पटना: मानसून ने इस वर्ष बिहार में समय से पहले दस्तक दे दी और अब मानसून बिहार में (Monsoon in Bihar) पूरी तरीके से सक्रिय हो गया है. पूरे राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी दर्ज की जा रही है. मौसम वैज्ञानिक अमित सिन्हा ने बताया कि विगत 24 घंटों के दौरान राज्य के कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है.
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अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज
बिहार के कटैया और बलतारा में 6 मिलीमीटर, खगड़िया, मुंगेर और छपरा में 5 मिलीमीटर, राजधानी पटना, मीनापुर औप बिहपुर में 4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने और बारिश होने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है.
हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आज दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे बिहार को कवर कर चुका है. अब मानसून की उत्तरी सीमा सूरत, भोपाल, बरेली, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है. मौसम विभाग ने बिहार के सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के अधिकांश हिस्सों में वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है.
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7 जिलों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी
वहीं राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की भी संभावना व्यक्त की गई है. मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले 2 से 3 दिनों तक राज्य में मौसम की स्थिति इसी प्रकार बरकरार रहेगी. इसके साथ ही मौसम विभाग ने बिहार (Bihar) के 7 जिलों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने बिहार के जमुई, नवादा, गया, लखीसराय, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, मुंगेर के लिए अलर्ट जारी किया है.
बिहार के इन सात जिलों में तेज हवा करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है. मौसम विभाग ने लोगों को आकाशीय बिजली से बचने की सलाह दी है. साथ ही इन जिलों में बारिश और मेघगर्जन के दौरान घर से ना निकलने की सलाह भी दी है.
जानें... क्यों गिरती है बिजली?
जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है.
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अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.