पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं. इस बीच एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं लग रहा है. गठबंधन की सहयोगी जेडीयू और लोजपा के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है. सूत्रों की माने तो सोमवार को लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने चिराग पासवान के सामने जेडीयू के बयानों को लेकर सख्त नाराजगी जताई.
143 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे चिराग!
दरअसल, सोमवार को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान की अध्यक्षता में बिहार लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. बैठक करीब 3 घंटे तक चली. पार्टी ने फैसला किया कि वैसी 143 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाए जिनपर बीजेपी के उम्मीदवार नहीं लड़ेंगे. जल्द ही इस सूची को केंद्रीय संसदीय बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा.
क्या बिहार में टूटा जाएगा NDA?
सूत्रों की माने तो संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि जेडीयू के नेता कहते हैं कि लोजपा से गठबंधन नहीं है. ऐसे में लोजपा को जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी देना चाहिए. लोजपा कार्यकर्ताओं से सुझाव लेकर आये बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि सीएम नीतीश के नाम से प्रदेश की जनता में उत्साह नहीं है, नीतीश के नेतृत्व में लोजपा को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, सीएम नीतीश ने कहा था कि कोरोना काल में चुनाव होना चाहिए, उनके इस बात से जनता नाराज है.
सूत्रों की माने तो, बिहार में लोजपा एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ सकती है. जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दे सकती है. हालांकि, केंद्र में लोजपा एनडीए के साथ बनी रह सकती है.
क्या चाहते है चिराग?
बिहार में लोजपा एनडीए में रहकर 43 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है. 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट विजन' डॉक्यूमेंट को एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल कराना चाहती है. राज्यपाल कोटा से 12 विधान पार्षदों का विधान परिषद में मनोनयन होना है, उसमें भी वह 2 सीट चाहती है. फिलहाल, बीजेपी मजबूती से लोजपा के साथ है लेकिन जेडीयू लोजपा की मांगों की अनदेखी कर रही है इसलिए लोजपा बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का मन बना रही है.
एनडीए में मांझी की एंट्री से चिराग नाराज
उधर, पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार एनडीए में ले आए हैं. इससे भी चिराग पासवान नाराज बताए जा रहे हैं. जेडीयू और लोजपा के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है और सुलह की गुंजाइश अब कम नजर आ रही है.
चिराग पासवान सीएम नीतीश के कामकाज पर कई बार सवाल उठा चुके हैं. जेडीयू के तरफ से भी कई बार चिराग पर पलटवार किया जा चुका है.