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वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ETV Bharat के पत्रकार पर हुई FIR मामले में लिया संज्ञान - सच के साथ ईटीवी भारत

ईटीवी भारत के बक्सर रिपोर्टर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है. वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) ने मामले में संज्ञान लेते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से हस्तक्षेप की मांग की है.

पटना
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Published : May 29, 2021, 10:38 PM IST

Updated : May 30, 2021, 10:53 AM IST

पटना: बक्सर में ईटीवी भारत के लिए रिपोर्टिंग करने वाले उमेश पांडेय के खिलाफ भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य के परशुराम चतुर्वेदी द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) ने संज्ञान लिया है. WJAI ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है.

ये भी पढ़ेंः बिहार: एंबुलेंस विवाद में ईटीवी भारत संवाददाता पर 10 पन्नों की FIR

WJAI की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, महासचिव डॉ. अमित रंजन और कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क ने एक संयुक्त बयान जारी कर पत्रकार पर लगाए गए आरोपों को बदले की कार्रवाई कहा है. इसमें कहा गया है कि रिपोर्टर ने एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ खबरें लिखी थीं. मंत्री की ओर से इन खबरों का खंडन तो नहीं किया गया, उल्टे कई गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकार पर ही मामला दर्ज करा दिया गया.

ये भी पढ़ेंः 'हद हो गई! केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 2 बार नहीं 4 बार किया एक ही एंबुलेंस का उद्घाटन'.

WJAI ने कहा है कि अगर खबरें तथ्यहीन या गलत थीं तो पहले मंत्री महोदय काे अपना पक्ष रखना चाहिए था. रिपोर्टर अगर उसे अपने पोर्टल या खबरों में स्थान नहीं देता तो उसे लीगल नोटिस भेजते. लेकिन ऐसा न कर सीधे रिपोर्टर पर केस दर्ज कराना यह दर्शाता है कि भाजपा नेता मीडिया को दबाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें: 'फजीहत पर भी गुम हैं अश्विनी चौबे, प्रतिनिधि से कहलवाया- एंबुलेंस नहीं 'मोबाइल यूनिट सेवा' का हुआ उद्घाटन'

संगठन के अध्यक्ष आनंद कौशल ने मंत्री से हस्तक्षेप करते हुए रिपोर्टर पर दर्ज करवाए गये मुकदमे को वापस लेने और मामले का निपटारा करने का आग्रह किया है. साथ ही कहा है कि उन्हें खबरों पर आपत्ति है तो वे अपना पक्ष संबंधित रिपोर्टर को भेजें.

ये भी पढ़ें- '4 के चक्कर में फंसे चौबे जी! 4 बार उद्घाटन के बाद भी BS-4 मॉडल एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन पर पेंच'.

केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा आईटी मंत्रालय ने भी इसी साल फरवरी में प्रावधान किया है कि अगर किसी पोर्टल की खबरों पर आपत्ति है तो इसकी शिकायत पहले ग्रीवांस अधिकारी से की जा सकती न कि संबंधित रिपोर्टर पर मुकदमा दायर कर दिया जाए.

ये भी पढ़ें: 'तीसरे दिन खुला चौबे जी का चिट्ठा! फोन बजते ही एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन वाले बयान से पलट गए DTO साहब'

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WJAI की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, महासचिव डॉ. अमित रंजन और कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क ने एक संयुक्त बयान जारी कर पत्रकार पर लगाए गए आरोपों को बदले की कार्रवाई कहा है. इसमें कहा गया है कि रिपोर्टर ने एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ खबरें लिखी थीं. मंत्री की ओर से इन खबरों का खंडन तो नहीं किया गया, उल्टे कई गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकार पर ही मामला दर्ज करा दिया गया.

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WJAI ने कहा है कि अगर खबरें तथ्यहीन या गलत थीं तो पहले मंत्री महोदय काे अपना पक्ष रखना चाहिए था. रिपोर्टर अगर उसे अपने पोर्टल या खबरों में स्थान नहीं देता तो उसे लीगल नोटिस भेजते. लेकिन ऐसा न कर सीधे रिपोर्टर पर केस दर्ज कराना यह दर्शाता है कि भाजपा नेता मीडिया को दबाना चाहते हैं.

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संगठन के अध्यक्ष आनंद कौशल ने मंत्री से हस्तक्षेप करते हुए रिपोर्टर पर दर्ज करवाए गये मुकदमे को वापस लेने और मामले का निपटारा करने का आग्रह किया है. साथ ही कहा है कि उन्हें खबरों पर आपत्ति है तो वे अपना पक्ष संबंधित रिपोर्टर को भेजें.

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केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा आईटी मंत्रालय ने भी इसी साल फरवरी में प्रावधान किया है कि अगर किसी पोर्टल की खबरों पर आपत्ति है तो इसकी शिकायत पहले ग्रीवांस अधिकारी से की जा सकती न कि संबंधित रिपोर्टर पर मुकदमा दायर कर दिया जाए.

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Last Updated : May 30, 2021, 10:53 AM IST
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