पटना: राजधानी पटना का गर्दनीबाग अस्पताल (Gardanibagh Hospital) हल्की बारिश के बाद ही सरकार की सारी तैयारियों की पोल खोल देता है. गर्दनीबाग अस्पताल में जिला सिविल सर्जन कार्यालय है. जिला स्वास्थ्य समिति का कार्यालय भी यही है. इसके बाद भी यहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही.
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बारिश होने पर अस्पताल परिसर में घुटने भर पानी जमा (Waterlogging in Hospital) हो जाता है. इससे अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों की तकलीफें बढ़ जाती हैं. अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजनों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जलजमाव होने पर अस्पताल के किनारे लगा कचरा बीच कैंपस में बहने लगता है. ऐसे में बीमारी फैलने का डर भी बन जाता है.
गर्दनीबाग अस्पताल में वैक्सीन लेने पहुंचे प्रवीण कुमार ने कहा कि 2 घंटे की बारिश में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावे की पोल खुल गई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय अस्पतालों को सुदृढ़ करने का दावा करते हैं. यहां ऐसा कुछ भी नहीं है. जब भी बारिश होती है यहां जलजमाव हो जाता है. जल निकासी के लिए सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया जाता.
प्रवीण कुमार ने कहा कि बरसात का मौसम है. सरकार की तरफ से अस्पताल में जगह-जगह डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से बचाव के लिए पोस्टर चस्पा किए गए हैं. उसमें यह बताया जा रहा है कि कहीं भी जलजमाव ना होने दें, मगर अस्पताल में ही यह स्थिति है. ऐसे में अस्पताल पहुंचने पर यहां से कई अन्य बीमारी साथ लेकर जाने का डर है.
अपनी पत्नी का इलाज कराने पहुंचे बुजुर्ग वीरेंद्र विश्वास ने बताया कि इस अस्पताल में बारिश के बाद जलजमाव होना आम बात है. इसके समुचित निदान के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए ताकि बारिश का पानी कैंपस में जमा नहीं हो. पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए. बताते चलें कि अस्पताल में जल निकासी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दो मोटर चलाए जा रहे हैं. अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि अगर रात में बारिश नहीं होती है तो सोमवार सुबह तक मोटर चलाकर पूरा पानी निकाल दिया जाएगा.
दूसरी ओर बारिश के चलते पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी जलजमाव हो गया. अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सभी वार्डों में पानी भर गया. जलजमाव के चलते अस्पताल में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों का काफी परेशानी हुई. अस्पताल के कर्मचारी पानी निकालने में जुटे रहे.
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