पटना : कोरोना संकट काल में बिहार में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. इसकी एक बानगी शनिवार देर रात देखने को मिली, जब इलाज के अभाव में पीएमसीएच के नेत्र विभाग के मेडिकल ऑफिसर डॉ. रंजीत सिंह की पत्नी की मौत हो गई. डॉ रंजीत सिंह की पत्नी बरखा सिंह 44 साल की थी और वो हृदय रोग से पीड़ित थी.
डॉ. रंजीत की पत्नी को शुगर और बीपी की भी शिकायत थी. पीएमसीएच के डॉक्टर जब बीमार पत्नी को लेकर सरकारी से लेकर कई बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल तक गए. लेकिन उनकी पत्नी को एडमिट नहीं किया गया. अंत में इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई.
गुरुवार को खराब हुई तबीयत
दरअसल, डॉक्टर रंजीत की पत्नी बरखा सिंह की तबीयत गुरुवार सुबह खराब हुई, जिसके बाद उन्हें कुर्जी अस्पताल में एडमिट किया गया. वहां उनकी स्थिति कुछ ठीक होने पर वहां के डॉक्टरों ने किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी. जहां हृदय रोग विशेषज्ञ की चिकित्सीय परामर्श मिल सके. इसके बाद रंजीत सिंह अपनी पत्नी को लेकर पाटलिपुत्र अस्पताल में गए. जहां कोरोना वायरस की जांच की गई और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ओपीडी में एडमिट किया गया.
यहां, जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो डॉक्टर ने आईसीयू में एडमिट करने की बात कही गई. मगर सीटी स्कैन में छाती में निमोनिया पाए जाने के बाद अस्पताल में आईसीयू में लेने से इनकार करते हुए दूसरे अस्पताल में ले जाने का सलाह दी. डॉ रंजीत इसके बाद पटना के कई बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में भी गए, जहां उनकी पत्नी को एडमिट नहीं लिया गया. जिसके बाद वह पीएमसीएच में स्थित आईजीआईसी में पहुंचे और यहां भी उनकी पत्नी को अच्छे सेंटर ले जाने की सलाह देते हुए एडमिट नहीं किया गया.
पत्नी ने दुनिया को कह दिया अलविदा
डॉ. रंजीत अपनी बीमार पत्नी को लेकर शनिवार देर रात एम्स पहुंचे और जब एम्स के अंदर डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया, तो पता चला कि उनकी पत्नी का निधन हो चुका है. इस घटना के लिए डॉक्टर रंजीत ने शहर के दो बड़े प्राइवेट अस्पतालों पर लापरवाही का आरोप लगाया है , जहां उनकी पत्नी को एडमिट नहीं लिया गया. डॉ रंजीत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से दोनों प्राइवेट अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है.
आरजेडी के प्रदेश सचिव डॉ. अजय कुमार सिंह ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, पीएमसीएच के डाॅक्टर की पत्नी की मौत बिना इलाज के हो जाती है. एक डॉक्टर अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती नहीं करा पाता है. गजब का प्रदेश.'