही लाए जाते हैं. यहां तक कि हाथियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है जिस कारण मेले के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया है.

इस बार प्रदर्शनी में दिखेंगे हाथी और घोड़े
हालांकि इस बार हाथी पालकों से भी बात हो रही है. कोशिश की जा रही है कि हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस दौरान श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित भी किया जाएगा. इसके अलावा मेले में कई तरह की प्रदर्शनी लगाई जाती है. इस बार प्रमुख रूप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जल जीवन हरियाली पर फोकस रहने की पूरी संभावना है.

Intro:बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला इस बार 10 नवंबर से शुरू हो रहा है। पर्यटन विभाग की तरफ से इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। 11 दिसंबर तक चलने वाले मेले में इस बार हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाने और श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित करने की भी तैयारी है।


Body:पर्यटन विभाग हर साल सोनपुर मेले में पर्यटकों की घटती संख्या से परेशान है। लेकिन इस बार उम्मीद कर रहा है कि मेला बेहतर होगा और इसकी रौनक पहले जैसी होगी। पर्यटन निदेशक राकेश मोहन ने कहा इसमें कई विभाग एक साथ शामिल होते हैं और बारी-बारी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। उसमें भारतीय रेल, कला संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से कार्यक्रम होता है।
दरअसल पहले इस मेले का मुख्य आकर्षण होता था पशु मेला जिसमें हर तरह के पशु और पक्षियों की खरीद बिक्री होती थी लेकिन जब से पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगी उसके बाद सिर्फ इस मेले में बिक्री के लिए घोड़े ही लाए जाते हैं यहां तक कि हाथियों पर भी प्रतिबंध है जिसके कारण मेले के प्रति लोगों का आकर्षण घट गया। हालांकि इस बार हाथी पलकों से भी बात हो रही है और कोशिश इस बात की है कि हाथी और घोड़े की प्रदर्शनी लगाई जाएगी और श्रेष्ठ नस्ल को सम्मानित भी किया जाएगा।
विभिन्न तरह की प्रदर्शनी भी इस मेले में लगाई जाती है। इसमें इस बार प्रमुख रूप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जल जीवन हरियाली पर फोकस रहने की पूरी संभावना है।


Conclusion:राकेश मोहन, निदेशक, बिहार पर्यटन निदेशालय
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