पटना: केंद्र की मोदी सरकार ने ई-श्रम पोर्टल (e-shram portal) का शुभारंभ 26 अगस्त को किया गया था. इस पोर्टल का एकमात्र उद्देश्य दैनिक मजदूरी करने वाले दुकानदार समेत अन्य असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को 'एक देश एक पोर्टल' पर पंजीकरण कराकर डाटा मौजूद रखना है. साथ ही इसके जरिए कोशिश है कि सरकार की योजनाओं को सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लाभ मिले. इसी दिशा में बिहार सरकार का श्रम संसाधन विभाग ने भी बड़ी पहल की है.
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बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resources Minister Jivesh Mishra) ने बताया है कि 17 सितंबर से प्रदेश के सभी जिलो में अभियान के तहत बिहार के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने के लिए अभियान की शुरुआत होगी, जोकि 17 सितंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा और लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.
श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि हर जिले में इसके लिए अधिकारी बनाए गए हैं. जो मोनेटरिंग करेंगे और तेजी से लोगो को ई-श्रम पोर्टल से जुड़वाने का काम करेंगे. बिहार को जो टारगेट मिला है, उस टारगेट को दिसंबर 31 के पहले हर हाल में पूरा करना विभाग का लक्ष्य है.
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मंत्री ने कहा कि साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा बिहार के श्रमिकों को ई पोर्टल के माध्यम से लाभ पहुंचाने के लिए श्रम संसाधन विभाग अभियान के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराने का काम करेगा. मंत्री का कहना है कि बिहार को तीन करोड़ 47 लाख जो लक्ष्य दिया गया है, उसमें 15 लाख श्रम विभाग के पोर्टल पर पहले ही बिहार के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोड़ा गया है. जिसको विभाग के द्वारा 15 लाख बिहार के श्रमिकों का डाटा ई श्रम पोर्टल से जोड़ा गया है.
ई-श्रम पोर्टल से जुड़ने वाले श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही घटना या दुर्घटना राशि का भी लाभ श्रमिकों के आश्रितों को मिलेगा. इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. आने वाले दिनों में श्रमिकों को सीधा लाभ मिल पाएगा. बिहार के जो श्रमिक पोर्टल से जुड़ना चाहते है, वह कहीं भी ऑनलाइन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आरटीपीएस काउंटर के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. साथ ही जिन लोगों को मोबाइल चलाने नहीं आता है, उनको भी विभाग के द्वारा ई श्रमिक पोर्टल से जोड़ा जाएगा.