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अच्छा...तो RCP सिंह को CM नीतीश ने इसलिए बधाई देने से खुद को रखा दूर - बिहार की खबर

एक बार फिर बिहार में सियासत गरमाई हुई है. सीएम नीतीश ने अभी तक आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद बधाई संदेश नहीं दिया है. जिसके चलते चर्चाओं का बाजार गर्म है. आखिर इसके पीछे क्या वजह है? जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

पटना
RCP सिंह को CM नीतीश ने नहीं दी बधाई
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Published : Jul 8, 2021, 1:46 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 1:56 PM IST

पटना: बिहार में एक और सियासी भूचाल नजर आ रहा है. दरअसल मोदी 2.0 के मंत्रिमंडल विस्तार में आरसीपी सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ तो ले ली, लेकिन अभी तक सीएम नीतीश की ओर से बधाई संदेश जारी नहीं किया गया है. जबकि, JDU में जश्न का माहौल है. जदयू के वरिष्ठ नेता से लेकर आम कार्यकर्ताओं ने आरसीपी सिंह को बधाई दे दी है. पटना में आरसीपी के स्वागत की तैयारी चल रही है और नीतीश शांत बैठे हैं.

ये भी पढ़ें- दो साल बाद भी मोदी ने नहीं दिया नीतीश को 'भाव', एक मंत्री पद से ही होना पड़ा संतुष्ट

सवाल ये है कि अभी तक सीएम नीतीश ने आरसीपी सिंह को बधाई क्यों नहीं दी है? इसके पीछे क्या वजह है ? क्या सीएम नीतीश आरसीपी सिंह के शपथ लेने से नाराज हैं? आखिर क्या वजह है कि सीएम नीतीश बधाई देने से बच रहे हैं?

इन सवालों के जवाब सीएम नीतीश की ओर से आना बाकी है. चर्चा है कि सीएम नीतीश ललन सिंह को मंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. ऐसे में वो बधाई देने से बच रहे हैं.

कहा ये भी जा रहा है कि जेडीयू मोदी कैबिनेट में अपनी संख्याबल के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी चाह रहा था. लेकिन आरसीपी सिंह को ही केंद्र में शामिल किया गया. इसकी वजह से ललन सिंह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने से रह गए. सीएम नीतीश को यही बात साल रही है.

ये भी पढ़ें- पशुपति पारस Exclusive: PM मोदी और जनता की उम्मीद पर खरा उतरूंगा

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथग्रहण समारोह के समय भी जदयू को एक मंत्री पद का ऑफर मिला था. उस समय भी आरसीपी सिंह दिल्ली में शपथ लेने के लिए पहुंचे हुए थे. उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में दिल्ली गए थे. लेकिन उस समय यह चर्चा होती रही की ललन सिंह की नाराजगी के कारण नीतीश कुमार ने एक मंत्री पद अस्वीकार कर दिया था. नीतीश कुमार ने यह कहा भी कि जब तक सही अनुपात में जदयू को मंत्री पद नहीं मिलेगा मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा.

हालांकि इस बार जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है तो जदयू ने एक ही मंत्री पद स्वीकार किया है, आरसीपी सिंह जदयू के एकमात्र मंत्री बनाए गए हैं. चर्चा है कि पशुपति पारस को मंत्री बनाने के लिए नीतीश कुमार ने ही कहा है. पशुपति पारस को लेकर ही जदयू ने अपने मंत्री पद के कोटे से समझौता कर लिया है. इन सबसे अलग इस वक्त जो चर्चा में है, वो ये कि केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को सोशल मीडिया से भी अब तक बधाई क्यों नहीं दी ?

बिहार में जदयू के 16 सांसद हैं. वहीं बीजेपी के 17 सांसद तो एलजेपी के 6 एमपी हैं. लोजपा के 6 सांसद में से 5 पशुपति पारस गुट के साथ हैं. जबकि एक चिराग पासवान हैं. इस बार बीजेपी कोटे के एक मंत्री से इस्तीफा भी ले लिया गया है. तो वहीं दो मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया है. कुल मिलाकर देखें तो अभी भी बिहार से बीजेपी कोटे से चार मंत्री हैं तो वहीं जदयू कोटे से एक और लोजपा कोटे से एक मंत्री हैं.

वैसे तो नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद किसी मंत्री को बधाई नहीं दी है. लेकिन चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष को मंत्री बनने पर बधाई देने की खूब हो रही है. फिलहाल जदयू के नेताओं ने इस पर चुप्पी साध रखी है.

पटना: बिहार में एक और सियासी भूचाल नजर आ रहा है. दरअसल मोदी 2.0 के मंत्रिमंडल विस्तार में आरसीपी सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ तो ले ली, लेकिन अभी तक सीएम नीतीश की ओर से बधाई संदेश जारी नहीं किया गया है. जबकि, JDU में जश्न का माहौल है. जदयू के वरिष्ठ नेता से लेकर आम कार्यकर्ताओं ने आरसीपी सिंह को बधाई दे दी है. पटना में आरसीपी के स्वागत की तैयारी चल रही है और नीतीश शांत बैठे हैं.

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सवाल ये है कि अभी तक सीएम नीतीश ने आरसीपी सिंह को बधाई क्यों नहीं दी है? इसके पीछे क्या वजह है ? क्या सीएम नीतीश आरसीपी सिंह के शपथ लेने से नाराज हैं? आखिर क्या वजह है कि सीएम नीतीश बधाई देने से बच रहे हैं?

इन सवालों के जवाब सीएम नीतीश की ओर से आना बाकी है. चर्चा है कि सीएम नीतीश ललन सिंह को मंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. ऐसे में वो बधाई देने से बच रहे हैं.

कहा ये भी जा रहा है कि जेडीयू मोदी कैबिनेट में अपनी संख्याबल के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी चाह रहा था. लेकिन आरसीपी सिंह को ही केंद्र में शामिल किया गया. इसकी वजह से ललन सिंह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने से रह गए. सीएम नीतीश को यही बात साल रही है.

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नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथग्रहण समारोह के समय भी जदयू को एक मंत्री पद का ऑफर मिला था. उस समय भी आरसीपी सिंह दिल्ली में शपथ लेने के लिए पहुंचे हुए थे. उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में दिल्ली गए थे. लेकिन उस समय यह चर्चा होती रही की ललन सिंह की नाराजगी के कारण नीतीश कुमार ने एक मंत्री पद अस्वीकार कर दिया था. नीतीश कुमार ने यह कहा भी कि जब तक सही अनुपात में जदयू को मंत्री पद नहीं मिलेगा मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा.

हालांकि इस बार जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है तो जदयू ने एक ही मंत्री पद स्वीकार किया है, आरसीपी सिंह जदयू के एकमात्र मंत्री बनाए गए हैं. चर्चा है कि पशुपति पारस को मंत्री बनाने के लिए नीतीश कुमार ने ही कहा है. पशुपति पारस को लेकर ही जदयू ने अपने मंत्री पद के कोटे से समझौता कर लिया है. इन सबसे अलग इस वक्त जो चर्चा में है, वो ये कि केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को सोशल मीडिया से भी अब तक बधाई क्यों नहीं दी ?

बिहार में जदयू के 16 सांसद हैं. वहीं बीजेपी के 17 सांसद तो एलजेपी के 6 एमपी हैं. लोजपा के 6 सांसद में से 5 पशुपति पारस गुट के साथ हैं. जबकि एक चिराग पासवान हैं. इस बार बीजेपी कोटे के एक मंत्री से इस्तीफा भी ले लिया गया है. तो वहीं दो मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया है. कुल मिलाकर देखें तो अभी भी बिहार से बीजेपी कोटे से चार मंत्री हैं तो वहीं जदयू कोटे से एक और लोजपा कोटे से एक मंत्री हैं.

वैसे तो नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद किसी मंत्री को बधाई नहीं दी है. लेकिन चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष को मंत्री बनने पर बधाई देने की खूब हो रही है. फिलहाल जदयू के नेताओं ने इस पर चुप्पी साध रखी है.

Last Updated : Jul 8, 2021, 1:56 PM IST
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