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'कवच प्रणाली' से रेल दुर्घटनाओं पर लगेगा अंकुश, पूर्व मध्य रेल में स्वदेशी तकनीक पर चल रहा काम

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Published : Feb 20, 2022, 8:27 PM IST

रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरडीएसओ ने खास तरह का उपकरण तैयार किया है. यह ट्रैक पर चलती ट्रेनों के बीच आमने-सामने की टक्कर और दुर्घटना की संभावना को काफी हद तक रोकेगा. सही मायने में कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (Kavach Technology in East Central Railway) है, जिससे रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा. पढ़ें पूरी खबर..

पूर्व मध्य रेल
पूर्व मध्य रेल

पटना: पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सदैव तत्पर रहती है, इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग भी करती रहती है. इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल ने ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से प्रधानखांटा तक 'कवच' प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 151 करोड़ रुपये की निविदा जारी कर दी गई है. इसके साथ ही इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर भी स्थापित करने की प्रक्रिया पर तेजी से कार्य किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- खत्म हुआ ट्रेनों का 'जीरो' टैग, लेकिन यात्रियों से अभी भी वसूला जा रहा 'स्पेशल किराया'

लगभग 408 रूट किलोमीटर लंबे पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-मानपुर-प्रधानखांटा रेलखंड भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रेलखंड के व्यस्तम मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से होकर गुजरता है. इस रेलखंड पर 8 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 7 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं. इस रेलखंड पर सभी प्रकार के मिश्रित यातायात जैसे माल ढुलाई, मेल/एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. वर्तमान में इस रेलखंड पर 130 किलोमीटर/घंटा की गति स्वीकृत है. मिशन रफ्तार के तहत इसे बढ़ाकर 160 किलोमीटर/घंटा करने के लिए कार्य किया जा रहा है.

'कवच' एक टक्कर रोधी तकनीक (Anti Collision Technology) है. यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी. यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है. जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक (Automatic Brakes) लगाने में सक्षम है.

कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (Indigenous Automatic Train Protection System) है, जो आरडीएसओ द्वारा विकसित सुरक्षा अखंडता के उच्चतम स्तर SIL 4 (Safety Integrity Level 4) प्रमाणित है. यह प्रणाली लोको पायलट को सिगनल के साथ-साथ अन्य पहलुओं की स्थिति, स्थायी गति प्रतिबंध (PSR) के बारे में संकेत देता है और ओवर स्पीड के बारे ड्राइवर को सचेत करता रहता है. यदि लोको पायलट प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो प्रणाली पूर्व-निर्धारित समय के बाद ब्रेक लगाने की शुरुआत खुद करने लग जाती है.

कवच प्रणाली मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाये रखती है. इसकी जानकारी परिचालन से जुड़े प्राधिकृत व्यक्तियों को निरंतर साझा करता रहता है. यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करने, साइड-टक्कर, आमने-सामने की टक्कर और पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में पूरी तरह सक्षम है. इसके साथ ही यह सिस्टम रोल बैक/फॉरवर्ड और रिवर्स मूवमेंट की स्थिति में लगातार सचेत करता है. समपार फाटकों की जानकारी स्वचालित सिटी के माध्यम से प्रदान करता है.

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पटना: पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सदैव तत्पर रहती है, इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग भी करती रहती है. इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल ने ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से प्रधानखांटा तक 'कवच' प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 151 करोड़ रुपये की निविदा जारी कर दी गई है. इसके साथ ही इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर भी स्थापित करने की प्रक्रिया पर तेजी से कार्य किया जा रहा है.

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लगभग 408 रूट किलोमीटर लंबे पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-मानपुर-प्रधानखांटा रेलखंड भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रेलखंड के व्यस्तम मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से होकर गुजरता है. इस रेलखंड पर 8 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 7 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं. इस रेलखंड पर सभी प्रकार के मिश्रित यातायात जैसे माल ढुलाई, मेल/एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. वर्तमान में इस रेलखंड पर 130 किलोमीटर/घंटा की गति स्वीकृत है. मिशन रफ्तार के तहत इसे बढ़ाकर 160 किलोमीटर/घंटा करने के लिए कार्य किया जा रहा है.

'कवच' एक टक्कर रोधी तकनीक (Anti Collision Technology) है. यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी. यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है. जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक (Automatic Brakes) लगाने में सक्षम है.

कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (Indigenous Automatic Train Protection System) है, जो आरडीएसओ द्वारा विकसित सुरक्षा अखंडता के उच्चतम स्तर SIL 4 (Safety Integrity Level 4) प्रमाणित है. यह प्रणाली लोको पायलट को सिगनल के साथ-साथ अन्य पहलुओं की स्थिति, स्थायी गति प्रतिबंध (PSR) के बारे में संकेत देता है और ओवर स्पीड के बारे ड्राइवर को सचेत करता रहता है. यदि लोको पायलट प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो प्रणाली पूर्व-निर्धारित समय के बाद ब्रेक लगाने की शुरुआत खुद करने लग जाती है.

कवच प्रणाली मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाये रखती है. इसकी जानकारी परिचालन से जुड़े प्राधिकृत व्यक्तियों को निरंतर साझा करता रहता है. यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करने, साइड-टक्कर, आमने-सामने की टक्कर और पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में पूरी तरह सक्षम है. इसके साथ ही यह सिस्टम रोल बैक/फॉरवर्ड और रिवर्स मूवमेंट की स्थिति में लगातार सचेत करता है. समपार फाटकों की जानकारी स्वचालित सिटी के माध्यम से प्रदान करता है.

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