पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में है. चारों ओर मुख्यमंत्री की आलोचना हो रही है. मुख्यमंत्री के बयान का असर सदन की कार्रवाई पर भी पड़ा है. अभूतपूर्व हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. बता दें कि एक ओर जहां भाजपा के लोग हंगामा कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के लोग भी पोस्टर के साथ नारेबाजी कर रहे थे.
सदन के अंदर अफरा-तफरी का माहौल: भाजपा नेता मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे तो महागठबंधन की ओर से भी नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा किया जा रहा था, जिससे सदन में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. अलग-अलग पार्टियों के नेता अलग-अलग बातों को लेकर हो-हल्ला कर रहे थे, जिस वजह से सत्र का आखिरी दिन भी हंगामें की भेंट चढ़ गया.
'नीतीश कुमार ने सदन की गरिमा गिराई': बीजेपी एमएलए इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी है. मुख्यमंत्री अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. सदन की गरिमा उनके बयान के चलते गिर रही है. सीएम ने महिलाओं का अपमान तो किया ही इसके साथ ही दलितों को भी नहीं छोड़ा.
हाथरस घटना पर भाजपा की चुप्पी: भाकपा माले विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि हाथरस में दलित बेटी के साथ गलत हुआ, लेकिन भाजपा के नेताओं ने चुप्पी साधे रखा. दिल्ली में पहलवान बेटियों के साथ गलत किया गया, इस पर भी भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कहा कि वैसे लोगों को दलित और महिलाओं के बारे में बात करने का कोई हक नहीं है.
बिहार में हो रहे ऐतिहासिक काम: राजद विधायक अख्तरुल ईमान शाहीन ने कहा कि बिहार में ऐतिहासिक काम हो रहे हैं. बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई है, जातिगत जनगणना के काम पूरे हुए हैं, इसलिए भाजपा वाले बौखलाए हुए हैं. नीतीश कुमार का नाम खराब करने की कोशिश की जा रही है.
"भाजपा नेताओं को कोई काम नहीं है, वह सिर्फ हंगामा करना जानते हैं. सरकार ने कई बेहतर निर्णय लिए हैं, जिसके चलते भाजपा के लोग घबरा गए हैं."- जमा खान, मंत्री, बिहार सरकार