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शीतकालीन सत्र: उपचुनाव में जीत से NDA के पक्ष में शक्ति संतुलन, क्या कोई चुनौती पेश कर पाएगा विपक्ष? - उपचुनाव में जीत से शक्ति संतुलन एनडीए के पक्ष में

बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) 5 दिनों तक चलेगा. छोटा सत्र होने के बावजूद बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत को विपक्ष बड़ा मुद्दा बना सकता है. कानून व्यवस्था के सवाल पर भी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है, लेकिन संख्या बल के हिसाब से एनडीए (NDA) काफी मजबूत स्थिति में है. ऐसे में कोई मुश्किल आएगी, इसकी संभावना कम ही है.

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Published : Nov 11, 2021, 4:37 PM IST

पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) शुरू होगा. पांच दिवसीय सत्र में सरकार कई अहम विधेयक पास कराएगी. साथ ही जनता के सवालों का जवाब भी देगी. विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी (Maheshwar Hazari) का कहना है कि द्वितीय अनुपूरक बजट पर भी चर्चा होगी और उसे भी पास कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव (Assembly By-election) में मिली जीत के बाद एनडीए विधायकों की संख्या 126 से बढ़कर 128 हो गई है. पहले भी शक्ति संतुलन एनडीए (NDA) के पक्ष में था. अब तो बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें: उपचुनाव में JDU की जीत से नीतीश की साख हुई मजबूत, कार्यकर्ताओं में भी दिखा आत्मविश्वास

बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का कहना है शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक चले, यह सबसे जरूरी है. खासकर नए सदस्यों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण सत्र होगा, जिसमें विधेयक तो पास होंगे ही उनके सवाल का भी सरकार जवाब देगी.

देखें रिपोर्ट

अभी हाल में ही तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर जीत के बाद जेडीयू और पूरा सत्ता पक्ष गदगद है. बिहार विधानसभा में महागठबंधन के पास जहां 110 विधायक हैं, वहीं 2 सीट जीतने के बाद एनडीए के पक्ष में विधायकों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है. विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का कहना है कि पहले भी शक्ति संतुलन एनडीए के पक्ष में ही था अब और बेहतर हुआ है. उपचुनाव में भी जनता ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को ही अपना समर्थन दिया है. आरजेडी (RJD) के लोग दिन में सपना देखते रह गए.

विधानसभा उपचुनाव के दौरान ही आरजेडी की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था कि दोनों सीट जीतेंगे और सरकार गिरेगी, लेकिन अब दोनों सीट जीतने के बाद एनडीए का संख्या बल महागठबंधन से काफी अधिक हो गया है. दोनों के बीच अंतर अब 18 विधायकों का हो गया है. 128 विधायकों में बीजेपी के 74, जेडीयू के 45, हम और वीआईपी के 4-4 और एक निर्दलीय हैं. वहीं, महागठबंधन के विधायकों की संख्या 110 है. इनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19, सीपीआई (माले) के 12, सीपीआई और सीपीएम के 2-2 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम के 5 विधायक हैं.

29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे...

  • पहले दिन नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी.
  • बिहार विधान मंडल में राज्यपाल के स्वीकृत प्रतियों को सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2021- 22 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • 30 नवंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे.
  • 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद होगा और तत्संबंधी विनियोग विधेयक पर मतदान होगा.
  • 3 दिसंबर को गैर सरकारी पर चर्चा होगी.

ये भी पढ़ें: बिहार में उपचुनाव के बाद भी कांग्रेस और RJD में तल्खी बरकरार, विपक्षी एकता का बंटाधार

पटना: 29 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Assembly) शुरू होगा. पांच दिवसीय सत्र में सरकार कई अहम विधेयक पास कराएगी. साथ ही जनता के सवालों का जवाब भी देगी. विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी (Maheshwar Hazari) का कहना है कि द्वितीय अनुपूरक बजट पर भी चर्चा होगी और उसे भी पास कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव (Assembly By-election) में मिली जीत के बाद एनडीए विधायकों की संख्या 126 से बढ़कर 128 हो गई है. पहले भी शक्ति संतुलन एनडीए (NDA) के पक्ष में था. अब तो बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें: उपचुनाव में JDU की जीत से नीतीश की साख हुई मजबूत, कार्यकर्ताओं में भी दिखा आत्मविश्वास

बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का कहना है शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक चले, यह सबसे जरूरी है. खासकर नए सदस्यों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण सत्र होगा, जिसमें विधेयक तो पास होंगे ही उनके सवाल का भी सरकार जवाब देगी.

देखें रिपोर्ट

अभी हाल में ही तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर जीत के बाद जेडीयू और पूरा सत्ता पक्ष गदगद है. बिहार विधानसभा में महागठबंधन के पास जहां 110 विधायक हैं, वहीं 2 सीट जीतने के बाद एनडीए के पक्ष में विधायकों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है. विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का कहना है कि पहले भी शक्ति संतुलन एनडीए के पक्ष में ही था अब और बेहतर हुआ है. उपचुनाव में भी जनता ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को ही अपना समर्थन दिया है. आरजेडी (RJD) के लोग दिन में सपना देखते रह गए.

विधानसभा उपचुनाव के दौरान ही आरजेडी की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था कि दोनों सीट जीतेंगे और सरकार गिरेगी, लेकिन अब दोनों सीट जीतने के बाद एनडीए का संख्या बल महागठबंधन से काफी अधिक हो गया है. दोनों के बीच अंतर अब 18 विधायकों का हो गया है. 128 विधायकों में बीजेपी के 74, जेडीयू के 45, हम और वीआईपी के 4-4 और एक निर्दलीय हैं. वहीं, महागठबंधन के विधायकों की संख्या 110 है. इनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19, सीपीआई (माले) के 12, सीपीआई और सीपीएम के 2-2 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम के 5 विधायक हैं.

29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे...

  • पहले दिन नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी.
  • बिहार विधान मंडल में राज्यपाल के स्वीकृत प्रतियों को सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2021- 22 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन पटल पर रखा जाएगा.
  • 30 नवंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे.
  • 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद होगा और तत्संबंधी विनियोग विधेयक पर मतदान होगा.
  • 3 दिसंबर को गैर सरकारी पर चर्चा होगी.

ये भी पढ़ें: बिहार में उपचुनाव के बाद भी कांग्रेस और RJD में तल्खी बरकरार, विपक्षी एकता का बंटाधार

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