पटना : करवा चौथ को लेकर आज महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. राजधानी पटना में महिलाओं ने कई दिन पहले से करवा चौथ की तैयारी शुरू कर दी थी. आज सुबह से ही व्रत को लेकर महिलाएं उत्साहित दिख रही हैं. करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास में रहती हैं. इसके बाद शाम होने पर करवा चौथ की पूजा अर्चना करके कथा सुनी जाती है. इसी कड़ी में करवा चौथ के मौके पर राजधानी में एक जगह पर सुहागिन महिलाए एकत्रित होकर अखंड सुहाग और सौभाग्य प्राप्ति की कामना को लेकर करवा चौथ का कथा सुनी.
पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं व्रत : आज के दिन महिलाएं रंग बिरंगी परिधान में 16 सिंगार करके करवा चौथ व्रत का पूजा करती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सुहागिन महिलाओं ने कहा कि यह व्रत पति की सौभाग्य और लंबी उम्र के लिए रखी जाती है. मैं अपने पति की लंबी उम्र के लिए 13 सालों से करवा चौथ का व्रत कर रही हूं. शादी के 24 साल हो गए. उन्होंने कहा कि करवा चौथ के दिन सुबह में सूर्य उदय से पहले सरगही किया जाता है. सास या ननद के द्वारा सरगही कराया जाता है. मेरी सास नहीं है तो मेरी ननद सरगही दी.सरगही के साथ व्रत शुरू होता है.
"दिन भर निर्जला रहा जाता है. रात में छन्नी से चांद को और पति को देखकर पति के हाथों से जल पीकर व्रत तोड़ा जाता है. इस व्रत का विशेष महत्व है. इसलिए महिलाएं इसे करती हैं और पति अपने हाथों से पत्नी को जल पिलाते है."- व्रती
'कठिन नहीं है व्रत' : एक महिला ने बताया कि यह व्रत कठिन नहीं है. क्योंकि आधा समय तो श्रृंगार और सजने संवरने में निकल जाता है. शाम होने के बाद एक जगह पर हम सभी व्रत करने वाली जुटते हैं. पूजा पाठ करते हैं. बातचीत करते हैं, फोटो लेते हैं उसके बाद घर जाकर के भी पूजा करते हैं. रात में चांद को देखते हैं और फिर पति का दीदार करते हैं. पति के हाथों जल पीकर इस व्रत को तोड़ते हैं. इसलिए समय का पता नहीं चलता है. उन्होंने कहा कि एक दिन पति के लंबी उम्र के लिए पूजा करना इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है.
समूह में पूजा करने की अलग खुशी : एक महिला ने बताया कि एक जगह पर एकत्रित होकर पूजा करने से काफी खुशी मिलती है. हर फेस्टिवल लोग परिवार के संघ मानते हैं. यह भी फेस्टिवल है और एक जगह पर हम तमाम महिला पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं तो बहुत ही अच्छा लगता है. बता दें कि करवा चौथ की धूम देखने को मिल रही है. अब महिलाओं को चांद देखने का इंतजार है. इसलिए महिलाएं एक जगह पर पहुंच कर पूजा अर्चना करके अपना समय व्यतीत कर रही हैं और फिर चांद देखने के बाद पति को देखकर पति के हाथों जल पीकर अपने व्रत को तोड़ेंगी.
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