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पटना: खेत मालिक और मजदूर आमने-सामने, 500 बीघे में धान रोपाई पर लगा ग्रहण - Patna

पटना (Patna) के धनरूआ प्रखंड में इन दिनों मजदूरी को लेकर खेत मालिक और मजदूरों हठ के चलते धान रोपाई का काम ठप है. मजदूर जहां मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं वहीं खेत मालिक कोरोना और महंगाई का हवाला देकर मजदूरी बढ़ाने को तैयार नहीं हैं.

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Published : Jul 18, 2021, 12:08 PM IST

पटना: पटना (Patna) के ग्रामीण क्षेत्र धनरूआ प्रखंड के दतमई समेत कई गांवों में इन दिनों मजदूरी को लेकर खेत मालिक और मजदूर आमने-सामने आ गये हैं. ऐसे में धनरूआ के दतमई में 500 बीघे में धान रोपाई (Paddy Planting) पर ग्रहण लग गया है. धान रोपाई का कार्य कार्य ठप है. धान रोपाई का समय भी निकलता जा रहा है. दरअसल, दतमई गांव में तकरीबन 500 से अधिक मजदूर हर साल खेत पट्टा पर लेकर मजदूरी करते हैं.

ये भी पढ़ें: पटना विश्वविद्यालय की 8 अगस्त के बाद होगी परीक्षा, सबसे पहले ग्रेजुएशन थर्ड ईयर का होगा एग्जाम

इस बार भूमिहीन बटाईदारों और खेत मालिकों में मजदूरी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. मजदूरों की मानें तो धान की रोपाई में आठ किलो चावल मजदूरी के तौर देना है. वहीं, खेत की जुताई में भी मजदूरी देनी होगी क्योंकि महंगाई और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं. मजदूरों का कहना है कि खेत मालिक मजदूरी के नाम पर 5 किलो चावल ही दे रहे हैं. वहीं, खेत की जुताई की मजदूरी देने में भी आनाकानी कर रहे हैं. मजदूरों के खेतों में काम नहीं करने पर बाहर से मजदूर बुलाकर काम कराने की धमकी दे रहे हैं. इसके चलते दतमई में तकरीबन 500 मजदूरों पर आफत आ गयी है. धान रोपनी का कार्य बंद है.

दतमई गांव के खेत मालिकों की मानें तो इस बार करोना काल (Corona Pandemic) और बढ़ती महंगाई से सभी परेशान हैं. मजदूरों को धान का बिचड़ा डालने से पूर्व ही मजदूरी तय करना चाहिए था. अब धान रोपाई के समय मजदूरी की मांग कर कार्य बाधित कर रहे हैं. बहरहाल, इस मामले में अंचलाधिकारी ऋषि कुमार दोनों पक्षों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं.

पटना: पटना (Patna) के ग्रामीण क्षेत्र धनरूआ प्रखंड के दतमई समेत कई गांवों में इन दिनों मजदूरी को लेकर खेत मालिक और मजदूर आमने-सामने आ गये हैं. ऐसे में धनरूआ के दतमई में 500 बीघे में धान रोपाई (Paddy Planting) पर ग्रहण लग गया है. धान रोपाई का कार्य कार्य ठप है. धान रोपाई का समय भी निकलता जा रहा है. दरअसल, दतमई गांव में तकरीबन 500 से अधिक मजदूर हर साल खेत पट्टा पर लेकर मजदूरी करते हैं.

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इस बार भूमिहीन बटाईदारों और खेत मालिकों में मजदूरी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. मजदूरों की मानें तो धान की रोपाई में आठ किलो चावल मजदूरी के तौर देना है. वहीं, खेत की जुताई में भी मजदूरी देनी होगी क्योंकि महंगाई और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं. मजदूरों का कहना है कि खेत मालिक मजदूरी के नाम पर 5 किलो चावल ही दे रहे हैं. वहीं, खेत की जुताई की मजदूरी देने में भी आनाकानी कर रहे हैं. मजदूरों के खेतों में काम नहीं करने पर बाहर से मजदूर बुलाकर काम कराने की धमकी दे रहे हैं. इसके चलते दतमई में तकरीबन 500 मजदूरों पर आफत आ गयी है. धान रोपनी का कार्य बंद है.

दतमई गांव के खेत मालिकों की मानें तो इस बार करोना काल (Corona Pandemic) और बढ़ती महंगाई से सभी परेशान हैं. मजदूरों को धान का बिचड़ा डालने से पूर्व ही मजदूरी तय करना चाहिए था. अब धान रोपाई के समय मजदूरी की मांग कर कार्य बाधित कर रहे हैं. बहरहाल, इस मामले में अंचलाधिकारी ऋषि कुमार दोनों पक्षों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं.

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