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बिहार में हर साल बाढ़ क्यों आती है? जल संसाधन मंत्री संजय झा से समझिए - bihar news

बिहार में बाढ़ से तबाही की हर साल की एक ही कहानी है. हर साल भारी बारिश से उत्तर बिहार के कई जिले और गांव डूब जाते हैं. लाखों लोग प्रभावित होते हैं. सरकारें राहत कैंप लगवाती हैं, मुआवजा देती हैं और फिर अगले साल वही कहानी.

संजय झा का ट्वीट
संजय झा का ट्वीट
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Published : Jul 27, 2020, 10:08 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 10:58 PM IST

पटना: बिहार हर साल बाढ़ का दंश झेलता है. इससे करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. एक प्रकार से बाढ़ बिहार में सालाना त्रासदी बन चुकी है, जो हर साल आती ही है. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि राज्य बाढ़ की चपेट में है लेकिन नीतीश सरकार सो रही है. इस बीच, बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बाढ़ क्यों आती है?

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि, नेपाल में हाई डैम बनाए बिना बाढ़ और उसकी विभीषिका को रोकना संभव नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, 'गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, महानंदा सहित कई नदियां नेपाल से पानी लेकर उत्तर बिहार आती हैं और अंतत: बिहार के मध्य में गंगा में मिल जाती हैं. नेपाल में भारी बारिश के बाद अत्यधिक पानी आने पर ये नदियां बाढ़ का कारण बन जाती हैं.'

संजय झा का ट्वीट
संजय झा का ट्वीट

'हाई डैम बनाने के बाद ही मिलेगी बाढ़ से निजात'
जल संसाधन मंत्री ने लिखा, 'उत्तर बिहार के बड़े इलाके में बाढ़ का स्थाई समाधान तभी हो सकता है, जब नेपाल में सप्तकोशी पर हाई डैम बने (देखें संलग्न मैप). इसके लिए भारत और नेपाल सरकार के बीच वार्ता का दौर 1950 से जारी है, लेकिन दुर्भाग्य से अब तक बात नहीं बनी है.'

संजय झा का ट्वीट
संजय झा का ट्वीट

उन्होंने आगे लिखा- 'फरक्का बराज बनने के बाद से गंगा की तलहटी में गाद भर रहा है, जिससे नदी की अविरलता प्रभावित हुई है. फरक्का बराज की जल निकासी क्षमता और गंगा जल में अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय हिस्सेदारी पर पुनर्विचार की मांग बिहार वर्षों से कर रहा है.'

संजय झा का ट्वीट
संजय झा का ट्वीट

राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर
बता दें कि बिहार में बाढ़ ने आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. उत्तर बिहार के लगभग सभी जिले बाढ़ की चपेट में हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, सारण, गोपालगंज आदि जिले बाढ़ की वीभिषिका झेल रहे हैं. राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

पटना: बिहार हर साल बाढ़ का दंश झेलता है. इससे करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. एक प्रकार से बाढ़ बिहार में सालाना त्रासदी बन चुकी है, जो हर साल आती ही है. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि राज्य बाढ़ की चपेट में है लेकिन नीतीश सरकार सो रही है. इस बीच, बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बाढ़ क्यों आती है?

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि, नेपाल में हाई डैम बनाए बिना बाढ़ और उसकी विभीषिका को रोकना संभव नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, 'गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, महानंदा सहित कई नदियां नेपाल से पानी लेकर उत्तर बिहार आती हैं और अंतत: बिहार के मध्य में गंगा में मिल जाती हैं. नेपाल में भारी बारिश के बाद अत्यधिक पानी आने पर ये नदियां बाढ़ का कारण बन जाती हैं.'

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'हाई डैम बनाने के बाद ही मिलेगी बाढ़ से निजात'
जल संसाधन मंत्री ने लिखा, 'उत्तर बिहार के बड़े इलाके में बाढ़ का स्थाई समाधान तभी हो सकता है, जब नेपाल में सप्तकोशी पर हाई डैम बने (देखें संलग्न मैप). इसके लिए भारत और नेपाल सरकार के बीच वार्ता का दौर 1950 से जारी है, लेकिन दुर्भाग्य से अब तक बात नहीं बनी है.'

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उन्होंने आगे लिखा- 'फरक्का बराज बनने के बाद से गंगा की तलहटी में गाद भर रहा है, जिससे नदी की अविरलता प्रभावित हुई है. फरक्का बराज की जल निकासी क्षमता और गंगा जल में अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय हिस्सेदारी पर पुनर्विचार की मांग बिहार वर्षों से कर रहा है.'

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राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर
बता दें कि बिहार में बाढ़ ने आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. उत्तर बिहार के लगभग सभी जिले बाढ़ की चपेट में हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, सारण, गोपालगंज आदि जिले बाढ़ की वीभिषिका झेल रहे हैं. राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

Last Updated : Jul 27, 2020, 10:58 PM IST
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