पटनाः हाल ही में जब स्वच्छता सर्वेक्षण के वार्षिक रिपोर्ट में पटना को सबसे गंदे शहरों में शुमार किया गया, तो लालू और तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए तुरंत ट्वीट कर दिया. इसमे चिराग भी पीछे नहीं रहे. लेकिन सवाल तो खुद लालू से भी पूछा जाना चाहिए. पिछले 20 सालों से तो पटना का यही हाल है.
स्वच्छता के मामले में पटना गंदे शहरों में शुमार
पिछले साल जब जलजमाव में पटना डूब गया था, तो उसमे कई लोगों की जान तक चली गई थी. जिससे पूरे देश में पटना की किरकिरी हुई थी. इसे लेकर पटना हाईकोर्ट ने तमाम अधिकारियों को कोर्ट में तलब कर लिया था और कड़ाई से कार्रवाई तक की बात कही थी.
पटना में जलजमाव
लेकिन यह सिर्फ वर्ष 2019 की बात नहीं है. ऐसा कुछ पिछले 20 वर्ष से हर साल होता आया है. 20 साल यानी जब लालू और राबड़ी का शासनकाल था, तब से अब तक यह हालत पटना की लगातार होती रही है. इसको लेकर कोर्ट ने कई बार फटकार लगाई. कोर्ट के आदेश से पटना में सफाई होती रही, नालों की उड़ाही होती रही है. लेकिन अब तक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया है.
नगर निगम के लिए खुशकिस्मती की बात
पिछले कुछ समय से स्वच्छता को लेकर पटना में फिर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. घर-घर से कचरा उठाया जा रहा है. कचरा की रीसाइक्लिंग की बात भी होती रही है. हालांकि इसमें अब तक सफलता पटना नगर निगम को या जिला प्रशासन के हाथ नहीं लगी है. वहीं नालों की उड़ाही के लिए अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई गई. लेकिन इस बार इतनी बारिश नहीं हुई है कि पिछले साल जैसी हालत हो जाए. जो नगर निगम के लिए खुशकिस्मती की बात है.
अर्बन डेवलपमेंट स्कीम
इसको लालू के शासनकाल से तुलना को बीजेपी नेता सही नहीं मानते. बीजेपी के पास पिछले लंबे समय से नगर विकास विभाग का प्रभार रहा है. बीजेपी नेता यह कहते हैं कि पटना के साथ बिहार के अन्य जिलों को भी अर्बन डेवलपमेंट स्कीम से जोड़ा गया है और तमाम जिलों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. जिसके नतीजे आने वाले समय में देखने को मिलेंगे.
15 सालों में एनडीए सरकार ने क्या किया
वहीं राजद नेता यह मानते हैं कि जब लालू और राबड़ी का शासन इतना ही बुरा था, तो पिछले 15 सालों में एनडीए सरकार ने क्या किया यह बता दें. इनके शासनकाल में ही पटना डूब गया और नौबत यहां तक आ गई है कि स्वच्छता के मामले में यह देश के सबसे गंदे शहरों में शुमार हो गया है.