पटना: इस भीषण गर्मी के दिनों में पटना के ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. कई जगहों पर सरकारी चापाकल खराब हो चुके हैं. वहीं मुख्यमंत्री हर घर नल जल योजना पूरी तरह से फेल हो गया है. इस तरीके से धनरूआ थाना क्षेत्र के कोल्हाचक मुसहरी में एक चापाकल के डेढ़ सौ परिवार के लोग काम करते हैं. रोजाना पानी लेने के लिए सुबह से लेकर शाम तक लोगों को जद्दोजहद करना पड़ता है.
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डेढ़ सौ परिवार एक चापाकल के सहारे: धनरूआ के कोल्हाचक में करीब डेढ़ सौ परिवार के लोगों को पानी के लिए काफी तकलीफ होती है. यहां पर रहने वाले लोग एक ही चापाकल के सहारे हैं. बताया जाता है कि उस इलाके में तीन चापाकल है. लेकिन चालू स्थिति में एक ही है. जहां से लोग पानी लेने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं. इधर, मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना के तहत लगाए गए हर घर नल जल के तहत सभी मोटर खराब हो जाने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दो सालों से बंद नल जल योजना: इस भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही पानी के लिए लोग इधर-उधर भटकने को विवश हो रहे हैं. रोजाना सुबह से लेकर शाम तक एक ही चापाकल पर जद्दोजहद कर रहे हैं. इस स्थिति के कारण प्रशासन और सरकार के खिलाफ आक्रोश भी पनप रहा है. लोगों का कहना है कि जो खराब चापाकल है. उसकी अविलंब मरम्मत करवाई जाए. साथ ही स्थानीय प्रशासन को लिखित आवेदन देकर चापाकल लगाने के लिए गुहार भी लगा रहे हैं. स्थानीय रंजन मांझी ने कहा कि वार्ड पार्षद सतेंद्र की लापरवाही के कारण नल जल चालू नहीं हो पाया है.
चापाकल बनवाने के लिए मांग पर सुनवाई नहीं: एक ओर जहां जिला प्रशासन ने चापाकल बनाने के लिए मोबाइल वैन की शुरुआत की है. वहीं पर खराब चापाकल के मरम्मत के बिना लोगों को परेशानी झेलना पड़ रहा है. पत्र मिलने के बाद भी प्रशासनिक उदासीनता इतनी बढ़ गई है कि पूरे डेढ़ सौ परिवार एक ही चापाकल से रोजाना पानी लेकर काम कर रहे हैं. इस पूरे मामले में मसौढ़ी एसडीएम प्रीति कुमारी ने अविलंब मरम्मती करवाने का आश्वासन दिया है.