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करोड़ों के घाटे में पटना Zoo, ससमय कर्मचारियों को वेतन, मिटाई जा रही वन्य जीवों की भूख

बिहार में लागू लॉकडाउन के दौरान सड़के वीरान रहीं. वहीं, पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा रहा. ऐसे में बात करें पटना स्थित वन्य जीव एवं प्राणी उद्यान की, तो पटना चिड़ियाघर 15 मार्च को बंद कर दिया गया.

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Published : Jun 5, 2020, 11:11 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 9:12 PM IST

पटना: लागू रहे लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 में छूट मिली है. लेकिन अभी पर्यटन स्थलों को लॉक रखा गया है. ऐसे में पटना के संजय गांधी उद्यान पर भी ताला लटका हुआ है. तीन महीने से बंद पड़े चिड़ियाघर में कर्मचारी जानवरों का ख्याल रख रहे हैं. वहीं, लोगों की चहलकदमी नदारद होने के बाद वन्य जीवों की अठखेलियां देखने को मिल रही है.

पटना का संजय गांधी उद्यान बिहार का इकलौता उद्यान है, जहां लगभग 1 हजार 100 से ज्यादा वन्य जीव मौजूद हैं. 1 हजार 521.95 एकड़ में फैले इस उद्यान में कुल 90 प्रजाति के पशु पक्षी हैं, जिसमे गैंडा, बंगाल टाइगर, हिप्पोपोटामस (दरियाई घोड़ा), शेर, जिराफ, बंदर, हाथी समेत वन्य जीव हैं. इसके साथ ही चिड़ियाघर में 300 प्रजाति के पेड़ पौधे हैं. इनसभी की देखरेख के लिए जू में 150 कर्मचारी लगातार अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

मासिक इनकम 60 से 70 लाख
चिड़ियाघर में आने वाले लोगों से महीने में तकरीबन 60 से 70 लाख रुपये की आमदनी होती थी. लेकिन लॉकडाउन में कमाई पूरी तरह ठप हो गई. इस बाबत, जू के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी पटना जू के वन्य जीवों की अच्छे से देखभाल की गई. उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर को आवश्यक सेवा में रखा गया इसलिए वन्य जीवों का भोजन लाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

आराम फरमाता गेंडा
आराम फरमाता गेंडा

कर्मचारियों को दी जा रही सैलरी
अमित कुमार ने बताया कि कोरोना काल में अपनी ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों को ससमय सैलरी दी जा रही है. जू एक शैक्षणिक संस्था है और इसे घाटे या लाभ के रूप में नही देखा जाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन के बाद जब जू फिर से खुलेगा तो अच्छी आमदनी होगी. स्टाफ वन्यजीवों का ख्याल रख रहा है. समय से सभी को खाना दिया जा रहा है.

गुलजार रहता था पटना जू का गेट नंबर-2
गुलजार रहता था पटना जू का गेट नंबर-2

लॉकडाउन में कई जानवरों ने दिए बच्चे
जू के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि प्रजनन केंद्र में कई जानवरो ने लॉकडाउन के दौरान बच्चे भी दिये हैं. जो अच्छी खबर है. वहीं, चिड़ियाघर में अपनी सेवा दे रहे पशु चिकित्सक डॉक्टर पल्लव शेखर ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल मे मांसाहारी पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पानी के साथ नमक मिलाकर देना अच्छा होता है. यह सभी काम किये जा रहे हैं.

कई वाहनों से पहुंचायी जा रही खाद्य सामाग्री
कई वाहनों से पहुंचायी जा रही खाद्य सामाग्री
  • हाल ही में नवजात गैंडा और उसकी मां के साथ का वीडियो तेजी के साथ वायरल हुआ. सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो अपलोड किया गया.
  • लॉकडाउन के दौरान वन्य जीव सड़कों पर दिखाई दिए, ऐसे में वन विभाग सक्रियता से काम करता दिखाई दिया.
    कुछ ऐसा दिखा नजारा
    कुछ ऐसा दिखा नजारा

चिड़ियाघर में वन्यजीवों के लिए डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी मॉनिटरिंग कर रही है. दूसरी ओर वन विभाग ने चिड़ियाघर के वर्चुअल टूर की शुरूआत की है. जिससे घर बैठे लोग जू की सैर कर सकते हैं और जानकारी जुटा सकते हैं.

पटना: लागू रहे लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 में छूट मिली है. लेकिन अभी पर्यटन स्थलों को लॉक रखा गया है. ऐसे में पटना के संजय गांधी उद्यान पर भी ताला लटका हुआ है. तीन महीने से बंद पड़े चिड़ियाघर में कर्मचारी जानवरों का ख्याल रख रहे हैं. वहीं, लोगों की चहलकदमी नदारद होने के बाद वन्य जीवों की अठखेलियां देखने को मिल रही है.

पटना का संजय गांधी उद्यान बिहार का इकलौता उद्यान है, जहां लगभग 1 हजार 100 से ज्यादा वन्य जीव मौजूद हैं. 1 हजार 521.95 एकड़ में फैले इस उद्यान में कुल 90 प्रजाति के पशु पक्षी हैं, जिसमे गैंडा, बंगाल टाइगर, हिप्पोपोटामस (दरियाई घोड़ा), शेर, जिराफ, बंदर, हाथी समेत वन्य जीव हैं. इसके साथ ही चिड़ियाघर में 300 प्रजाति के पेड़ पौधे हैं. इनसभी की देखरेख के लिए जू में 150 कर्मचारी लगातार अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

मासिक इनकम 60 से 70 लाख
चिड़ियाघर में आने वाले लोगों से महीने में तकरीबन 60 से 70 लाख रुपये की आमदनी होती थी. लेकिन लॉकडाउन में कमाई पूरी तरह ठप हो गई. इस बाबत, जू के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी पटना जू के वन्य जीवों की अच्छे से देखभाल की गई. उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर को आवश्यक सेवा में रखा गया इसलिए वन्य जीवों का भोजन लाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

आराम फरमाता गेंडा
आराम फरमाता गेंडा

कर्मचारियों को दी जा रही सैलरी
अमित कुमार ने बताया कि कोरोना काल में अपनी ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों को ससमय सैलरी दी जा रही है. जू एक शैक्षणिक संस्था है और इसे घाटे या लाभ के रूप में नही देखा जाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन के बाद जब जू फिर से खुलेगा तो अच्छी आमदनी होगी. स्टाफ वन्यजीवों का ख्याल रख रहा है. समय से सभी को खाना दिया जा रहा है.

गुलजार रहता था पटना जू का गेट नंबर-2
गुलजार रहता था पटना जू का गेट नंबर-2

लॉकडाउन में कई जानवरों ने दिए बच्चे
जू के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि प्रजनन केंद्र में कई जानवरो ने लॉकडाउन के दौरान बच्चे भी दिये हैं. जो अच्छी खबर है. वहीं, चिड़ियाघर में अपनी सेवा दे रहे पशु चिकित्सक डॉक्टर पल्लव शेखर ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल मे मांसाहारी पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पानी के साथ नमक मिलाकर देना अच्छा होता है. यह सभी काम किये जा रहे हैं.

कई वाहनों से पहुंचायी जा रही खाद्य सामाग्री
कई वाहनों से पहुंचायी जा रही खाद्य सामाग्री
  • हाल ही में नवजात गैंडा और उसकी मां के साथ का वीडियो तेजी के साथ वायरल हुआ. सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो अपलोड किया गया.
  • लॉकडाउन के दौरान वन्य जीव सड़कों पर दिखाई दिए, ऐसे में वन विभाग सक्रियता से काम करता दिखाई दिया.
    कुछ ऐसा दिखा नजारा
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चिड़ियाघर में वन्यजीवों के लिए डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी मॉनिटरिंग कर रही है. दूसरी ओर वन विभाग ने चिड़ियाघर के वर्चुअल टूर की शुरूआत की है. जिससे घर बैठे लोग जू की सैर कर सकते हैं और जानकारी जुटा सकते हैं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 9:12 PM IST
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