पटनाः भारी बारिश ने राजधानी पटना को पानी-पानी कर दिया. जबकि निचली इलाको में जलजमाव. वहीं दूसरी तरफ पटना नगर निगम का ड्रेनेज जवाब दे गया. पानी निकलने की आस में बैठे कंकड़बाग, राजेन्द्र नगर सहित कई इलाके के लोगों को उस समय गहरा धक्का. जब पता चला कि नगर निगम के पास शहर के ड्रेनेज नेटवर्क का नक्शा ही नहीं है. निगम को तो यह भी मालूम नहीं है कि किस तरफ से और कैसे पानी निकलेगा.
2017 से गायब है ड्रेनेज नेटवर्क का नक्शा
यहां बारिश के दौरान नगर निगम सोती रही. वहीं बारिश का पानी पटनावासियों के लिए काल बन गया. बताया जा रहा है कि निगम के पास 2017 से ही यह नक्शा गायब है. इस बार भारी बारिश ने जल निकासी की कलई खोल दी. आलम यह है कि बगैर नक्शे के निगम के अधिकारी और कर्मचारियों को पटना से पानी निकालना मुश्किल लग रहा है. निगम के अधिकारियों के पास नालियों से लेकर कैचपिट-मैनहोल की सही जानकारी नहीं मिल पा रही. जिसके कारण निचले इलाकों में जमा पानी बदबू देने लगा है.
निगम के अधिकारियों ने साधी चुप्पी
निगम के अधिकारी को जानकारी देने की स्थिति में नहीं है कि शहर में ड्रेनेज कितने किलोमीटर फैला में है. शहर के कुछ पॉश इलाकों के डूबे रहने और लगभग हर मुहल्ले में जलजमाव के पीछे यहीं सबसे बड़ा कारण है. जलनिकासी के लिए अंडरग्राउंड नालियों की तलाश में पानी की पाइप तक तोड़ दिया जा रहा है. नक्शा नहीं होने के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं. जिसमें शहर के अंदर नाले का निर्माण अलग-अलग माध्यमों से कराया जाना भी एक कारण है.
बुडको पर ठीकरा फोड़ रही मेयर
वहीं, ओपन ड्रेनेज की सफाई पर भी निगम सवालों के घेरे में है. हालांकि मेयर सीता साहू सफाई की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ ले रही है. वहीं जलजमाव का सारा ठिकरा बुडको पर फोड़ रही हैं. वहीं मेयर का कहना है कि नक्शा कहीं गायब हो गया है. इसकी जिम्मेवारी भी बुडको की है. निगम ने पुराने कर्मचारियों से नाले की सफाई करवाई है. उनका कहना है कि नक्शा मिलने या नहीं मिलने से ज्यादा अहम है संप हाउस का चलना. बुडको के तहत चलने वाले संप हाउस बंद है. जिसके कारण पानी रफ्तार से नहीं निकल पा रहा. दिनकर गोलंबर, सैदपुर, रामपुर पंप हाउस की स्थिति सबसे खराब है.
पुराने कर्मचारियों के पास ड्रेनेज नेटवर्क की जानकारी
मेयर के मुताबिक संप हाउस के परिचालन की जिम्मेदारी पहले राज्य जल परिषद की थी, जो अब बुडको के पास है. उन्हीं के पास नालों का नक्शा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि निगम के पुराने कर्मचारियों के पास ड्रेनेज नेटवर्क की जानकारी है. उन्हीं के निर्देशन में नालों की सफाई कराई गई.
'दूसरा नक्शा क्यूं नहीं बना'
दूसरी तरफ शहरी विकास मंत्री सुरेश शर्मा ड्रेनेज नेटवर्क का नक्शा निगम के पास नहीं रहने की स्थिति में क्या उपाय किए गए? निगम के पास बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति है. इसको लेकर कोई प्रस्ताव लाया गया? उन्होंने कहा कि निगम को ड्रेनेज नेटवर्क का नक्शा बनवाना चाहिए.