पटना: हड्डी की विकृति और संक्रमण से बचाव के लिए पटना एम्स में दो दिवसीय असमी इंडिया बेसिक इलिजारोव कोर्स (Basic Ilizarov Course In Patna) का शुभारंभ हुआ है. इस अवसर पर पूरे देश से 300 से अधिक हड्डी रोग विशेषज्ञों को शामिल होना है. एम्स में कार्यक्रम के पहले दिन प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जॉन मुखोपाध्याय, असमी इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ रूटा कुलकर्णी, डॉ शमशुल हुदा जैसे प्रख्यात विशेषज्ञों का कार्यक्रम होगा. वहीं कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि इलिजारोव तकनीक एक ऐसी तकनीक है. जिससे पैर की हड्डियों को 7 इंच तक उगाया जाना संभव हो पाएगा.
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एम्स में दो दिवसीय असमी इंडिया बेसिक इलिजारोव कोर्स: इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची डॉ शमशुल हुदा (DR Shamshul Huda On Illizarov Course ) ने बताया कि इस पद्धति के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के छोटे पैर को लंबा किया जा सकता है. किसी व्यक्ति के टेढ़े पैर और क्लब फुट को इस पद्धति के द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है. इस तकनीक में मानव शरीर के हड्डियों को काटा छांटा नहीं जाता है. इस रूसी तकनीक से इलिजारोव हड्डी की विकृति, संक्रमण के साथ ही कई जटिलताओं के इलाज में काफी कारगर साबित हुआ है. इस तकनीक से छोटे हड्डियों को बड़ा किया जा सकता है. इसके साथ ही टेढ़े हड्डियों को सीधा करना आसान है. इसके तहत पैर काटने से बचाया जाता है.
रुस और यूएसए में तकनीक सफल : इस कार्यक्रम में आई डॉ शमशुल हुदा ने अपने संबोधन में बताया कि हड्डी के इलाज में यह तकनीक रामबाण साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि जहां सारी तकनीक फेल होते हैं. वहां यह कारगर साबित होता है. उन्होंने इस तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि रुस और यूएसए में यह तकनीक काफी सक्रिय और सफल साबित हुआ है.वहीं जाकर इस तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की है. अब इस तकनीक को अपने देश में मेडिकल फील्ड के बच्चों को सिखा रही हैं.
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