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पटना में महिलाएं बोलीं- इसबार सोच-समझकर वोट देंगे - assembly election in masaudhi

महिलाओं ने कहा कि मसौढ़ी अनुमंडल का गठन 1981 में हुआ है. तब से लेकर आज तक एक भी सरकारी कॉलेज महिलाओं के लिए नहीं खुला है. महिलाओं की सुरक्षा पर कई लोगों ने राय दी.

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Published : Sep 15, 2020, 7:58 PM IST

पटना(मसौढ़ी): चुनाव जब भी आता है राजनेताओं की नजर में महिला वोटर और यूथ उसके पहली प्राथमिकता होती है. इन वोटरों को रिझाने की और अपनी ओर लाने की हर संभव कोशिश की जाती है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम मसौढ़ी विधानसभा के महिलाओं से उनकी राय जानने की कोशिश कि चुनाव में उन्हें कैसा नेता चाहिए, क्या होंगे चुनावी मुद्दे?

महिला वोटर की अहम भूमिका
आधी आबादी यानी महिला मतदाता जो हर चुनाव में निर्णायक की भूमिका में होती है. इस बार के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों में महिला मतदाता और यूथ वोटर पर नजर होगी. जिसको लेकर महिलाओं के बीच कुछ राजनीतिक दलों के लोग घर-घर जाना भी शुरू कर दिया है. ऐसे में मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं से उनकी राय जानने की कोशिश की गई.

देखें पूरी रिपोर्ट

मसौढ़ी में एक भी एक भी सरकारी कॉलेज नहीं
महिलाओं ने कहा कि मसौढ़ी अनुमंडल का गठन 1981 में हुआ है. तब से लेकर आज तक एक भी सरकारी कॉलेज महिलाओं के लिए नहीं खुला है. महिलाओं की सुरक्षा पर कई लोगों ने राय दी. वहीं कुछ महिला मतदाता ने कहा कि शिक्षित उम्मीदवार को ही नेता बनाना चाहिए, क्योंकि एक शिक्षित नेता ही क्षेत्र का विकास कर सकता है और शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी समस्याओं पर ज्यादा ध्यान दे सकता है.

वहीं कुछ महिलाओं ने नेताओं पर आक्रोश भी व्यक्त करते हुए कहा कि हर बार वोट मांगने के दौरान वादे तो बहुत करते हैं. लेकिन जीतने के बाद फिर दिखाई नहीं देते है. इस बार सोच समझ कर वोट देंगे.

मसौढ़ी विधानसभा में राजद का कब्जा
बहरहाल मसौढ़ी विधानसभा में आरक्षित सीट है और इस सीट पर राजद का कब्जा रहा है, क्योंकि यह पूरा क्षेत्र यादव समुदाय के बहुलता वाला क्षेत्र है. जहां कुल मतदाता 3 लाख 31 हजार 435 है. जिनमें पुरुषों की संख्या 1 लाख 71 हजार 738 है. वहीं महिलाओं की संख्या 1 लाख 59 हजार 695 है. थर्ड जेंडर-62 है. यहां मतदाता कंद्रों की संख्या 511 है. कुल सेक्टर 45 है.

पटना(मसौढ़ी): चुनाव जब भी आता है राजनेताओं की नजर में महिला वोटर और यूथ उसके पहली प्राथमिकता होती है. इन वोटरों को रिझाने की और अपनी ओर लाने की हर संभव कोशिश की जाती है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम मसौढ़ी विधानसभा के महिलाओं से उनकी राय जानने की कोशिश कि चुनाव में उन्हें कैसा नेता चाहिए, क्या होंगे चुनावी मुद्दे?

महिला वोटर की अहम भूमिका
आधी आबादी यानी महिला मतदाता जो हर चुनाव में निर्णायक की भूमिका में होती है. इस बार के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों में महिला मतदाता और यूथ वोटर पर नजर होगी. जिसको लेकर महिलाओं के बीच कुछ राजनीतिक दलों के लोग घर-घर जाना भी शुरू कर दिया है. ऐसे में मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं से उनकी राय जानने की कोशिश की गई.

देखें पूरी रिपोर्ट

मसौढ़ी में एक भी एक भी सरकारी कॉलेज नहीं
महिलाओं ने कहा कि मसौढ़ी अनुमंडल का गठन 1981 में हुआ है. तब से लेकर आज तक एक भी सरकारी कॉलेज महिलाओं के लिए नहीं खुला है. महिलाओं की सुरक्षा पर कई लोगों ने राय दी. वहीं कुछ महिला मतदाता ने कहा कि शिक्षित उम्मीदवार को ही नेता बनाना चाहिए, क्योंकि एक शिक्षित नेता ही क्षेत्र का विकास कर सकता है और शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी समस्याओं पर ज्यादा ध्यान दे सकता है.

वहीं कुछ महिलाओं ने नेताओं पर आक्रोश भी व्यक्त करते हुए कहा कि हर बार वोट मांगने के दौरान वादे तो बहुत करते हैं. लेकिन जीतने के बाद फिर दिखाई नहीं देते है. इस बार सोच समझ कर वोट देंगे.

मसौढ़ी विधानसभा में राजद का कब्जा
बहरहाल मसौढ़ी विधानसभा में आरक्षित सीट है और इस सीट पर राजद का कब्जा रहा है, क्योंकि यह पूरा क्षेत्र यादव समुदाय के बहुलता वाला क्षेत्र है. जहां कुल मतदाता 3 लाख 31 हजार 435 है. जिनमें पुरुषों की संख्या 1 लाख 71 हजार 738 है. वहीं महिलाओं की संख्या 1 लाख 59 हजार 695 है. थर्ड जेंडर-62 है. यहां मतदाता कंद्रों की संख्या 511 है. कुल सेक्टर 45 है.

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