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Mission 2024: कांग्रेस 9 और वामदलों की 11 पर दावेदारी.. तो क्या RJD-JDU को बिहार में 10-10 सीटों पर लड़ना पड़ेगा? - Lok Sabha elections 2024

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश भर में विपक्षी एकता आकर ले चुकी है. अब सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा चल रही है लेकिन बिहार में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती है. कांग्रेस और वामदलों ने जिस प्रकार से 20 सीटों पर दावा ठोका है, उससे आरजेडी और जेडीयू के लिए मुश्किल बढ़ गई है. बड़ा सवाल ये भी है कि अगर आधी सीट सहयोगी दलों में बंट जाएगी तो क्या आरजेडी-जेडीयू सिर्फ 10-10 सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगे?

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 9, 2023, 7:25 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना: I.N.D.I.A यानी इंडिया गठबंधन के बैनर तले देश के तमाम विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. मुंबई की बैठक में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी थी. बिहार में सीट शेयरिंग को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के कंधों पर है. माना जा रहा है कि सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे दिया जाएगा लेकिन उसके पहले ही महागठबंधन के घटक दलों की ओर से दावेदारी भी शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: 'हमने कोई घोषणा नहीं की..मुंबई कमेटी तय करेगी..' सीटों के सवाल पर अखिलेश सिंह का यू टर्न

बिहार कांग्रेस का 9 सीटों पर दावा: बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही है. महागठबंधन में 6 घटक दल शामिल हैं. सभी दलों ने खुलकर लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी दावेदारी शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी ने मजबूती से अपना पक्ष रखा है. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार के 9 लोकसभा सीटों पर दावा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में हम मजबूत स्थिति में हैं और विपक्षी खेमे से अगर 2019 में एक सांसद चुनाव जीते भी थे तो वह भी हमारी पार्टी से ही हैं.

"हम बिहार में मजबूत स्थिति में हैं. हमारे एक सांसद भी हैं. हमने अपने दावे कर दिए हैं और हमारे दावों में दम भी है. नौ सीटों पर हम अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं"- अखिलेश प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस

7 सीटों पर माले की दावेदारी: वहीं, सीपीआईएमएल महागठबंधन की चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. उसकी ओर से भी दावेदारी कर दी गई है. पार्टी की ओर से 7 सीटों पर दावा किया गया है. शाहबाद क्षेत्र को पार्टी मजबूत किला मानती है. इसके अलावे सीपीआई की ओर से तीन सीटों पर दावा किया गया है, जिनमें बेगूसराय और उजियारपुर लोकसभा सीट शामिल है. उधर, सीपीएम का भी एक लोकसभा सीट पर दावा है.

"हमने लालू प्रसाद यादव को प्रस्ताव दे दिया है. शाहाबाद क्षेत्र में हमारी स्थिति मजबूत है और महागठबंधन में हमारे आने के बाद मजबूती आई है. इस हिसाब से हमारा दावा मजबूत है"- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा माले

क्या 10-10 सीटों पर लड़ेंगे आरजेडी-जेडीयू?: जिस तरह से कांग्रेस और वामदलों ने सीटों को लेकर डिमांड शुरू कर दी है, अगर उसको आधार मान लिया जाए तो 40 में से आधी सीट सहयोगी दलों में ही बंट जाएगी. ऐसे में आरजेडी और कांग्रेस के लिए बस 20 सीटें बच जाएंगी. इस हिसाब से दोनों को 10-10 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा. हालांकि आरजेडी और जेडीयू के प्रवक्ता कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग में कोई दिक्कत नहीं आएगी.

"महागठबंधन 40 सीट पर तैयारी कर रहा. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है. हर दल अपने स्तर से दावे करते हैं लेकिन जब बड़े नेता बैठेंगे तो सीट शेयरिंग के मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा"- शक्ति यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

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"विपक्षी एकता के शिल्पकार नीतीश कुमार हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही महागठबंधन की सरकार मजबूती से चल रही है. ऐसे में सीट शेयरिंग के मुद्दे को भी आसानी से सुलझा लिया जाएगा. उपचुनाव के नतीजे ने भविष्य की सियासत के संकेत दे दिए हैं"- डॉ. सुनील कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि महागठबंधन के लिए सीट शेयरिंग चुनौती है. राजनीतिक दलों ने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. जिस तरीके से मांग उठ रही है, वैसे में लगता नहीं है कि आरजेडी और जेडीयू 15 -15 या फिर 16-16 सीटों पर चुनाव लड़ पाएंगे.

"अभी कांग्रेस और उससे पहले माले का जो तेवर है, उससे लगता नहीं है कि महागठबंधन में सीट समझौता आसान होगा. सवाल ये है कि राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद जो सीट बचेगी, उसे बाकी घटक दलों में बांटी जाएगी लेकिन अब ऐसा होता दिखता नहीं है"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

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पटना: I.N.D.I.A यानी इंडिया गठबंधन के बैनर तले देश के तमाम विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. मुंबई की बैठक में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी थी. बिहार में सीट शेयरिंग को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के कंधों पर है. माना जा रहा है कि सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे दिया जाएगा लेकिन उसके पहले ही महागठबंधन के घटक दलों की ओर से दावेदारी भी शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: 'हमने कोई घोषणा नहीं की..मुंबई कमेटी तय करेगी..' सीटों के सवाल पर अखिलेश सिंह का यू टर्न

बिहार कांग्रेस का 9 सीटों पर दावा: बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही है. महागठबंधन में 6 घटक दल शामिल हैं. सभी दलों ने खुलकर लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी दावेदारी शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी ने मजबूती से अपना पक्ष रखा है. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार के 9 लोकसभा सीटों पर दावा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में हम मजबूत स्थिति में हैं और विपक्षी खेमे से अगर 2019 में एक सांसद चुनाव जीते भी थे तो वह भी हमारी पार्टी से ही हैं.

"हम बिहार में मजबूत स्थिति में हैं. हमारे एक सांसद भी हैं. हमने अपने दावे कर दिए हैं और हमारे दावों में दम भी है. नौ सीटों पर हम अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं"- अखिलेश प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस

7 सीटों पर माले की दावेदारी: वहीं, सीपीआईएमएल महागठबंधन की चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. उसकी ओर से भी दावेदारी कर दी गई है. पार्टी की ओर से 7 सीटों पर दावा किया गया है. शाहबाद क्षेत्र को पार्टी मजबूत किला मानती है. इसके अलावे सीपीआई की ओर से तीन सीटों पर दावा किया गया है, जिनमें बेगूसराय और उजियारपुर लोकसभा सीट शामिल है. उधर, सीपीएम का भी एक लोकसभा सीट पर दावा है.

"हमने लालू प्रसाद यादव को प्रस्ताव दे दिया है. शाहाबाद क्षेत्र में हमारी स्थिति मजबूत है और महागठबंधन में हमारे आने के बाद मजबूती आई है. इस हिसाब से हमारा दावा मजबूत है"- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा माले

क्या 10-10 सीटों पर लड़ेंगे आरजेडी-जेडीयू?: जिस तरह से कांग्रेस और वामदलों ने सीटों को लेकर डिमांड शुरू कर दी है, अगर उसको आधार मान लिया जाए तो 40 में से आधी सीट सहयोगी दलों में ही बंट जाएगी. ऐसे में आरजेडी और कांग्रेस के लिए बस 20 सीटें बच जाएंगी. इस हिसाब से दोनों को 10-10 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा. हालांकि आरजेडी और जेडीयू के प्रवक्ता कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग में कोई दिक्कत नहीं आएगी.

"महागठबंधन 40 सीट पर तैयारी कर रहा. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है. हर दल अपने स्तर से दावे करते हैं लेकिन जब बड़े नेता बैठेंगे तो सीट शेयरिंग के मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा"- शक्ति यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

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"विपक्षी एकता के शिल्पकार नीतीश कुमार हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही महागठबंधन की सरकार मजबूती से चल रही है. ऐसे में सीट शेयरिंग के मुद्दे को भी आसानी से सुलझा लिया जाएगा. उपचुनाव के नतीजे ने भविष्य की सियासत के संकेत दे दिए हैं"- डॉ. सुनील कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि महागठबंधन के लिए सीट शेयरिंग चुनौती है. राजनीतिक दलों ने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. जिस तरीके से मांग उठ रही है, वैसे में लगता नहीं है कि आरजेडी और जेडीयू 15 -15 या फिर 16-16 सीटों पर चुनाव लड़ पाएंगे.

"अभी कांग्रेस और उससे पहले माले का जो तेवर है, उससे लगता नहीं है कि महागठबंधन में सीट समझौता आसान होगा. सवाल ये है कि राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद जो सीट बचेगी, उसे बाकी घटक दलों में बांटी जाएगी लेकिन अब ऐसा होता दिखता नहीं है"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

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