पटनाः कोरोना संक्रमण (Covid Infection In Bihar) के कारण बंद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार कार्यक्रम (CM Nitish Kumar Janata Darbar) कम होते मामलों के साथ एक बार फिर शुरू हो गया. सोमवार को सीएम नीतीश ने जनता दरबार में लोगों की समस्याओं को सुना. हालांकि, कई ऐसे लोग जनता दरबार में प्रोटोकॉल के तहत प्रवेश नहीं कर सके और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका.
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इसी क्रम में फरियाद लेकर आई एक महिला ने जनता दरबार के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार पर कई आरोप लगाए. महिला ने आरोप लगाते हुए कहा 'बिहार के मुख्यमंत्री का एक पैसा वैल्यू अधिकारी नहीं देता है. न डीएम सुनता है, न सीओ सुनता है. राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री रहते महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहुत काम किया है. लेकिन नीतीश कुमार के आने के बाद कुछ नहीं हो रहा है. थाना, सीओ जान बूझकर गलती करवा रहा है.' दरअसल, यह महिला जमीन संबंधी शिकायत लेकर जनता दरबार पहुंची थी.
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वहीं, सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से फरियाद लेकर जनता दरबार पहुंचे फरियादी कारू सिंह ने बताया कि उनकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा जमा लिया है. उन्होंने बताया कि विरोध करने पर घर में घुसकर जान मारने की धमकी दी गई है, लिहाजा वो घर से भागे हुए हैं. उन्होंने कहा कि 'हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाने यहां पहुंचे थे, लेकिन अंदर नहीं जाने दिया गया.
बता दें कि लंबे समय के बाद मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम प्रोटोकॉल के मुताबिक सोमवार को आयोजित किया गया. जिसमें सीएम ने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनी. इस दौरान कोरोना से मौत के बाद मुआवजा नहीं मिलने के ज्यादा केस देखे गए.
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