पटना: प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण और इसके कारण उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया है. जिसके बाद बिहार की राजधानी पटना में कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ बिहार में जरूरत की आपूर्ति को पूरा करने में भी जुटी हुई हैं.
पटना के बुद्ध मार्ग स्थित बंगाली अखाड़ा में बुटीक चलाने वाली महिला श्वेता कुमारी इन दिनों अपने बुटीक में पीपीई किट बना रही हैं और थोक मात्रा में इसकी आपूर्ति कर रही हैं.
दिल्ली से मंगाए कपड़े
बुटीक की संचालिका श्वेता कुमारी ने बताया कि उनके बुटीक का लोन अकाउंट सेंट्रल बैंक में चल रहा है. जब वह बैंक में लोन के सिलसिले में मैनेजर के पास मिलने गई तो मैनेजर ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान जब तक कुछ ऑर्डर नहीं आ रहा है, तब तक 13-14 पीस पीपीई कीट बनाकर बैंक में उन्हें उपलब्ध कराएं. श्वेता कुमारी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने दो दर्जन पीपीई किट बनाकर बैंक में सप्लाई किया है. उन्होंने पीपीई किट बनाने के लिए कपड़े शुरुआती दिनों में न्यू दिल्ली से मंगाए हैं.
2 वैरायटी की पीपीई किट
संचालिका श्वेता कुमारी ने बताया कि अब पीपीई कीट बनाने के लिए कपड़े पटना में भी मिल रहे हैं. वो 2 वैरायटी की पीपीई किट बना रही हैं. सफेद रंग का जो पीपीई किट है वह 85 एमएम का है. वहीं नीले रंग का 95 एमएम का है.
उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट बनाने में 680 रुपये के करीब लागत आता है. जिसमें मास्क, ग्लव्स, शू-कवर, हैंड सेनेटाइजर, फेस शील्ड सभी मौजूद रहते हैं. इसे वह 850 रुपये में सप्लाई करती हैं. फिलहाल पीपीई किट के बड़े ऑर्डर्स नहीं आ रहे हैं. लेकिन 3 बैंक से उन्हें ऑर्डर आए हैं.
इवेंट के लिए भी करती थीं काम
श्वेता कुमारी ने बताया कि सेंट्रल बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक से उनके पास पीपीई कीट सप्लाई करने के आर्डर आए हैं. इसके अलावा उन्होंने महिला उद्योग में और डब्लू डी सी में पीपीई किट बनाने की जानकारी दी थी. जिसके बाद आसाम के एमएसएमई से बात चल रही है और उम्मीद है कि बड़ी आर्डर मिलेगी. उन्होंने बताया कि उन्हें अब काफी अच्छा लग रहा है. क्योंकि पहले कई सालों से वह कस्टमर के कपड़े सिल रही थीं और इवेंट के लिए काम कर रही थीं. लेकिन अब उन्हें नया स्कोप मिला है कि इसके अलावे वह मेडिकल लाइन के लिए भी काम कर सकती हैं.
30-35 लड़कियों को देती हैं ट्रेनिंग
श्वेता कुमारी ने बताया कि वो हर महीने स्लम-बस्ती में रहने वाली 30 से 35 लड़कियों को ट्रेनिंग भी देती हैं. वहीं पीपीई किट बना रहे मास्टर बबलू ने कहा कि एक पीपीई किट बनाने में एक से डेढ़ घंटे लगते हैं. इसे सिलने में कोई कठिनाई नहीं होती है. इसकी सिलाई आसान है. उन्होंने बताया कि पीपीई किट के कपड़े सामान्य कपड़े से अलग होते हैं. इसलिए सिलने में समय लगता है.